अस्पताल के अंदर बुलेट चला कर मचाया आतंक, ड्रेसिंग रूम का तोड़ा दरवाजा मरीज व स्टॉफ हुए भयभीत
*स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर स्टाफ में असुरक्षा की भावना कैसे कर पाएंगे मरीजों का इलाज*
अनूपपुर
जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पसान में रोज की तरह डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे, इसी समय एक सफेद कलर की बुलेट में चार लड़के सवार होकर आते हैं और अस्पताल के अंदर बुलेट चला कर जाते हैं, पूरे बरामदे में बुलेट को घुमा घुमा कर स्टंट करते हुए अपना आतंक दिखाते है, ड्यूटी के दौरान मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर विपिन कुमार के केबिन में जाकर उनके साथ गाली गलौज की हरकत करते हैं, यह सब नजारा देखकर वहां उपस्थित मरीज अस्पताल का स्टाफ सन्न रह जाते हैं, डॉक्टर के मना करने पर वे लोग उन्हें अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उनके साथ अमर्यादित व्यवहार करते हुए, उनके गले में लटक रहे आला को खींचकर फेंकते हैं, उन्हें गंदी गंदी गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर बुलेट में बैठकर ड्रेसिंग रूम के दरवाजे को तोड़ते हुए चारों लड़के बुलेट से सीढ़ियों से उतारकर वापस चले जाते हैं।
उक्त घटना के बाद डॉक्टर के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी देते हुए अवगत कराया गया और भालूमाडॉ थाने में भी सूचना दी गई, जहां से दो पुलिसकर्मी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आए लेकिन तब तक वह चारों लड़के जा चुके थे। उक्त घटना की जानकारी जैसे ही परासी, कोतमा स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ एवं डॉक्टर को पता चला सभी लोगों में इस घटना से काफी नाराजगी देखी गई और सभी लोगों ने अपनी सुरक्षा मरीज की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए भालूमाड़ा थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई गई, जहां पर शिकायतकर्ता डॉक्टर विपिन कुमार के साथ डॉक्टर अनुराग सिंह डॉक्टर मुकेश रवि एवं परासी फुनगा कोतमा के मेडिकल स्टाफ भी उनके साथ थाने में उपस्थित रहे। डॉ विपिन कुमार की शिकायत पर चारों आरोपियों जिनमे सफेद कलर की बिना नंबर की बुलेट चलाने वाला युवक मनु पिता रमेश उसके साथ में बैठा युवक ओम पिता चारकु व अन्य दो लड़कों के खिलाफ थाने में धारा BNS के तहत 33 1(3), 296,115(2) 351(3), 324(4), 132,121 (1), 3 (5) BNS मध्य प्रदेश चिकित्सा या चिकित्सा से संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 3/4 कायम करते हुए विवेचना में लिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर विपिन कुमार के साथ घटित घटना के बाद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफ डरा-सहमा है जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुबह से लेकर देर रात तक मरीजों की इलाज के लिए खुला रहता है, डॉक्टर विपिन कुमार है जो इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कैंपस में निवास करते हैं, यहीं पर यहां पदस्थ स्टाफ नर्स का भी आवास है, स्वास्थ्य केंद्र के अगल-बगल चारों ओर दूर-दूर तक कोई आवास नहीं है सामने बालिका छात्रावास है और जिस प्रकार से यहां पर आए दिन अराजक तत्व जानबूझकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उत्पाद मचाते हैं, जिस प्रकार की घटना घटित हुई है उससे अब यहां का स्टाफ अपने आप को आसुरक्षित महसूस कर रहे है कैंपस में रहने वाले डॉक्टर उनका परिवार स्टाफ नर्स उसका परिवार अब डरे समय है कि रात विरात कभी भी कोई भी आकर इन पर हमला कर सकता है, जिनको बचाने के लिए कोई आने वाला नहीं है।