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अस्पताल के अंदर बुलेट चला कर मचाया आतंक, ड्रेसिंग रूम का तोड़ा दरवाजा मरीज व स्टॉफ हुए भयभीत

*स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर स्टाफ में असुरक्षा की भावना कैसे कर पाएंगे मरीजों का इलाज*

अनूपपुर

जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पसान में रोज की तरह डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे, इसी समय एक सफेद कलर की बुलेट में चार लड़के सवार होकर आते हैं और अस्पताल के अंदर बुलेट चला कर जाते हैं, पूरे बरामदे में बुलेट को घुमा घुमा कर स्टंट करते हुए अपना आतंक दिखाते है, ड्यूटी के दौरान मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर विपिन कुमार के केबिन में जाकर उनके साथ गाली गलौज की हरकत करते हैं, यह सब नजारा देखकर वहां उपस्थित मरीज अस्पताल का स्टाफ सन्न रह जाते हैं, डॉक्टर के मना करने पर वे लोग उन्हें अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उनके साथ अमर्यादित व्यवहार करते हुए, उनके गले में लटक रहे आला को खींचकर फेंकते हैं, उन्हें गंदी गंदी गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर बुलेट में बैठकर ड्रेसिंग रूम के दरवाजे को तोड़ते हुए चारों लड़के बुलेट से सीढ़ियों से उतारकर वापस चले जाते हैं।

उक्त घटना के बाद डॉक्टर के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी देते हुए अवगत कराया गया और भालूमाडॉ थाने में भी सूचना दी गई, जहां से दो पुलिसकर्मी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आए लेकिन तब तक वह चारों लड़के जा चुके थे। उक्त घटना की जानकारी जैसे ही  परासी, कोतमा  स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ एवं डॉक्टर को पता चला सभी लोगों में इस घटना से काफी नाराजगी देखी गई और सभी लोगों ने अपनी सुरक्षा मरीज की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए भालूमाड़ा थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई गई, जहां पर शिकायतकर्ता डॉक्टर विपिन कुमार के साथ डॉक्टर अनुराग सिंह डॉक्टर मुकेश रवि एवं परासी फुनगा कोतमा के मेडिकल स्टाफ भी उनके साथ थाने में उपस्थित रहे। डॉ विपिन कुमार की शिकायत पर चारों आरोपियों जिनमे सफेद कलर की बिना नंबर की बुलेट चलाने वाला युवक मनु पिता रमेश उसके साथ में बैठा युवक ओम पिता चारकु व अन्य दो लड़कों के खिलाफ थाने में धारा BNS के तहत 33 1(3), 296,115(2) 351(3), 324(4), 132,121 (1), 3 (5) BNS मध्य प्रदेश चिकित्सा या चिकित्सा से संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 3/4 कायम करते हुए विवेचना में लिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर विपिन कुमार के साथ घटित घटना के बाद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफ डरा-सहमा है जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुबह से लेकर देर रात तक मरीजों की इलाज के लिए खुला रहता है, डॉक्टर विपिन कुमार है जो इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कैंपस में निवास करते हैं, यहीं पर यहां पदस्थ स्टाफ नर्स का भी आवास है, स्वास्थ्य केंद्र के अगल-बगल चारों ओर दूर-दूर तक कोई आवास नहीं है सामने बालिका छात्रावास है और जिस प्रकार से यहां पर आए दिन अराजक तत्व जानबूझकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उत्पाद मचाते हैं, जिस प्रकार की घटना घटित हुई है उससे अब यहां का स्टाफ अपने आप को आसुरक्षित महसूस कर रहे है कैंपस में रहने वाले डॉक्टर उनका परिवार स्टाफ नर्स उसका परिवार अब डरे समय है कि रात विरात कभी भी कोई भी आकर इन पर हमला कर सकता है, जिनको बचाने के लिए कोई आने वाला नहीं है।

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गुणवत्ता विहीन कार्य व कमीशनखोरी का लगा आरोप, देवी चौरा बाउंड्री वॉल निर्माण में घोटाला

*ग्राम पंचायत बगैहा टोला का मामला*

अनूपपुर

जिले के जनपद पंचायत कोतमा अंतर्गत ग्राम पंचायत बगैहा टोला स्थान देवी चौरा में चल रहे बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय निवासियों और सूत्रों का दावा है कि पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत से गुणवत्ता विहीन कार्य करवाया जा रहा है।

आरोपों के मुताबिक, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और सम्बंधित इंजीनियर आपसी सांठगांठ से अपने ही चाहते ठेकेदार को ही काम दिया गया  हैं। बताया जा रहा है कि ठेका देने से पहले ही इन अधिकारियों द्वारा ठेकेदार से कमीशन की मोटी रकम तय कर ली गई है। इस सौदेबाजी का सीधा असर काम की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे बन बाउंड्री वॉल निर्माण दीवार की मजबूती  पर सवाल उठ रहे हैं। यह निर्माण कार्य सार्वजनिक धन से किया जा रहा है, और आम जनता का पैसा इस तरह की अनियमितताओं की भेंट चढ़ता नज़र आ रहा है।

स्थानीय लोगों में इस मामले को लेकर गहरा रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस शिकायत के साथ कई बार उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन सरपंच और इंजीनियर की साठ-गांठ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्हें डर है कि यह गुणवत्ता विहीन निर्माण अभी बाउंड्री वॉल पूरी तरह बनी भी नहीं है, लेकिन उसके कई स्थान  में दरारें आ गई हैं और कुछ हिस्से उखड़ने लगे हैं। यह नज़ारा सार्वजनिक धन की बर्बादी और भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है। इस गुणवत्ता विहीन कार्य को लेकर कई ग्रामीण वासी मध्य प्रदेश शासन की पोर्टल 181 में भी शिकायत दर्ज कराई है अब यह देखना है कि इस बाउंड्री  का निर्माण के संबंध में कोई कार्यवाही होती है या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।   

*इनका कहना है। 

बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन हो रहा है इस संबंध में हमने 181 में भी शिकायत किया है, जिम्मेदार पंचायत के सचिव एवं सरपंच को भी अवगत कराया गया, लेकिन इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया       

*विपिन सोनी ग्रामीण*     

बाउंड्री वॉल निर्माण मामले में जब हमने जिला पंचायत सीईओ से संपर्क किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं हुआ।

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नगर पालिका बना भ्रष्टाचार का गढ़, भुगतान के बदले कमीशन का खेल धड़ल्ले से जारी

अनूपपुर

नगर पालिका परिषद बिजुरी एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है, लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर है। सूत्रों के अनुसार भुगतान शाखा में पदस्थ कर्मचारी तरुण मिश्रा पर कमीशन  खोरी, फाइलों को दबाने और बेखौफ होकर डिजिटल माध्यम से भी पैसे वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप ऐसे समय में सामने आया है, जब जनता में पहले से ही स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली से असंतुष्टता के भाव प्रदर्शित हो रहे हैं।

​आरोप है कि भुगतान शाखा में सिर्फ उन्हीं फाइलों को आगे बढ़ाया जाता है, जिनमें मोटा कमीशन मिलने की गारंटी होती है। अगर कोई ठेकेदार या व्यक्ति कमीशन देने से इनकार करता है, तो उसकी फाइल को या तो रोक दिया जाता है, या फिर स्पष्ट शब्दों में सीधे कह दिया जाता है कि फाइल गुम हो गई है, इस बहाने से तरुण मिश्रा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता हैं। हाल ही में हुए त्यौहारी सीजन में यह खेल और भी खुलकर सामने आया। कुछ खास ठेकेदारों और पार्षद पतियों की फाइलों का भुगतान तो तुरंत कर दिया गया, जबकि बाकियों की फाइलें अभी भी धूल फांक रही हैं। इस मनमानी से सिर्फ ठेकेदार ही नहीं, बल्कि अन्य और लोग आक्रोशित है।

​आरोप सिर्फ नकद कमीशन तक सीमित नहीं है। बताया जा रहा है कि तरुण मिश्रा फोन-पे जैसे डिजिटल माध्यमों से भी बिना किसी डर के पैसे लेते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनकी मांग है कि तरुण मिश्रा की पत्नी ज्योत्सना मिश्रा के बैंक खातों की जांच की जाए, जिससे इस 'डिजिटल कमीशनखोरी' का पूरा सच सामने आ सके। ​नगर पालिका में इस तरह की अपारदर्शी कार्यप्रणाली कोई नई बात नहीं है, लेकिन नगर कि जनता अब पूछ रही है कि, ​क्या जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेंगे, ​क्या फाइलों के गुम होने के पीछे का सच उजागर होगा, ​या हमेशा की तरह प्रशासन इस बार भी आंखें मूंद लेगा। पूरे नगर में यही चर्चा है कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि कठोर कार्रवाई की जरूरत है, जिससे नगर कि जनता का भरोसा प्रशासन पर दोबारा कायम हो सके।

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वन विभाग की नीतियो से सिंचाई परियोजनाओ को लगा ग्रहण, आखिर कार वन अधिकारियों की कब खत्म होगी आपत्ति 

*एक दशक बीत जाने के बाद भी वन विभाग नही जारी कर पस्य अनापत्ति प्रमाण पत्र*

उमरिया

उमरिया जिले में सिंचाई परियोजनाओ में अकुत धन राशि व्यय होने के बाद भी एक दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाये वन विभाग की हठधर्मिता के चलते अधर में लटकी हुई है, जिससे इन सिंचाई परियोजनाओ का एक तरफ किसानों को मिलने वाले व्यापक लाभ से  वंचित हैं वही पर शासकीय धन राशि  व्यय होना दशकों से औचित्यहीन साबित हो रहा है।अब इन सिंचाई परियोजनाओ को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धन राशि का अपव्यय होगा यह एक गंभीर बिषय बन गया है ।बताया जाता है कि वन विभाग की अंडगे बाजी के पीछे की असली वजह विभागीय अधिकारियों की कमाऊ नीति ही बतायी जाती है ,जिसकी झलक भी साफ दिखाई दे रही है ।विदित होवे की इसी सत्र में उमरिया जिले में निजी कोयला कंपनियों के लिए वन विभाग ने अपने वन भूमि के व्दार खोलकर रख दिया और सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि  आनन -फानन में निजी कंपनियों के हवाले कर दिया  गया है , जबकि इसी जिले में दर्जनों सिंचाई परियोजनाओ का निर्माण कार्य दशकों से लटका रखा गया है , उन के निराकरण में वन विभाग की उदासीनता ने यह साबित कर दिया है की सिंचाई परियोजनाओ के लिए वन भूमि देने से वन विभाग के अधिकारियों को व्यक्तिश कोई लाभ नहीं मिलने वाला । यह कृत्य वन विभाग के हितैषी अधिकारियों के ईमानदारी की असलियत खोलकर रख दी है । आश्चर्यजनक कहा जाये की जिन सिंचाई परियोजनाओ में  वन भूमि अधिग्रहीत की गयी है और उसके बदले में राजस्व भूमि को वन विभाग को हस्तांतरित कर दी गयी है ,फिर भी वन विभाग अपनी वन भूमि पर  अनापत्ति नही दे रहा , इसके चलते  अधिकतर सिंचाई परियोजनाये निर्माणाधीन पडी हुई है,या निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उनमें पानी का भराव न हो पाने के कारण सरकार की महती परियोजनाये सफेद हाथी दिखाई दे रही है। विडम्बना ही कहा जाये की किसानों को खुशहाल बनाने उनकी आमदनी दुगनी करने,कृषि लागत कम करने के लिए, प्रदेश में सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए किसानों की हित बध्द मध्यप्रदेश सरकार सुनहरे सपनों पर वन विभाग ने जिस तरह से  कुठाराघात कर महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओ को बाधित किया है इसकी उच्च स्तरीय समीक्षा कर शासन स्तर से प्रयास किये जाने चाहिए , ताकि सरकार के सपनों को पंख लग सकें , और सिंचाई परियोजनाओ का वास्तविक लाभ प्रभावित किसानों को मिल सकें ।

भडारी परियोजना में अनावश्यक दखलांदाजी

जिले की मानपुर तहसील की सिंचाई परियोजना जो की वर्ष 2011-12 में प्रारंभ हुई थी , इस परियोजना में 14,935 हेक्टेयर वन भूमि बांध के कैचमेंट एरिया में आती है ,इस वन भूमि के बदले में मध्यप्रदेश शासन कलेक्टर उमरिया के व्दारा पाली तहसील के अर्जुनी गांव में 14,935 हेक्टेयर राजस्व भूमि 18-5-2015 को वन भूमि में तब्दील कर वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है फिर भी एक दशक बीत जाने के बाद भी वन विभाग अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहा , जिससे परियोजना का निर्माण कार्य लटका हुआ है ।यह समझ से परे हैं की आखिर कार सरकार के ही विभिन्न विभागो के समन्वय के अभाव के कारण सिंचाई परियोजनाओ को ग्रहण लगा हुआ है । जानकर सूत्रों का कहना है की उमरिया वन मंडलाधिकारी से लगातार संपर्क कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया गया है, लेकिन उनकी कलम आगे नहीं बढ़ पा रही । कोल कंपनियों को हजारों हेक्टेयर वन भूमि आवंटित करने के बाद भी वन अधिकारियों को शर्मनाक स्थिति से उबरने का प्रयास कब करेगा ।

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आक्रामक हुआ हाथी देर रात युवक को सूढ से पकड़ कर पटका, घायल अस्पताल में भर्ती

अनूपपुर

विगत 3 दिन पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही सीमा से अनूपपुर जिले की सीमा में पहुंचा एक नर हाथी आक्रामक स्थिति में दिखाई दे रहा है, जो वन कर्मचारियों के साथ आम जनों पर भी आक्रमण करने की कोशिश करता है, विगत रात जैतहरी के ग्राम पंचायत लहरपुर के गोडान टोला निवासी 45 वर्षीय हेमराज सिंह पिता सुखलाल सिंह को सूढ से पड़कर फेंक दिया, जिससे उसके कमर, पैर में चोट आने पर जिला चिकित्सालय अनूपपुर में भर्ती कराया गया है, वही यह हाथी पूरे दिन वन परिक्षेत्र ,थाना एवं तहसील जैतहरी के धनगवां बीट अंतर्गत कुसुमहाई गांव से लगे जंगल में ठहरने बाद कुसुमहाई गांव से पचौहा के पाठबाबा,लहरपुर टकहुली से बस स्टैंड जैतहरी से तिपान नदी पार कर सुबह होने पर गोबरी के जंगल से ठेगरहा गांव पहुंचकर जंगल के किनारे बसे कुन्ना कोल के घर का दरवाजा को तोड़फोड़ कर बांड़ी में लगे भुट्टा की फसल को खाते हुए अनूपपुर वन परिक्षेत्र के दु्धमनिया बीट अंतर्गत बांका गांव से ग्राम पंचायत गौरेला के बरटौला में स्थित जंगल के लेन्टाना में छिपकर विश्राम कर रहा है, यह नर हाथी लगभग 20 किलोमीटर की दूरी रात भर चलकर तय किया है वनविभाग का गश्ती दल ग्रामीणों के सहयोग से हाथी के विचरण पर निरंतर निगरानी रखते हुए आम जनों को हाथी से दूर रहने किसी भी तरह की छेड़खानी हाथी से नहीं करने देर शाम होते ही जंगल के किनारे अथवा गांव से बाहर कच्चे मकान बना कर रह रहे हैं, ग्रामीणों को साम रात होने के पूर्व बीच गांव बस्ती में सुरक्षित रहने की अपील की है।

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संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट में बड़ा हादसा, ब्रेकर ब्लास्ट से ठेका श्रमिक गंभीर रूप से झुलसा,

*प्रबंधन की लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल*

उमरिया

जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट में शुक्रवार की सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब प्लांट के अंदर 500 मेगावाट इकाई के 6.6/11 केवी पैनल में अचानक ब्रेकर ब्लास्ट हो गया। इस घटना में ठेका श्रमिक राजेन्द्र वर्मा (आयु 48 वर्ष), निवासी वार्ड क्रमांक 7 बिरसिंहपुर पाली गंभीर रूप से झुलस गए। जानकारी के मुताबिक हादसा सुबह 10 से 11 बजे के बीच हुआ, जब प्लांट असिस्टेंट रविकांत नामदेव द्वारा बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए ठेका श्रमिक से कार्य कराया जा रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और कई श्रमिकों में दहशत का माहौल बन गया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हादसे की जानकारी पुलिस या प्रशासन को तुरंत नहीं दी गई। इसके बजाय प्रबंधन ने घटना को दबाने की नीयत से घायल श्रमिक को पहले एमपीईबी अस्पताल ले जाया गया, फिर बिना स्पष्ट कारण बताए शहडोल रेफर किया गया। मगर आधे रास्ते से ही उसे वापस एमपीईबी अस्पताल ले आया गया और मीडिया के सवालों से बचने के लिए दोबारा शहडोल भेजा गया। वर्तमान में घायल श्रमिक का इलाज एक निजी अस्पताल में जारी है। इस तरह की कार्यशैली ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर प्रबंधन ऐसे गंभीर हादसों को दबाने की कोशिश क्यों करता है? क्या श्रमिकों की जान की कोई कीमत नहीं है।

ग्रामीणों और श्रमिक संगठनों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि प्लांट में ठेका श्रमिकों से काम कराने के दौरान सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। बड़े-बड़े अधिकारियों की मौजूदगी न होने के बावजूद उन्हें जोखिम भरे काम सौंप दिए जाते हैं। हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट और अन्य जरूरी उपकरणों की कमी पहले से ही बनी रहती है। यही कारण है कि हादसे लगातार होते हैं और कई बार श्रमिक अपनी जान भी गंवा बैठते हैं। स्थानीय लोगों और श्रमिकों का कहना है कि प्लांट प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी हमेशा ऐसे मामलों को छिपाने में लगे रहते हैं। मीडिया को सही जानकारी नहीं दी जाती और घायल श्रमिकों को तुरंत उचित इलाज दिलाने के बजाय बार-बार इधर-उधर रेफर कर मामले को उलझाया जाता है।

कानून के मुताबिक किसी भी औद्योगिक दुर्घटना की जानकारी तुरंत पुलिस और प्रशासन को दी जानी चाहिए। लेकिन संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट में हुए इस हादसे की सूचना न तो पुलिस को दी गई और न ही किसी प्रकार की एफआईआर दर्ज की गई। यह गंभीर सवाल है कि आखिर श्रमिकों की जान से खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिक सूचना रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं होती? क्या बड़े पद और सत्ता के दबाव में यह सब दबा दिया जाता है। हादसे के बाद श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि घायल श्रमिक को उचित मुआवजा और उसके परिवार को सहयोग नहीं दिया गया तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि पावर प्लांट से करोड़ों की बिजली उत्पादन हो रही है, लेकिन श्रमिकों की सुरक्षा और जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह असहनीय है और अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर शासकीय विद्यालय पाली में युवाओं ने क्विज कार्यक्रम किया आयोजन

उमरिया

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया द्वारा शासकीय विद्यालय पाली में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मानवता की  ब्रह्मांड की खोज के लिए चल रहे प्रयासों का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। हर साल इस दिन को मनाकर, हम उन उपलब्धियों और खोजों का जश्न मनाते हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष के बारे में हमारी समझ को गहराई से प्रभावित किया है।

टीम संयोजक हिमांशु तिवारी ने विषय की महत्वता और कार्यक्रम के बारे में बताया गया। चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के अवतरण और प्रज्ञान रोवर के परिनियोजन से चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया। भारत सरकार इस ऐतिहासिक क्षण की स्मृति में हर वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रज्ञान रोवर व विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के वीडियो दिखाए।भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस देश की प्रगति को प्रतिबिंबित करने, हमारे वैज्ञानिकों के योगदान का जश्न मनाने एवं भविष्य की पीढ़ियों को अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़े लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है।अंतरिक्ष दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अंतरिक्ष से जुड़े विभिन्न विषयों के बारे में विद्यार्थियों से चर्चा की। इसके साथ विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देकर समाधान किया। 

समाचार 08 

सुंदर आकृतियों व झाकियां, विराजे श्रीकृष्ण की प्रतिमा

अनूपपुर

कोतमा नगर में विभिन्न जगहों पर भगवान औ कृष्ण की पंडालों में प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की जा रही है। नगर में भक्ति का वातावरण देखने को मिल रहा है मंदिरों व पूजा पंडालों में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल का स्वर गंज रहा है। मंदिरों एवं घरों में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हुए भजन -कीर्तन किए जा रहे हैं। नगर के वार्ड क्रमांक एक अयोध्या कृष्ण उत्सवः समिति फिल्टर मोहला राधा कृष्ण मंदिर पुरानी बरती पीपल चौक बार्ड क्रमांक चार श्री कृष्णा एकता पूचा समिति दफाई टोला एवं वार्ड क्रमांक दस कुदरी टोला में भगवान श्री कृष्ण को प्रतिमा पंडाल में स्थापित की गई है। पंडल को आकर्षक ढंग से सजाते हुए रोशनी की गई है। शाम को भगवान श्री कृष्ण की झांकी देखने के लिए श्रद्धालुओं को भीड़ उमड़ रही है।

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