प्रकृति व वन्यजीवों के रखवाले व मानवता के सच्चे प्रहरी शशिधर, 70 लावारिस शवों को दी सम्मानजनक विदाई
अनूपपुर
समाज में सेवा के अनेक रूप देखे जाते हैं, लेकिन कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो दिल को छू जाते हैं और इंसानियत की असली तस्वीर सामने रखते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं समाजसेवी एवं पत्रकार शशिधर अग्रवाल। पिछले दस वर्षों से वे निस्वार्थ भाव से ऐसे मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, जिनके अपने उन्हें छोड़ जाते हैं या जिनकी पहचान तक नहीं हो पाती।
सन 2014-15 से अब तक उन्होंने जिला अस्पताल और अन्य स्थानों पर करीब 60 से 70 अज्ञात और लावारिस शवों को कंधा देकर सम्मानजनक विदाई दी है। जब कोई अपनों की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेता है, तब अग्रवाल पुलिस, अस्पताल कर्मचारियों और समाज के अन्य लोगों के सहयोग से आगे आते हैं और मृतक की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार सुनिश्चित करते हैं। उनकी यह संवेदनशील पहल समाज में करुणा और मानवता का जीवंत उदाहरण है।
शशिधर अग्रवाल केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के लिए भी अपनी सेवा भावना रखते हैं। वे वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण कर जागरूकता फैलाते आ रहे हैं। साथ ही “सर्प पहरी” के रूप में सांपों को सुरक्षित पकड़कर जंगलों में छोड़ना और यदि वे घायल हों तो उनका इलाज कराना उनका सराहनीय कार्य है।
मानवता, करुणा और प्रकृति संरक्षण का यह अनूठा संगम शशिधर अग्रवाल को समाज में विशिष्ट स्थान दिलाता है। उनकी निस्वार्थ सेवा आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि असली पूजा, असली धर्म और असली सेवा वही है जो दूसरों के लिए हो, बिना किसी स्वार्थ के।