झाड़-फूंक से इलाज के नाम विकलांग युवक से ठगी, झांसा देकर ठगों ने उड़ाए 35 हजार
*बकरा, 60 किलो चना, कंबल व शराब भी ले लिए*
शहडोल
जिले से एक ऐसा ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को हैरान कर दिया है। झाड़फूंक और चमत्कारी इलाज का झांसा देकर एक विकलांग युवक से न केवल हजारों रुपये बल्कि अनोखी सामग्री तक ठग ली गई। आरोप है कि एक बंटी और दो बबली से मिलकर बने गिरोह ने विकलांग युवक को झांसे में लेकर 35 हजार रुपये नगद, एक काला बकरा, 60 किलो चना, एक कंबल और शराब की बोतल हड़प ली। मामला पुलिस की अनदेखी के चलते लंबे समय तक दबा रहा, लेकिन आखिरकार पीड़ित की जिद और लगातार प्रयास के बाद मामला दर्ज हो सका।
मामला गोहपारू थाना क्षेत्र के ग्राम बरेली का है। यहां रहने वाला विकलांग महेंद्र सिंह बीते 27 तारीख को अपने पिता का इलाज कराने कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल पहुंचा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात दो महिलाओं और एक पुरुष से हुई। आरोपियों ने खुद को चमत्कारी झाड़फूंक करने वाला बताकर महेंद्र को भरोसे में ले लिया। उन्होंने महेंद्र को विश्वास दिलाया कि उनकी विशेष विधि और इलाज से उसकी विकलांगता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
ग्रामीण और सीधी सोच वाले महेंद्र को यह दावा सच लगा। अपनी विकलांगता से मुक्ति पाने की उम्मीद में उसने आरोपियों को 35 हजार रुपये नगद, एक काला बकरा, 60 किलो चना, एक कंबल और शराब की बोतल तक दे डाली। महेंद्र को भरोसा था कि उसे जीवन भर की बीमारी से छुटकारा मिलेगा। लेकिन आरोपियों ने पैसे और सामग्री हथियाने के बाद वहां से रफूचक्कर हो गए। महेंद्र कई दिनों तक आरोपियों का इंतजार करता रहा और बार-बार दिए गए मोबाइल नंबरों पर संपर्क करता रहा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ठगी का एहसास होने पर उसने गोहपारू थाने का रुख किया और पूरी आपबीती सुनाई। लेकिन यहां उसे न्याय नहीं मिला। कई दिनों तक थाने के चक्कर काटने के बावजूद पुलिस ने उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया।
लगातार निराशा मिलने के बाद महेंद्र ने हिम्मत जुटाई और लगभग 40 किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव के पास पहुंचा। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। इसके बाद करीब दो माह की देरी के बाद आखिरकार गोहपारू पुलिस ने दो महिलाओं और एक पुरुष के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित महेंद्र का कहना है कि यदि शुरूआत में ही उसकी बात सुनी जाती तो आरोपियों तक समय रहते पहुंचा जा सकता था। वहीं जिलेभर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि चमत्कारी इलाज और झाड़फूंक के नाम पर लोगों की भावनाओं से खेलकर इस तरह की ठगी कितनी आसानी से हो जाती है।