18 लाख के टेंडर कार्य में अनियमितता की आशंका, कालीमाता मंदिर सौंदर्यीकरण कार्य में लापरवाही के आरोप

18 लाख के टेंडर कार्य में अनियमितता की आशंका, कालीमाता मंदिर सौंदर्यीकरण कार्य में लापरवाही के आरोप

*उच्च स्तरीय जांच की मांग*


अनूपपुर

जिले में कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की इकाई में हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, कालीमाता जी के मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्य हेतु 18 लाख रुपये का टेंडर पास किया गया था, लेकिन इस कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग और निर्धारित मानकों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर परिसर में जो चेकर्स (ईंटों की सीमाएं) लगाए जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता अत्यंत खराब है। निर्माण कार्य में रेत और सीमेंट का अनुपात तय मानकों से विपरीत बताया गया है। इतना ही नहीं, नए शेड की जगह पुराने शेड पर ही मामूली लेप कर कार्य को पूरा दर्शा दिया गया, जिससे कार्य की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंदिर जैसी पवित्र और धार्मिक आस्था की जगह पर इस प्रकार की लापरवाही और घटिया निर्माण कार्य न केवल आस्था का अपमान है, बल्कि यह वेलफेयर फंड के दुरुपयोग का भी मामला बनता है।

इस मामले पर एसईसीएल कोल इंडिया लिमिटेड जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक त्रिपाठी की ओर से किसी प्रकार की स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों का आरोप है कि भारी कमीशनखोरी के चलते टेंडर में भ्रष्टाचार हुआ है और कुछ यूनियन नेता भी इसमें लिप्त हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित न होने की स्थिति में आस्था से जुड़े इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा।

जनता ने मांग की है कि इस पूरे कार्य की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मंदिर परिसर में हुए कार्य को फिर से मानक अनुसार पूरा कराया जाए, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग रोका जा सके।

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