15 साल से जूझ रहा किसान, जमीन चली गई, मिले झूठे वादे, अब मौत ही एकमात्र रास्ता

 15 साल से जूझ रहा किसान, जमीन चली गई, मिले झूठे वादे, अब मौत ही एकमात्र रास्ता

*पीड़ित किसान, खटखटा चुका हर जगह का दरवाजा*


अनूपपुर 

जिले के जैतहरी तहसील हल्का पटवारी आमगांवा गांव के किसान संतोष राम राठौर पिता चरकू प्रसाद आज अपनी ही जमीन पर बेगाने हो चुके हैं। 15 साल पहले प्रशासन ने उनकी 10 एकड़ जमीन मोजर बेयर कंपनी को दे दी थी, वादे किए गए थे,  आर्थिक स्थिति सुधारने और नौकरी देने की लेकिन आज वही संतोष राम न केवल जमीन विहीन हैं, बल्कि मानसिक रूप से इतने टूट चुके हैं कि मौत को गले लगाने को तैयार हैं।  

संतोष राम बताते हैं हर दरवाजा खटखटा चुका हूँ, अनुविभागीय अधिकारी से लेकर कलेक्टर, पुनर्वास अधिकारी, विधायक, पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह लेकर सासंद तक हर बार झूठे आश्वासन मिले, लेकिन हक़ की एक पाई तक नहीं उनकी आवाज़ भर्रा जाती है, जब वह बताते हैं कि न तो बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं, न परिवार का पेट भर पा रहे हैं, इस व्यवस्था से लड़ते-लड़ते थक चुका हूँ। अब लगता है इस दुनिया को अलविदा कह देना ही समस्या का अंत होगा वह कहते हैं, आँखों में निराशा लिए।  

स्थानीय लोग बताते हैं कि संतोष अकेले नहीं हैं जो ऐसी विपत्ति झेल रहे हैं। कई अन्य किसान भी मोजर बेयर कंपनी और प्रशासन के खोखले वादों का शिकार हुए हैं। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मानवाधिकार संगठनों ने तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।  

संतोष राम ने आखिरी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगे। उनकी इस हालत ने पूरे इलाके में एक बार फिर उस सवाल को जन्म दिया है जो अक्सर भूमि अधिग्रहण के मामलों में उठता रहा है - क्या विकास की कीमत गरीबों की जिंदगियाँ ही चुकानी होगी।

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