मालगाड़ी से कोयला चोरी, बड़े हादसे की आशंका कोल प्रबंधन एवं रेलवे प्रशासन मौन
अनूपपुर/कोतमा
कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल की जमुना कोतमा क्षेत्र की गोविंद साइडिंग से प्रतिदिन उत्पादन कर कोयला देश के विभिन्न हिस्सों में मालगाड़ी के माध्यम से भेजा जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में कोल प्रबंधन और रेलवे प्रशासन की लापरवाही अब जानलेवा साबित हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, गोविंदा साइडिंग से कोयले से लदी मालगाड़ियाँ जब देश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में भेजे जाने के लिए कोतमा रेलवे स्टेशन परिसर में रुकती हैं, तब मजदूर खतरनाक ढंग से मालगाड़ियों के ऊपर चढ़कर कोयले को समतल करने (लेवलिंग) का काम करते हैं। यह कार्य खुलेआम बिना किसी सुरक्षा उपकरण और दिशा-निर्देश के किया जाता है, जबकि उसी स्थान पर हाई वोल्टेज विद्युत तार फैले होते हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
मजदूरों द्वारा की जा रही यह जोखिमपूर्ण कार्यप्रणाली कोल प्रबंधन की लापरवाही और रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती है। यह जानते हुए भी कि ओवरहेड वायर से करंट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि सामान्यतः यह कार्य गोविंदा साइडिंग में ही किया जाना चाहिए, लेकिन वहां भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। कोतमा रेलवे स्टेशन परिसर में बिना सुरक्षा उपकरणों के कोयला लेवल करने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि कोई बड़ा हादसा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?स्थानीय प्रशासन से इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेने की मांग की जा रही है ताकि मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।