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जहरीली शराब पीने से चली गई युवक की जान, परोसी जा रही है अवैध शराब
*गांव-गांव बेची जा रही देसी शराब*
अनूपपुर
थाना चचाई अंतर्गत ग्राम चकेठी व सकोला में इन दिनों देसी शराब बनाई जा रही है जिसे वहां के पीने वाले युवा गलत दिशा में जा रहे हैं एक तरफ सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है वहीं दूसरी तरफ गांव में परोसे जाने वाली देसी शराब युवाओं की जान ले रही है ऐसा ही एक मामला ग्राम चकेठी और सकोला में देखने को मिला जहां भारत वर्मा निवासी चकेठी दिनाँक 15/07/25 की जान चली गई जहरीली शराब पीने से युवा की गई जान दो दिन तक अपने घर में पिलाई देसी शराब, ग्राम सकोला के वार्ड क्रमांक 11 से निकलकर सामने आ रही है यहां का निवासी भारत वर्मा उर्फ दादा पिता रामदीन वर्मा देसी शराब बनाने का काम करता है और अपने घर में शराब बनाता है और बेचता है जिसके कारण सामाजिक वातावरण खराब हो रहा है देर रात तक शराबियों का आना-जाना लगा रहता है शराबियों के द्वारा गाली गलौज करने से तथा रोड पर गाड़ी खड़ी होने से ग्रामीण जन पहले ही बहुत परेशान हो चुके हैं तथा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है कई शिकायतों के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई हद तब हो गई जब एक युवक की जान चली गई ग्रामीणों के द्वारा बताया जा रहा है कि चकेठी निवासी बिज्जू वर्मा पिता जुगला वर्मा जो कि भारत वर्मा के घर में शराब पीने से मौत हो गई कहानी यहीं पर नहीं रुकी बिना किसी को सूचना दिए भारत वर्मा उसे अपनी गाड़ी में लाद कर उसके घर पर फेक आया जहां युवक की मृत्यु हो गई परिजन काफी गरीब और असहाय होने के कारण कहीं शिकायत नहीं कर पाए यह युवा बिज्जू वर्मा अपने घर का पालन पोषण करता था क्या युवक की मौत के पीछे का रहस्य पुलिस प्रशासन पता लगा पाएगी और ऐसे जहरीली शराब परोसने वालों के ऊपर प्रशासन की कार्यवाही कब तक होगी।
कई गांवों में अवैध रूप से देसी शराब बनाई जा रही है। मिट्टी के बर्तनों और प्लास्टिक के ड्रमों में बनने वाली महुआ नकली शराब में मेथनॉल जैसे खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद घातक साबित होते हैं। यह शराब न केवल सस्ती होती है, बल्कि तेज नशा देती है, जिससे गरीब और मजदूर वर्ग इसे खरीदने के लिए मजबूर हो जाता है। शराब माफिया ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में शराब में मिलावट करते हैं। महंगे कैमिकल की जगह सस्ते और खतरनाक विकल्प मिलाए जाते हैं। नतीजा यह होता है कि कुछ घंटे के नशे के बाद पीने वालों की हालत बिगड़ने लगती है कई मामलों में अंधापन, किडनी फेल होना और मौत जैसी घटनाएं सामने आती हैं।ऐसे मे युवक की मौत के पीछे का रहस्य पुलिस प्रशासन पता लगा पाएगी और ऐसे जहरीली शराब परोसने वालों के ऊपर प्रशासन की कार्यवाही कब तक होगी।
इनका कहना है।
आपके द्वारा मुझे यह जानकारी मिली है इस मामले की जानकारी अभी तक थाने में नहीं आई है, जैसे ही मामले की जानकारी मुझे मिलती है वैसे ही मैं इसकी जांच करूंगा।
*सुंदरेश सिंह थाना प्रभारी चचाई*
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अपर नर्मदा सिंचाई परियोजना को निरस्त करने हेतु राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
*50 ग्राम पंचायत होगी प्रभावित, संरक्षित क्षेत्र को किया जाए सुरक्षित*
अनूपपुर
पिछले कुछ वर्षों से प्रशासन की गलत रिपोर्टिंग और रणनीति के कारण अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर अनूपपुर डिंडोरी का निर्माण कार्य इसलिए प्रारंभ नहीं हो पा रहा है क्योंकि इस परियोजना को लेकर क्षेत्र के किसान और रहवासी निरंतर इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं इस परियोजना के प्रारंभ होने से क्षेत्र का विकास तो नहीं लेकिन विनाश होना सुनिश्चित है जिसकी चिंता की लकीरें हर किसी के माथे पर देखी जा सकती हैं। अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की मांग को लेकर भाजपा अनूपपुर जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने हेतु राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम. राजेश सिंह सराठीया विजय सिंह पट्टा भागरथ सिंह स्वामी सोनवानी तथा अन्य लोगों ने मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की मांग की जिससे कि जल जंगल जमीन एवं आदिवासियों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके और पलायन की स्थिति निर्मित ना हो।
*50 ग्राम पंचायत होगी प्रभावित*
पिछले 25 30 वर्ष पहले अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर अनूपपुर डिंडोरी को प्रस्तावित किया गया जिसके बाद से इस परियोजना का निरंतर विरोध हो रहा है और क्षेत्र के लोग भय के वातावरण में जीवन जीने को मजबूर हैं जब चुनाव आता है इस परियोजना को प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है जिससे क्षेत्र वासियों को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है इस परियोजना के कारण लगभग 50 ग्राम पंचायत प्रभावित हो रही हैं परियोजना का दुष्परिणाम जल जंगल जमीन और आदिवासियों के पलायन के रूप में देखा जा रहा है जो इस क्षेत्र के लिए हितकर नहीं है।
*गलत सर्वे रिपोर्ट पर परियोजना की रूपरेखा*
भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल से कहा कि गलत सर्वे और रिपोर्ट तथा दबाव में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव फर्जी तरीके से तैयार कर कर प्रस्तुत की गई और परियोजना को प्रस्तावित करने का कार्य किया गया जबकि हमारे क्षेत्र में इस परियोजना की कोई आवश्यकता ही नहीं है
*क्षेत्र में हो रहा दो फसल का उत्पादन*
पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में खरीफ एवं धान की दो फसल का उत्पादन 80 से 90 हजार टन प्रतिवर्ष किया जा रहा है जिसकी खरीदी भी शासन के द्वारा की जाती है फिर भी क्षेत्र को असंचित घोषित करने का कार्य फर्जी तरीके से प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किया जाता है ऐसी परियोजना के कारण कृषि आधारित हमारे जनजातीय समाज के परिवारों को विस्थापन की स्थिति से गुजरना पड़ता है ऐसे पहले भी हो चुका है।
*संरक्षित क्षेत्र को किया जाए सुरक्षित*
महामहिम राज्यपाल को दिए गए पत्र के माध्यम से बताया गया कि अनूपपुर जिला पुष्पराजगढ़ भारतीय संविधान के प्रदत्त भाग 10 में पांचवी अनुसूची में आता है जो अनुसूचित क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका संरक्षण महामहिम के अधीन है इसके साथ ही पेसा कानून 2022 यहां पर लागू है जिसमें बिना ग्राम सभा के अनुमति के कोई भी ऐसी परियोजना को लागू करने की अनुमति नहीं है जब तक की ग्राम सभा की सहमति प्रदान न हो
*परियोजना को निरस्त कर दिया जाए संरक्षण*
प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल मध्य प्रदेश से मुलाकात कर अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त कर आदिवासी आंचल को संरक्षण प्रदान करने की मांग की गई है जिससे कि यहां पर विस्थापन तथा अन्य समस्याओं का सामना क्षेत्र के लोगों को ना करना पड़े और उनका जीवन यापन सुचारू रूप से चला रहे।
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शराबियों के जमावड़े से बच्चों की सुरक्षा खतरे में, आंगनवाड़ी केन्द्र को स्थानांतरित करने की मांग
अनूपपुर
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिजुरी नगर के वार्ड क्रमांक 07 अंतर्गत कपिलधारा कॉलोनी के पीछे संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र को वहां से हटाकर आबादी के बीच किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। लक्ष्मीकांत त्रिपाठी एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्र के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। आए दिन वहां शराबियों की भीड़ रहती है तथा घर-घर में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है।
स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है। उनका कहना है कि इस माहौल में बच्चों का सुरक्षित रहना मुश्किल है। शराबियों की उपस्थिति से आए दिन उत्पात और अशांति की स्थिति बनी रहती है जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र को किसी ऐसे स्थान पर स्थानांतरित किया जाए जहां माहौल सुरक्षित और शिक्षण योग्य हो। लोगों ने चेताया है कि यदि शीघ्र कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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नगरपालिका डेढ़ माह से विकास विहीन, अधिकारियों,कर्मचारियों की कमी से फाइलें खा रही धूल
अनूपपुर
नगरपालिका परिषद कोतमा इन दिनों भारी प्रशासनिक कमी से जूझ रही है।पिछले करीब 45 दिनों से पालिका में अधिकारी कर्मचारियों के कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं,जिसके चलते सभी विकास कार्य बंद हो गए हैं और नगर की बुनियादी व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं।
नगरपालिका में लेखापाल,सिविल उपयंत्री,तीन विद्युत उपयंत्री,सहायक ग्रेड-03,राजस्व उपनिरीक्षक और सहायक राजस्व निरीक्षक जैसे प्रमुख पदों के रिक्त होने से नगरपालिका पालिका का समूचा प्रशासनिक ढांचा लड़खड़ा गया है।इससे न केवल विकास के कार्य अधर में लटक गए हैं, बल्कि कार्यालयीन कामकाज,लेखा जोखा,वेतन भुगतान और राजस्व संबंधी कार्यों पर भी ब्रेक लग गया है।
कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ के अनुसार नगरपालिका में करीब 45 दिनों से किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं हो पाया है,जिससे नगर की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उन्होंने कई बार शासन और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर रिक्त पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की,लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।स्थिति यह है कि वेतन लंबित होने से कर्मचारी हताश हैं और कार्य के प्रति उत्साह में भारी गिरावट आई है।वहीं नगरवासी भी समस्याओं से जूझ रहे हैं, कहीं बिजली पोल बदलने के लिए महीनों से आवेदन लंबित हैं,तो कहीं सीवरेज और सड़क निर्माण अधर में लटके हुए हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण सही समय पर अधिकारी कर्मचारियों की पदस्थापना नहीं होने से नगरपालिका परिषद में निर्मित यह स्थिति न केवल कोतमा के विकास को बाधित कर रही है,बल्कि जनता की उम्मीदों पर भी पानी फेर रही है।अब सवाल उठता है कि क्या शासन तब जागेगा जब हालात पूरी तरह बेकाबू हो जाएंगे?वही अध्यक्ष का कहना है कि नगर विकाश के कार्य बंद होना चिंता का विषय है और यदि जल्द ही रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की गई,तो नगर में जनता का आक्रोश फूट सकता है।।
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महिला से लूट करने वाला एक आरोपी गिरफ्तार, लूट का सामान बरामद, दूसरा आरोपी फरार
शहडोल
जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र में बाजार से लौट रही एक महिला से लूट की वारदात को अंजाम देने वाले एक आरोपी को पुलिस ने चंद घंटों में गिरफ्तार कर लिया है। लुटेर महिला के हाथ से बैग, चांदी के गहने और मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए थे। सीधी थाना क्षेत्र की रहने वाली 20 वर्षीय मैथली यादव बरगवां बाजार में खरीदारी के बाद घर लौट रही थी। इसी दौरान रास्ते में दो अज्ञात बदमाशों ने उसे रोककर लूटपाट की। आरोपियों ने महिला से चांदी की पायल, लॉकेट और मोबाइल फोन छीन लिए। महिला ने दो दिन बाद जैतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
जैतपुर थाना प्रभारी जिया उल हक ने बताया कि घटना की रिपोर्ट मिलते ही एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए एक आरोपी सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया, जो पास के ही गांव का निवासी है। उसके पास से लूट का कुछ सामान भी बरामद किया गया है, जबकि उसका साथी अब भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। घटना को लेकर पीड़िता मैथली यादव ने कहा, मैं बहुत डरी हुई थी, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मुझे राहत मिली है। उम्मीद है कि दूसरा आरोपी भी जल्द पकड़ा जाएगा।
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सीएमएचओ कार्यालय में लंबे समय से जमे स्टोर इंचार्ज पर उठे सवाल, दवाइयों की कालाबाजारी के लगे आरोप
*बुढार स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ, वेतन वहीं से फिर भी वर्षों से शहडोल में ही “अटैच”*
शहडोल
जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर नियमों की अनदेखी और पद के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय शहडोल में पदस्थ स्टोर इंचार्ज जगदीश प्रसाद गर्ग बीते 15 वर्षों से अधिक समय से “अटैच” चल रहे हैं। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार कोई भी कर्मचारी 3 वर्ष से अधिक समय तक किसी एक स्थान पर पदस्थ नहीं रह सकता। गर्ग की मूल पदस्थापना बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है और वेतन भी वहीं से निकलता है, बावजूद इसके वे वर्षों से शहडोल में ही “जुगाड़” के बल पर जमे हुए हैं। विभाग के उच्चाधिकारियों की मौन सहमति या मिलीभगत की आशंका भी इससे गहराती जा रही है।
प्रदेश शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी कर्मचारी की अटैचमेंट स्थिति 3 साल से अधिक नहीं रह सकती, लेकिन जगदीश गर्ग के मामले में इन नियमों को व्यक्तिगत लाभ के लिए शिथिल कर दिया गया है। वर्ष दर वर्ष उनका नाम तबादला सूची से बाहर रखा गया और वे सीएमएचओ कार्यालय में ही स्टोर और क्रय प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को “मैनेज” करते रहे। गर्ग पर सबसे गंभीर आरोप यह है कि स्टोर में आने वाली दवाइयों और उपकरणों की कालाबाजारी की जा रही है। कई बार ऐसे मामलों की जानकारी सामने आई है कि सरकारी अस्पतालों में आने वाली दवाइयां स्थानीय मेडिकल दुकानों में बिकती पाई गईं, लेकिन आज तक किसी स्तर पर गहन जांच नहीं हो पाई।
सूत्रों के अनुसार, गर्ग ने वर्षों में स्टोर का पूरा तंत्र अपने नियंत्रण में ले लिया है, और कौन सी दवा कब आएगी, कहां रखी जाएगी, कब निकाली जाएगी – इन सभी पर उनका एकछत्र अधिकार बना हुआ है। यदि किसी स्तर पर पारदर्शिता लाने की कोशिश होती भी है तो उसे कागजी खानापूर्ति में तब्दील कर दिया जाता है। इस तरह की अनियमितता और पद का अनुचित लाभ लेने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। समय पर दवाइयों की आपूर्ति नहीं हो पाती, ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में ज़रूरी संसाधनों की कमी बनी रहती है, और अंततः आम नागरिक इसका खामियाजा भुगतते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ वर्षों से चल रहा है और जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी, यहां तक कि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस पूरे मामले से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन किसी ने आज तक इसकी गंभीरता से जांच नहीं करवाई।
अब जब यह मामला सार्वजनिक हो चुका है, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों, खासकर सीएमएचओ और जिला कलेक्टर को तत्काल इसकी जांच करानी चाहिए। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी दोनों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, यह भी देखा जाना चाहिए कि इस अटैचमेंट के पीछे किस स्तर के अधिकारियों की सहमति रही है।जगदीश प्रसाद गर्ग का मामला सिर्फ एक कर्मचारी के पद के दुरुपयोग का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग में फैले उस “जुगाड़ तंत्र” का उदाहरण है, जो वर्षों से व्यवस्था को खोखला करता आ रहा है। अगर ऐसे मामलों पर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई, तो आमजन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना सिर्फ एक छलावा बनकर रह जाएगा।
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पुलिस की मानवीय पहल घायल गाय का उपचार कराकर किया सुरक्षित
अनूपपुर
जिले के रामनगर थाना अंतर्गत ग्राम खोड़री में घायल अवस्था में पाई गई बिना मालिक घूमने वाली गाय का कराया गया इलाज, सुरक्षित देखरेख हेतु सरपंच खोड़री की सुपुर्दगी में दी गई। थाना रामनगर पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था के साथ-साथ मानवीय और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन किया जा रहा है।इसी क्रम में थाना रामनगर की गश्त टीम द्वारा ग्राम खोड़री क्षेत्र में भ्रमण के दौरान एक गंभीर रूप से घायल गाय को सड़क किनारे लहूलुहान अवस्था में पाया गया। मौके पर तत्काल ग्रामीणों भीम सेन चौधरी, पिंटू अहिरवार, राजेश केवट, शिवकुमार यादव, रोहित केवट, जितेंद्र चौधरी से गाय के विषय में पूछताछ की गई। ग्रामीणों ने बताया कि यह गाय किसी व्यक्ति की नहीं है एवं संभवतः किसी वाहन की टक्कर से घायल हो गई है। चोट के कारण लंबे समय से उसका घाव ठीक नहीं हो रहा था।
गंभीरता को देखते हुए गश्ती दल में शामिल एएसआई अशोक सिंह, प्रधान आरक्षक सनत द्विवेदी, प्रधान आरक्षक अमित पटेल एवं आरक्षक अनुराग भार्गव द्वारा तत्काल पशु चिकित्सा सहायक/ गौ सेवक महेश केवट को मौके पर बुलवाया गया। घायल गाय का मौके पर प्राथमिक उपचार कराया गया। उपचार उपरांत गाय को ग्राम खोड़री के सरपंच की सुपुर्दगी में दिया गया एवं उसे सुरक्षित स्थान पर रखवाया गया, जिससे उसकी समुचित देखभाल सुनिश्चित की जा सके। थाना रामनगर पुलिस द्वारा की गई यह मानवीय पहल से गाय के साथ यदि भविष्य में कोई अनहोनी घटना होती है तो होने वाली घटना/दुर्घटना से क्षेत्र में भ्रामक जानकारी तथा समाज में वैमनस्यता नहीं फैलेगी साथ ही शांति व्यवस्था कायम रहेगी ।
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भालू से लड़कर चरवाहे ने बचाई जान
उमरिया
मानपुर। जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क अंतर्गत मानपुर परिक्षेत्र मे एक भालू ने चरवाहे पर हमला कर दिया। जिस पर चरवाहा भी भालू से भिड़ पड़ा और काफी मशक्कत के बाद अपनी जान बचाने में कामयाब हो गया। बताया गया है कि इंद्रभान सिंह गोंड़ निवासी पटेहरा मंगलवार की शाम मवेशी चरा कर घर लौट रहा था, इसी दौरान झाड़ियों मे छिपे भालू ने उस पर हमला कर दिया। इंद्रभान के मुताबिक इस घटना के बाद बिना घबराये वह भालू से जूझता रहा। जोर-जोर से शोर मचाने के कारण भालू उसे छोड़ कर भाग गया। हलांकि इस जद्दोजहद मे वह भी लहूलुहान भी हो गया। किसी कदर घर पहुंचकर चरवाहे ने मामले की सूचना वन विभाग को दी। बुधवार सुबह विभागीय अमले ने उसे मानपुर अस्पताल मे भर्ती कराया है।