ईमानदार परिवार को ठेकेदार के इशारे पर पुलिस की प्रताड़ना — महिला ने लगाई न्याय की गुहार
*फुनगा क्षेत्र में फलता-फूलता शराब कारोबार पुलिस संरक्षण में*
अनूपपुर/कोतमा
जहां एक ओर सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और समाज से नशा उन्मूलन की बात करती है, वहीं ज़मीनी सच्चाई इन नारों की धज्जियां उड़ाती प्रतीत हो रही है थाना भालूमाड़ा क्षेत्र की निवासी साधना साहू ने अपने पूरे परिवार को शराब ठेकेदारों और पुलिस की साठगांठ का शिकार बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है उन्होंने कोतमा पुलिस और आबकारी विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि उनके पति दुर्गेश साहू, जिन्होंने शराब व्यापार छोड़ कर ईमानदारी की राह अपनाई, आज उन्हीं की ईमानदारी उनकी सबसे बड़ी सजा बन गई है।
*ठेकेदार के इशारे पर छापे, बेइज्जती व धमकी*
साधना साहू का कहना है कि कोतमा भट्टी के ठेकेदार वीरेंद्र राय के निर्देश पर उनके घर और दुकान पर बार-बार पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा छापा मारा जा रहा है दिनांक 26 जुलाई को दोपहर 1 बजे, ठेकेदार के कर्मचारी, कोतमा थाना प्रभारी और पुलिस बल के साथ उनके घर पहुंचे बिना किसी वारंट या वैध दस्तावेज के पूरा घर घेर लिया गया और परिवार को भयभीत करते हुए उनके निजी स्थानों की तलाशी ली गई। महिला ने बताया कि घर की बंद पेटी को जबरन तुड़वाया गया, रसोईघर, बेडरूम और बच्चों के कमरों तक में तलाशी ली गई विरोध करने पर किसी की एक नहीं सुनी गई उनके द्वारा जब इस कार्रवाई का वीडियो बनाने की कोशिश की गई, तो पुलिसकर्मियों और ठेकेदार के लोगों ने मोबाइल छीन लिए यह पूरी घटना कानून और संविधान की मर्यादा का खुला उल्लंघन है
*जबरन पंचनामा व धमकी*
साधना ने बताया कि छापेमारी के दौरान किसी भी प्रकार की शराब या अवैध सामग्री नहीं मिली, इसके बावजूद पुलिस द्वारा जबरन पंचनामा बनवाया गया और उनके पति से दस्तखत करवाए गए इतना ही नहीं, यह धमकी भी दी गई कि अगर ठेकेदार की शराब नहीं बेचोगे तो तुम्हें जेल भेज दिया जाएगा। ईमानदार परिवार पर शिकंजा कस रही है, उतनी ही चुप्पी फुनगा क्षेत्र में फलते-फूलते अवैध शराब कारोबार पर है पीडीएस गोदाम पायरी क्रमांक 1 के सामने में खुलेआम शराब बिक रही है, गांववासी शराब विक्रेताओं के नाम और ठिकाने तक बता सकता है, लेकिन प्रशासन की आंखें मूंदे बैठी हैं। साधना साहू ने जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाए उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो वे मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग तक जाने को बाध्य होंगी।