सावन के पहले सोमवार को आस्था का उमड़ा जन सैलाब, कांवरियों ने जलेश्वर महादेव व 11 रुद्र महादेव का किया जलाभिषेक
अनूपपुर
श्रावण मास के पवित्र पहले सोमवार के अवसर पर अमरकंटक धाम में अद्भुत धार्मिक उत्साह और भक्ति का दृश्य देखने को मिला। इस विशेष अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और कांवरियों ने गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक दिखाते हुए मां नर्मदा के तट रामघाट पर पवित्र स्नान किया और फिर कांवड़ में जल भरकर लगभग 8 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए पावन जलेश्वर महादेव एवं नर्मदा मंदिर परिसर स्थित 11 रुद्र महादेव में जलाभिषेक किया। भोर से ही अमरकंटक की वादियां "बोल बम", "हर हर महादेव" और "बम बम भोले" के गगनभेदी जयघोष से गूंज उठीं। कांवर यात्रियों ने प्रातः 4 बजे से ही मां नर्मदा में डुबकी लगाकर स्नान करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने नर्मदा उद्गम कुंड से पवित्र जल भरकर कांवड़ में रखकर, नंगे पांव अथवा पारंपरिक वेशभूषा में जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ना शुरू किया। पूरे मार्ग में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था, छोटे बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सभी भक्ति रस में डूबे नजर आए।
दिनभर यह आस्था यात्रा चलती रही। भक्तों ने जलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में पहुंचकर शिवलिंग पर जल चढ़ाया, फूल, बेलपत्र, धतूरा, आक के पुष्प आदि अर्पित कर विधिवत पूजन-अर्चन किया। मान्यता है कि श्रावण सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं ने जलेश्वर महादेव और 11 रुद्र महादेव में दर्शन-पूजन किया। इस अवसर पर अमरकंटक के प्रमुख मार्गों और मंदिर परिसरों में रंग-बिरंगी कांवड़ और भक्तों की भीड़ के कारण मेले जैसा वातावरण बन गया था।
श्रद्धालुओं का उत्साह केवल स्थानीय क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा, पंडरिया, कुकदुर, पाडांतराई, लोरमी, मुंगेली, बिलासपुर, पेंड्रा रोड, राजेंद्र ग्राम, अनूपपुर, बुढार, धनपुरी, डिंडोरी सहित आसपास के कई जिलों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। श्रद्धालुओं ने कहा कि अमरकंटक में सावन सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर जलाभिषेक करना अत्यंत पुण्यकारी और आत्मिक शांति प्रदान करने वाला अनुभव है। नर्मदा मंदिर में भी सुबह से लेकर दोपहर तक लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। भक्तगण मातेश्वरी नर्मदा जी, अमरकंटक महादेव और माता पार्वती के दर्शन के लिए धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। दोपहर बाद मंदिर के फिर से खुलने पर श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ गई।