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नवीन छात्रावास के उद्धघाटन के पहले ही 1.97 लाख का आया बिजली बिल, मचा हड़कंप
*आखिर किसने गड़बड़ी करके किया लाखो के बिजली की खपत*
अनूपपुर
जिले के अंतर्गत शासकीय आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास राजनगर का उद्घाटन अभी हुआ भी नहीं था, लेकिन विद्युत विभाग ने पहले ही 1,97,269 रुपए का भारी-भरकम बिल भेज दिया। इस बिल को देखकर विभाग सहित छात्रावास प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आश्चर्य की बात यह है कि छात्रावास में अभी तक एक भी दिन बच्चों ने रहकर विद्युत का उपयोग नहीं किया, फिर भी इतनी बड़ी राशि का बिल कैसे आ गया।
नवीन छात्रावास भवन का उद्धघाटन भी नहीं हुआ है, और इस लाखों के बिल के कारण छात्रावास अब भी पुराने भवन में ही संचालित हो रहा है। बच्चों को रोजाना 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलकर विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है, वो भी भलमुड़ी के घने जंगल और कच्ची सड़कों के बीच से होकर। बरसात के मौसम में यह राह और भी कठिन हो जाती है, चारों तरफ कीचड़ फैला हुआ है और बच्चों को जोखिम उठाकर आवागमन करना पड़ रहा है। सवाल यह उठता है कि इस बिजली बिल के घटनाक्रम में इन बेचारे आदिवासी बच्चों का क्या दोष है जो सुविधा होने के बावजूद उपभोग नहीं कर पा रहे। छात्रावास अधीक्षक ने इस गंभीर स्थिति की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से दी है। उन्होंने अवगत कराया कि उन्होंने अभी तक नए छात्रावास भवन का विधिवत हैंडओवर भी नहीं लिया है, फिर भी विद्युत विभाग द्वारा लगातार बिल भेजा जा रहा है।
स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि अधीक्षक के कार्यभार ग्रहण करने से पहले इतना विद्युत उपयोग किसने किया? प्रारंभिक जानकारी में यह संकेत मिला है कि जिस ठेकेदार संस्था ने भवन निर्माण का कार्य किया था, उसके द्वारा ही निर्माण कार्य के दौरान विद्युत का उपयोग किया गया है। संभवतः इसी कारण इतनी बड़ी राशि का बिल उत्पन्न हुआ है, लेकिन जब बिल शासकीय छात्रावास के नाम पर आया है, तो जिम्मेदारी भी उसी पर डाली जा रही है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब प्राचार्य और अधीक्षक ने विद्युत कनेक्शन के लिए कोई आवेदन नहीं किया, तो किसके द्वारा शासकीय नाम का दुरुपयोग कर विद्युत कनेक्शन लिया गया।
सामान्यतः विद्युत कनेक्शन के लिए विधिवत आवेदन एवं शुल्क जमा किया जाता है, और यदि निर्माण कार्य के लिए विद्युत की आवश्यकता थी, तो ठेकेदार को स्वयं अपने नाम पर अस्थायी कनेक्शन लेना चाहिए था। शासकीय छात्रावास के नाम पर कनेक्शन लेकर अगर निर्माण कार्य में उपयोग किया गया है, तो यह शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने जैसा कृत्य है। यह भी जांच का विषय है कि विद्युत विभाग ने कनेक्शन जारी करते समय किन दस्तावेजों के आधार पर स्वीकृति दी, और क्या अधीक्षक अथवा विभागीय अनुमति ली गई थी?
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि इस 1.97 लाख रुपए के विद्युत बिल का भुगतान कौन करेगा? यदि इसका भुगतान नहीं हुआ, तो छात्रावास का स्थानांतरण नए भवन में कैसे संभव होगा? क्या छात्रावास के बच्चे यूँ ही पुराने भवन से लंबी दूरी तय कर विद्यालय आते-जाते रहेंगे? शिक्षा और स्वास्थ्य ऐसे दो बुनियादी अधिकार हैं, जिनके बिना बच्चों का सम्पूर्ण विकास अधूरा है। यदि शिक्षा पाने के लिए बच्चों को प्रतिदिन कष्टदायक यात्रा करनी पड़े, तो यह न केवल उनकी पढ़ाई पर असर डालेगा बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँचा सकता है। अब देखना यह है कि विभाग इस दिशा में कब तक ठोस कार्यवाही करता है और बच्चों को उनके नए छात्रावास में कब तक स्थानांतरित किया जाएगा।
*इनका कहना है।*
हमने वरिष्ठ अधिकारी को पत्राचार किया हुआ है हमारे द्वारा विद्युत कनेक्शन एवं मीटर के लिए कोई भी आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है।
*के.के.पडवार, वार्डन अधीक्षक, राजनगर*
मैं आवेदन का पता करता हूं कि किसके द्वारा विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन दिया गया था।
*खीरसागर पटेल, जूनियर इंजीनियर, विद्युत विभाग*
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स्थानांतरण के बाद भी सहायक संचालक का कुर्सी ने नही छूट रहा मोह, वसूली के लग रहे हैं आरोप
शहडोल
मध्य प्रदेश शासन कृषि मंत्रालय सचिव कृषि के हस्ताक्षर से जारी स्थानान्तरण आदेश दिनांक 17 जून 2025 को जारी हुआ था, सूची में 13 सहायक संचालक कृषि के स्थानान्तरण किये गये हैं। सरल क्रमांक 04 में रमेन्द्र कुमार सिंह सहायक संचालक कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग शहडोल का स्थानांतरण कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग मुरैना हुआ था। जो भारमुक्त न होकर जनप्रतिनिधयों को राजनैतिक दबाव दिया जाकर स्थानान्तरण निरस्त कराने एवं भारमुक्त न करने के संबंध में दबाव बनाया जा रहा है। रमेन्द्र सिंह कृषि कार्यालय शहडोल में 7 से 8 वर्षो से पदस्थ है, जिले में खाद बीज के व्यापारियों से अवैधानिक रुप से भारी भरकम राशि की वसूली की जा रही है, जो दुकानदार पैसा नहीं देते उनकी खाद बीज सामग्री जब्त कर कार्यवाही की जाती है, जो पैसा देता है उनके यहाँ नमूना नहीं लिया जाता है और उनको छोड दिया जाता है। पूरे जिले में इस तरह की अवैध वसूली कई वर्षों से कर हैं, इनकी पूरे जिले में गहरी पैठ बन चुकी हैं, रूपयो के दम पर नेताओ व जनप्रतिनिधियों से अच्छी जान पहचान बन जाने के कारण इनके ऊपर कोई भी कार्यवाही नही हो पाती, अवैध वसूली की मोह के चक्कर में भारमुक्त नहीं होना चाहते। स्थानांतरण होने के बाद पुराने जगह में जमे अधिकारी नई जगह जाने में परहेज कर कर रहे हैं जिसे देखते हुए संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 2063 दिनांक 30 जून 2025 स्थानांतरित अधिकारियों की जानकारी मांगी गई थी और पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल भारमुक्त करके जानकारी भेजी जाए, 15 दिन बीत जाने के बाद भी भारमुक्त नहीं हुए हैं। खाद बीज दुकानदार नाम न छापने पर बताते हैं कि रमेन्द्र सिंह दुकानदारों से कार्यवाही न करने के नाम पर हर माह छोटी व बड़ी दुकानदारो से एक मोटी रकम वसूलते हैं। जो रकम देने में आना कानी करते हैं उन लोगो पर विभागीय कार्यवाही करवा देते हैं। अगर इनका पुराने से लेकर आज तक का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो कुछ ही दुकानों पर कार्यवाही हुई है, बाकी सबको पूरी तरह अभयदान दिया हुआ है। दुकानदार जितना रकम कृषि विभाग के अधिकारियों को देते हैं उससे दुगना गरीब किसानों से वसूलते है। ऐसे अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रशासन को भारमुक्त करके किसी अन्य अधिकारी को चार्ज दे देना चाहिए, और इनके कार्यकाल की जांच कराया जाना चाहिए। तो सब कुछ सामने आ जायेगा।
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चार हाथियों को समूह पहुंचा डिंडोरी जिले की सीमा पर,रातों में तोड़े कई मकान
अनूपपुर
चार प्रवासी जंगली हाथियों का समूह जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर क्षेत्र में विचरण करते हुए विगत 16 दिनों से वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के क्षेत्रो में विचरण कर बुधवार की सुबह डिंडौंरी जिले की सीमा में प्रवेश कर वन क्षेत्र में विश्राम कर रहे हैं। इस बार हाथियों के द्वारा राजेंद्रग्राम के इलाकों में दिन में जंगल में ठहरने बाद रात होते ही खाने की तलाश पर प्रत्येक रात कई-कई ग्रामीणों के मकानो में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है, जिससे ग्रामीण जन भयभीत एवं परेशान रहे हैं, हाथियों के विचरण एवं आम जन की सुरक्षा हेतु वनविभाग का गश्ती दल निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की अपील की गई है। हाथियों के समूह द्वारा प्रतिदिन जंगल में बिताने बाद रात होते ही ग्रामीण अंचलों के टोला/मोहल्ला में पहुंचकर खाने की तलाश पर प्रत्येक रात 5 से 10 ग्रामीणों के मकान में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है, राजेंद्रग्राम इलाके में ही 16 दिनों के मध्य हाथियों द्वारा विभिन्न ग्रामों में 50 से अधिक ग्रामीणो के मकान में तोड़फोड़ की है,विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश का अनूपपुर जिले के जैतहरी अनूपपुर एवं राजेंद्रग्राम क्षेत्रों में हाथियों के निरंतर आने से अब हाथियों ने अपना विचरण/रहवास क्षेत्र बना लिया है, जिसके कारण वह अक्सर कुछ कुछ दिनों में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में घूमते हुए आ जा रहे हैं,
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प्रचार का बोर्ड लगाने वृक्षों पर निर्ममता से ठोकी जा रही है लोहे का कील, कहां है पर्यावरण संरक्षणकर्ता
अनूपपुर
जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में व्यवसायी अपने कार्यों का प्रचार प्रसार करने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ते यहां तक की प्रचार सामग्री का बोर्ड वर्तमान समय का फ्लेक्स को लगाने टांगने के लिए हरे भरे वृक्षों पर निर्ममता के साथ मोटे मोटे लोहे का कील ठोक कर तथा लोहे का तार बांधकर प्रचार सामग्री लगाते एवं बांधते हैं, यहां तक की वृक्ष में रस्सी एवं तार से तोरण तथा पताका बांधते हैं, इससे वृक्षों की संरचना एवं अन्य गतिविधि प्रभावित एवं बाधित होती हैं । इस तरह की कार्यगतिविधियों को देखकर लगता है कि शासन एवं प्रशासन के नारा स्लोगन महज दिखावा एवं कार्यक्रमों में बोलने दिखाने तक सीमित हो गया है, पर्यावरण वृक्षों के संरक्षण संवर्धन का यह नारा बेमानी हो गया है, जिसमें एक वृक्ष सौ पुत्र समान कहा एवं बताया जाता है, लेकिन लोग उन्हें वृक्षों अपने हित साधन एवं लाभार्जन के लिए प्रचार प्रसार हेतु कोई कोर कसर वृक्षों पर बोर्ड टांगते हैं लगाते हैं, इसके लिए पेड़ में बहुत ही निर्मम तरीके से कील ठोक देते हैं, ताकि गिरे नहीं और साथ ही लोहे का तार बांधते हैं । पावन पवित्र नगरी अमरकंटक धार्मिक तीर्थ स्थल है आध्यात्मिक केंद्र है ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल के पेड़ पौधों पर इस तरह का कृत्य क्या सही है ।
पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के जालेश्वर से अमरकंटक नगर तक तथा कबीर चबूतरा से अमरकंटक नगर तक एवं सोनमूड़ा, माई की बगिया जाने वाले मार्ग के सैकड़ो विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों में व्यवसाईयों के द्वारा प्रचार बोर्ड टांग कर कील से ठोक कर तार से बांधकर लगाया गया है। बाहर से आए एक पर्यावरण प्रेमी एवं वृद्ध संत ने कहा कि पेड़ पौधों के साथ ऐसा कदापि भी नहीं करना चाहिए। प्रशासन के विभिन्न विभागों के नजर इसमें नहीं पड़ी या इस पर ध्यान नहीं दिया गया ऐसे प्रचार तंत्र के बोर्ड को त्वरित हटवाया जाना चाहिए । आश्रमों के सामने कार्यालय तथा विद्यालय के सामने लगे वृक्ष पर भी ऐसा ही कुछ देखा जा सकता है, इसके चलते कई जगह वृक्ष सूख गए हैं, गिरने की कगार पर हैं । क्या अनूपपुर जिला प्रशासन स्थानीय प्रशासन अमरकंटक तथा वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन इस दिशा में ध्यान देकर त्वरित आवश्यक कार्यवाही कराएगा।
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बाइक अनियंत्रित होकर गिरी, खाई में गिरा ट्रैक्टर, बस सड़क से नीचे उतरी, 2 की हुई मौत
उमरिया
जिले मे सडक़ दुर्घटनाओं का मे दो लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार पहली घटना चंदिया थाना क्षेत्र मे हुई, जहां बाईक के अनियंत्रित होने से संजय पिता भाईलाल सोनी 36 निवासी पथरहटा की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि संजय एफसीआई गोदाम बिसहनी मे काम करता था। वह अपनी मोटर साईकिल क्रमांक एमपी 54 एमए 5311 पर गांव जा रहा था। तभी रास्ते मे सडक़ पर बने बड़े गड्ढे से वाहन को बचाने की कोशिश मे वह अनियंत्रित होकर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई। देर रात चंदिया पुलिस के जरिये परिजनों को इसकी सूचना मिली। थाना प्रभारी चंदिया ज्योति तिवारी ने बताया कि पीएम के उपरांत मृतक का शव परिजनो के सुपुर्द किया गया है। इस मामले मे मर्ग कायम कर विवेचना शुरू की गई है।
दूसरी घटना रात करीब 12 बजे जिला मुख्यालय मे छटन मोहल्ले के समीप हुई। जिसमे एक मजदूर को अपनी जान से हांथ धोना पड़ा। पुलिस ने बताया कि यह ट्रेक्टर कौडिय़ा से मरम्मत के लिये उमरिया लाया जा रहा था। जिसमे चालक के सांथ अंकित उर्फ अजय यादव पिता रामदयाल 20 निवासी कौडिय़ा भी बैठा हुआ था। कछरवार तिराहा के पास ट्रेक्टर अचानक बहक कर सडक़ किनारे स्थित खाई मे जा गिरा। दुर्घटना के बाद ड्रायवर तो भाग खड़ा हुआ परंतु अजय यादव इंजिन के नीचे फंसा रह गया। हादसे की खबर मिलते ही थाना कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू शुरू किया, परंतु तब तक मजदूर अजय यादव को बाहर निकालने तक उसके प्राण निकल चुके थे। काफी मशक्कत के बाद लाश को अस्पताल पहुंचाया गया। पीएम की कार्यवाही के बाद शव परिवारजनो को सौंपा गया। इस प्रकरण मे पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच प्रारंभ की है। वही शहपुरा रोड पर एक और बड़ा हादसा होते-होते रह गया। बताया गया है कि उमरिया से शहपुरा जा रही एक बस कारीमाटी के पास बाइक को बचाने के चक्कर मे अनियंत्रित हो कर गड्ढे मे उतर गई। किसी को चोट नही आई है।
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एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत मुक्तिधाम परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
उमरिया
पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के निर्देशन व मार्गदर्शन पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत मुक्तिधाम पाली परिसर में बिरसिंहपुर पाली में पाली पुलिस थाना प्रभारी मदनलाल मरावी, पर्यावरण मित्र हिमांशु तिवारी की उपस्थिति में फलदार,छायादार व औषधि पौधे लगाकर पौधारोपण कर पौधों के संरक्षण के उद्देश्य एवं पौधों को वृक्ष बनाने का संकल्प लिया गया। पुलिस पाली थाना प्रभारी मदनलाल मारवी ने कहा कि पेड़ों की संख्या कम होने पर वातावरण में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मानव जीवन के लिए जल एवं वायु दोनों आवश्यक है।पौधरोपण आज की आवश्यकता है। एक पेड़ मां के नाम अभियान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान को जनता ने पूरे उत्साह के साथ अपनाया है और यह अभियान लगातार एक नई हरित क्रान्ति का रूप ले रहा है।
पर्यावरण मित्र हिमांशु तिवारी ने बताया कि पेड़ हमें ऑक्सीजन, फल, छाया और जीवन के अन्य अनेक आवश्यक तत्व प्रदान करते हैं। इसी प्रकार एक मां हमें अपने स्नेह, समर्थन और पोषण से जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करती है। पेड़ लगाने की इस पहल से हम अपने आस-पास के वातावरण को हरा-भरा बनाते हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलता है।
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हत्या के बाद परिवार ने छोड़ा गांव, आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर, नाराज सैकड़ो लोगो ने सौपा ज्ञापन
उमरिया
जिले के ग्राम अमिलिहा में 4 जून की दरम्यानी रात हुई शिवदयाल शुक्ला की नृशंस हत्या ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है। इस घटना के बाद से मृतक के परिवारजनों तथा स्थानीय निवासियों में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश व्याप्त है। 25 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्यारों का पता लगाने में नाकाम रही है, जिससे ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
जिले के थाना पाली चौकी घुनघुटी के अमिलिहा गांव के निवासी शिवदयाल शुक्ला की हत्या 25 दिन पहले उनके घर में अज्ञात बदमाशों ने की थी। शिवदयाल का घर हाईवे के किनारे स्थित है, और वह एक किराना व्यापारी थे, अज्ञात आरोपीयों ने पहले घर में लूट की वारदात की और किराना व्यापारी की हत्या कर फरार हो गए थे, घटना के समय घर में शिवदयाल की बूढी मां मौजूद थी जो कुछ सुन बोल नहीं सकती है। दूसरे दिन जब सुबह आस पड़ोस के लोग दुकान पहुंचे तो दुकान बंद थी,दरवाजा खोल कर देखा तो शिवदयाल का शव खून से लथपथ घर के अंदर पड़ा था। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई, घटना दिनांक से आज तक आरोपी नहीं पकड़े गए हैं। जिसके बाद से लोगों में काफी गुस्सा है। मृतक के परिवार ने अपनी जान की सुरक्षा के चलते अपने घर को छोड़कर शहडोल में किराए के मकान में शरण ले ली है।
स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में आई जी को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। लोगो ने इस घटना से पूरी तरह से भयभीत हैं। हम अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द हत्यारों को पकड़कर हमें न्याय दिलाए। मामले में शहडोल आईजी कार्यालय के बाहर सैंकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेखित मांगों को लेकर सभी ने एक सुर में आवाज उठाई, हम न्याय की मांग करते हैं।
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दुकान व घर का ताला तोड़कर चोरों ने बोला धावा, लाखो का सामान चोरी, मामला दर्ज
शहडोल
कोतवाली थाना क्षेत्र में दो अलग अलग स्थानों में चोरी हुई है, तो अमलाई थाना क्षेत्र में सुने घर का ताला तोड़कर हजारों रुपए की चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि पहला मामला कोतवाली क्षेत्र के घरौला मोहल्ला का है, जहां एक किराना दुकान के शटर में लगे ताले को चोरों ने तोड़ कर दुकान के अंदर रखे नगद 44 हजार एवम किराना समान चोरी कर चोर फरार हो गए हैं। दुकानदार अखिलेश सिंह जब सुबह दुकान पहुंचा तो शटर में लगा ताला टूटा हुआ था,और दुकान का सारा सामान बिखरा पड़ा था। एवम अंदर रखे नगद रुपए चोरी हो चुके थे। उसके बाद अखिलेश सिंह ने मामले की शिकायत कोतवाली में दर्ज करवाई पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी है।
दूसरी घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के पांडवनगर में खेर माई मंदिर के पास घटी है। जहां दीपक कुमार के घर का ताला तोड़कर चोरों ने हजारों रुपए के जेवरात एवं नगद लेकर फरार हो गए हैं।घटना की शिकायत पीड़ित दीपक ने कोतवाली पुलिस से की है, पुलिस ने मामले पर अपराध दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। अमलाई थाना क्षेत्र में भी चोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है, थाना क्षेत्र के रामपुर में सुने घर का ताला तोड़कर हजारों रुपए की चोरी हुई है,पुलिस ने बताया कि रविकांत त्रिपाठी के घर यह चोरी हुई है।जिसमें 50 हजार से अधिक का सामान एवं नगद रुपए चोरी हुए हैं,इन सभी मामलों पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है।
समाचार 09
3 बहने तालाब में डूबी, 2 को बचाया गया, 1 लापता
शहडोल
जैतपुर थाना क्षेत्र में स्थित सेझहाई तालाब में एक दुखद घटना घटित हुई, जब नहाने गई तीन बहनें गहरे पानी में डूब गईं। इस हादसे में एक बहन लापता हो गई, जबकि दो को स्थानीय लोगों ने समय रहते बाहर निकाल लिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि 9 वर्षीय रोशनी सिंह गोड अपनी मां राधा एवम अपनी दो बहनों के साथ सेझहाई तालाब में नहाने गई थीं। तभी वह गहरे पानी में नहाते हुए लापता हो गई है।पुलिस के अनुसार, नहाते समय तीनों बहनें गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं। इस स्थिति को देखकर उनकी मां राधा ने चीखकर मदद मांगी, जिसके बाद आसपास मौजूद गाँव वाले दौड़ पड़े।स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो बहनों को सुरक्षित पानी से बाहर निकाल लिया, लेकिन रोशनी की तलाश अब भी जारी है।