जिला प्रशासन की तानाशाही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में किया नगर के प्रथम नागरिक का अपमान

जिला प्रशासन की तानाशाही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में किया नगर के प्रथम नागरिक का अपमान

*जिलास्तरीय कार्यक्रम के आयोजन में आमंत्रण कार्ड से अंजुलिका सिंह का हटाया नाम*


अनूपपुर

मध्यप्रदेश की सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिला प्रशासन में बैठे जिम्मदारों को नसीहत देते हुए 20 वर्ष बिता दिए, वही 2 वर्ष से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जिला प्रशासन के जिम्मदारों को आये दिन हिदायत देते आ रहे कि कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम हो उसमें गांव से लेकर नगर एवं जिले के जनप्रतिनिधियों के विशेष सम्मान के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।

लेकिन मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेंदार इतना बाज आ गए की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करना तो दूर अपने जिले के जनप्रतिनिधियों के नाम तक भूल गए, यह कोई पहली बार नही ,अभी कुछ माह पूर्व मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के एक आयोजित कार्यक्रम में जिम्मेंदारों द्वारा अनूपपुर ही नही मध्यप्रदेश के वरिष्ठ विधायक जो कई बार मप्र शासन के जिम्मेदार पदों में रहक़र सेवा दिए उनका नाम आमंत्रण कार्ड से हटा दिया गया था, जिसका कार्य कर्ताओ ने जबरदस्त विरोध भी किया था, जिसे समझाने के बाद विधायक बिसाहूलाल सिंह ने फटकार लगाते हुए चेतावनी दी थी, जिसमे लोगों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए तात्कालिक आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसी गलती की पुनरावृत्ति नही की जावेगी।

वही दूसरी घटना में आज फिर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष अनूपपुर का नाम गायब करते हुए जनप्रतिनिधियों ही नही नगर का प्रथम नागरिक की उपेक्षा कर दी गई।जिसका पूरा दोष जिले के जिलाप्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की ओर जाना इंगित करता है। पूरे मामले में बता दें कि ग्यारहवीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आमंत्रण कार्ड में नगरपालिका अध्यक्ष अंजुलिका सिंह का आमंत्रण कार्ड में नाम न होना इस नगर का ही नही जिले भर के जनप्रतिनिधियों के अपमान होना माना जा रहा ।

सोशल मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक यह कहना बिलकुल गलत नही होगा उन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के लिये जिन्होने अपना नाम पढ़कर खुश हुए और जिला मुख्यालय के नपाध्यक्ष के नाम न होने को लेकर जिलाप्रशासन से चर्चा नही की न ही चेतावनी दी ।

विधानसभा हो या लोकसभा क्षेत्र के सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ये बात बिल्कुल ही न भूले कि अनूपपुर नगर में लगभग 40 हजार लोग निवास करते है और लगभग 25000 मतदाता भी है, आप केवल अपना सम्मान लेकर चलेंगे और नगर के मुखिया का अपमान होगा तो हम समझेंगे कि ये पूरे नगर का अपमान है और यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा, इसलिए आपको भी इस बात का संज्ञान होना चाहिए और आपको भी विरोध करना चाहिए होगा।

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