तहसील कार्यालय में चल रहा जंगल राज, बाबू को नहीं दिया मुंह मांगी राशि तो ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट निरस्त

तहसील कार्यालय में चल रहा जंगल राज, बाबू को नहीं दिया मुंह मांगी राशि तो ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट निरस्त

*पिछले वर्ष वतहसीलदार बनाया था, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, आवेदन किया निरस्त*


अनूपपुर

केंद्र एवं राज्य सरकार छात्र छात्राओं के लिए चाहे जितनी सुविधाएं उपलब्ध करा दे, लेकिन उसका लाभ मिलते नहीं दिख रहा है, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के बलबूते प्रदेश के लाखों छात्राओं को आरक्षण मिल जाता है, अच्छे से पढ़ाई हो जाती थी, लेकिन ईडब्ल्यूएस कार्ड से नफरत करने वाले लोग शासकीय कार्यालय में पदस्थ हैं, वह नहीं चाहते कि सामान्य वर्ग के  छात्र छात्राएं ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लेकर अच्छे संस्थानों में पढ़ाई कर अपने परिवार घर समाज का नाम रोशन कर सकें, इसी तरह का एक मामला अनूपपुर जिले के तहसील कोतमा में देखने को मिला है, प्राप्त जानकारी के मुताबिक सत्र 2024-25 में माह नवम्बर आवेदक प्रमोद तिवारी/ शिवांशी तिवारी द्वारा कोतमा तहसील में EWS प्रमाणपत्र बनाने हेतु आवेदन किया गया, जिसमें लगने वाले समस्त दस्तावेज संलग्न किए गए जो लोकसेवा केंद्र कोतमा में आवेदन जमा किया गया, जिस पर हल्का पटवारी द्वारा मौके पर निरीक्षण कर अपना पटवारी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस आधार पात्रता हासिल होने पर तहसील कोतमा के तहसीलदार ईश्वर प्रधान द्वारा  दिनांक- 19/11/2024 को EWS जारी किया जो  EWS केवल एक सत्र के लिए ही मान्य होता है, जिस कारण से आवेदक प्रमोद तिवारी/शिवांशी द्वारा पुनः नवीन सत्र में माह मई -2025 में समस्त दस्तावेज संलग्न कर  EWS प्रमाणपत्र हेतु आवेदन लोक सेवा में जमा किया गया,  जिस पर पटवारी द्वारा पुनः मौके निरीक्षण कर पटवारी प्रतिवेदन  प्रस्तुत किया गया, तहसील कोतमा के तहसीलदार द्वारा ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र को अपात्र बताते हुए दिनांक- 02.06.2025 को निरस्त कर दिया गया। उल्लेखनीय की तहसील कार्यालय कोतमा में बैठे बाबू साहब 5  रुपए की मांग कर रहे थे, जब इनके द्वारा नहीं दिया गया तो बड़े साहब तहसीलदार के पास फाइल प्रस्तुत कर आवेदन निरस्त कर दिया गया, अगर यह फाइल गलत थी तहसीलदार ईश्वर प्रधान ने विगत वर्ष इस बेटी शिवांशी तिवारी को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट कैसे जारी कर दिए जांच का विषय है, आवेदक शिवांशी तिवारी जिले की जिम्मेदार अधिकारियों से पूछना चाहती है कि जब मेरा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट 2024 में इन्हीं तहसीलदार के द्वारा बनाया गया था, अब 2025 में ऐसी कौन सी संपदा मेरे घर आ गई कि मुझे ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट से बाहर कर दिया गया है। उक्त प्रकरण पर तहसीलदार के प्रमाणीकरण पत्र के आधार पर आवेदक को 5 एकड़ से अधिक होना बता कर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया, जबकि आवेदक प्रमोद तिवारी के पास ग्राम लोढ़ी में एक भी भूमि उनके खाते में नहीं है जो भी भूमि स्वामी है, उनकी माता सावित्री देवी है, सावित्री देवी का कहना है कि यह हमारी पुश्तैनी जमीन नहीं है, यह हमारी खरीदी हुई जमीन है, सब हमसे अलग रह रहे है, हम किसी प्रकार से बटवारा नहीं करेंगे न करना चाहेंगे ।उक्त प्रकरण पर पुनः प्रथम अपील आवेदन करते हुए अपर कलेक्टर अनूपपुर को पुनः आवेदन प्रेषित किया गया, जिस पर दिनांक - 11/06/2025 को अपर कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी करते हुए यह बताया गया कि भू स्वामी सावित्री पति रामनिवास है, जिससे समस्त आय आवेदक को प्राप्त नहीं होता है, अपर कलेक्टर दिलीप पांडेय द्वारा तहसीलदार कोतमा को आदेशित करते हुए कहा गया कि उक्त प्रकरण कोतमा तहसील के तहसीलदार ईश्वर प्रधान के तानाशाही रवैया पर बार-बार आवेदक को परेशान किया जा रहा है, उन्हें यह कहा जा रहा है कि आप अपना आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, EWS फ़ाइल पर टीप लगा कर जबकि आवेदन में सभी दस्तावेज संलग्न है एवं आवेदक और उनके परिजन को  बार-बार कार्यालय में बुलाकर अनावश्यक रूप से तरह -तरह के नियम बताए जा रहे और समय गवाया जा रहा । तहसीलदार के इस तानाशाही रवैया से आवेदक की पुत्री शिवांशी द्वारा यह कहा जा रहा है कि पूर्व में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें आवेदन किया गया तो हम पात्र थे, अब तहसीलदार अधिक भूमि होना बता कर करके निरस्त किया जा रहा है, जबकि मेरे पिता के नाम पर गाँव मे एक भी जमीन नही है, हमारा परिवार आज 15 से 20 वर्सो से अलग रह रहा है एवं तहसीलदार  द्वारा वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है, कलेक्टर हर्षल पंचोली से आग्रह है कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित निर्णय कर पात्र व्यक्ति को लाभ दिलवाए।

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