सड़क में पड़ने लगी दरारे, भ्रष्टाचार की परते खुलना शुरू, कमीशन के फेर में जिम्मेदारी अधिकारी मौन

सड़क में पड़ने लगी दरारे, भ्रष्टाचार की परते खुलना शुरू, कमीशन के फेर में जिम्मेदारी अधिकारी मौन


शहडोल

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने विगत दिनों रीवा शहडोल मार्ग में तथा ब्यौहारी सीधी मार्ग में बड़ी-बड़ी दरारे दिखने के मामले में   कहा है कि इस प्रकार की निर्माण से स्पष्ट हो रहा है कि किस ढंग से विकास के काम किए जा रहे हैं। इसमें कोई अंकुश नहीं है। करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली यह रोड का यह हाल अभी से होना शुरू हो गया है तो आगे क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है। रोड को भले ही मेंटेनेंस कर ठीक कर दिया जाए लेकिन वह मजबूती नहीं आती है। कैलाश तिवारी ने कहा है कि घटिया निर्माण के संबंध में कोई कार्रवाई न होने के कारण निर्माण एजेंसी मिलजुल कर इस प्रकार की काम को अंजाम दे रही है। कैलाश तिवारी ने कहा है कि यह मामला कुछ दिनों में ठंडा हो जाएगा और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी चाहे इसमें किसी की जान जाए चाहे दुर्घटनाएं हैं। सबको अपने-अपने कमीशन की चिंता रहती है।

हाल ही में आई बड़ी-बड़ी दरारों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने मिलकर सड़क के कटे हुए हिस्से पर पत्थर लगा दिए हैं, जिससे राहगीर हादसे का शिकार होने से बच सकें। इस मामले पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए की लागत से बनी सड़कों की यह दुर्दशा बताती है कि विकास कार्यों के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। इस तरह के निर्माण से स्पष्ट हो रहा है कि कैसे बिना किसी निगरानी और जवाबदेही के काम किए जा रहे है। निर्माण एजेंसियों को किसी भी स्तर पर न तो रोका जा रहा है और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होती है। कैलाश तिवारी ने कहा कि सड़क मेंटेनेंस से क्षति तो कुछ समय के लिए छिप सकती है, लेकिन उसकी मजबूती कभी नहीं लौटती। अभी से ही सड़क टूटने लगे तो सोचिए बारिश के मौसम में क्या हाल होगा। उन्होंने यह सवाल उदकर आने वाले खतरे की ओर ध्यान दिलाया।

सबको है कमीशन की चिंता, जनता जाए भाड़ में कैलाश तिवारी ने व्यवस्था पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, आज के समय में चाहे किसी की जान जाए या सड़क हादसे हों, किसी को फर्क नहीं पड़ता। सबको अपने-अपने कमीशन की चिंता है। निर्माण एजेंसियां, ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारी आपस में मिलकर ऐसे घटिया निर्माण को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर न तो कोई जांच होगी और न ही किसी के खिलाफ कार्रवाई। यह मामला भी कुछ दिनों में ठंडा पड़ जाएगा, जैसे हर बार होता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस बार सिर्फ लीपापोती न की जाए, बल्कि निर्माण एजेंसियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा अगर समय रहते नहीं चेता गया, तो इन सड़‌कों पर हादसे तय है। यह बयान सिर्फ नाराज़गी नहीं, बल्कि उस सिस्टम पर करारा तमाचा है जो जनता की सुरक्षा से ज्यादा कमीशन को प्राथमिकता देता है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है।


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