शासन की 'निःशुल्क' योजना, पर जनता से वसूली का खेल, आयुष्मान कार्ड बनाने पर अस्पताल में 50 रुपये
अनूपपुर
जिला चिकित्सालय अनूपपुर के कमरा नंबर 07 में आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं। शासन की ओर से इस कार्ड को निःशुल्क बनाने का दावा किया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहाँ प्रति कार्ड पर 50 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है, वो भी बिना किसी रसीद के हैरानी की बात यह है कि अगर कोई नागरिक इसी कार्ड को प्राइवेट सेंटर पर बनवाता है, तो उससे सिर्फ 30 रुपये लिए जाते हैं। सवाल उठता है कि शासकीय अस्पताल में ज्यादा शुल्क क्यों? क्या यह सरकारी कर्मचारियों और प्राइवेट एजेंटों की मिलीभगत का मामला है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन शासकीय शुल्क का बहाना बनाकर 50 रुपये वसूलता है, जबकि इसका कोई आधिकारिक प्रावधान नहीं है। यह पैसा किसके खजाने में जा रहा है? इसकी कोई पारदर्शिता नहीं है, क्योंकि रसीद तक नहीं दी जाती। वहीं, प्राइवेट एजेंट्स कम शुल्क लेकर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों और बाहरी एजेंट्स के बीच गैर-कानूनी समझौते की आशंका पैदा होती है।
केंद्र और राज्य सरकार लगातार आयुष्मान कार्ड को निःशुल्क बताती है लेकिन अनूपपुर में यह योजना कमीशन और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की मौन सहमति इस पूरे मामले को और संदिग्ध बनाती है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले की तत्काल जाँच की मांग की है। साथ ही, यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि क्या आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क तय है?अगर नहीं, तो अनूपपुर जिला चिकित्सालय में चल रही इस अवैध वसूली के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।