ड्रेस के नाम पर प्रायवेट स्कूलों में अभिभावकों का शोषण, निजी स्वार्थ के लिए चिन्हित दुकान में ही मिलेगा ड्रेस

ड्रेस के नाम पर प्रायवेट स्कूलों में अभिभावकों का शोषण, निजी स्वार्थ के लिए चिन्हित दुकान में ही मिलेगा ड्रेस

*लूटा जा रहा है अभिवावकों को, ब्लॉसम प्ले स्कूल कोतमा का मामला*


अनूपपुर

ड्रेस के नाम पर प्रायवेट स्कूलों में लूट का सिलसिला जारी है जिस पर जिला प्रशासन को जांच कर कड़ी कार्यवाही कर अभिभावकों का हो रहे शोषण पर रोक लगाने की मांग क्षेत्र के लोगों ने की है। बताया गया है कि प्रायवेट स्कूल के संचालक हर साल ड्रेस कोड में बदलाव कर अभिभावकों की जेब ढीली कर रहे हैं हमारे सूत्रों ने बताया कि कोतमा में रेलवे फाटक के पास संचालित ब्लॉसम प्ले स्कूल के संचालक ने बेवजह ड्रेस में बदलाव कर नियमों का मजाक बना दिया, हमारे खोजी सूत्रों ने खबर दिया है कि ब्लॉसम प्ले स्कूल नगर में पिछले तीन साल से संचालित है, जिसमें बच्चे ड्रेस में आ रहे थे, लेकिन संचालक ने बिना वजह ड्रेस में बदलाव कर दिया बताया गया है कि उनको दुकानदार से कुछ अतिरिक्त लाभ की अपेक्षा थी, लेकिन दुकानदार ने अपने दुकान के साख का हवाला देकर उनके मंसानुसार लाभ उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई, जिसके बाद संचालक ने ड्रेस कोड में बदलाव कर एक चिन्हित दुकान पर ड्रेस मिलने की व्यवस्था कर दुकानदार को झटका तो दिया ही अभिभावकों को भी जोर का झटका धीरे से दे दिया। जानकार बताते हैं कि स्कूल प्रबंधन को ड्रेस कोड में बदलाव करने के पहले प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था, स्वीकृति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जानकारी देकर प्रेस के माध्यम से भी सबको जानकारी दी जानी चाहिए थी, नगर के कपड़ा दुकानों में भी एक वर्ष पहले सूचना देकर ड्रेस में बदलाव करनी चाहिए, ताकि प्रतिस्पर्धा के कारण अभिभावकों के जेब ढीली होने से बचाया जा सके, जिन दुकानों में पिछले साल का ड्रेस बचा है उसे भी निकाला जा सके, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने तमाम नियमों को धता बता कर मनमानी करने पर उतारू हैं, लिहाजा जिला शिक्षा विभाग को जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए। हमारे सूत्र बताते हैं कि ब्लॉसम प्ले स्कूल के संचालक ने निहित स्वार्थों के चलते एक चिन्हित व्यवसायी को लाभ पहुंचाकर आर्थिक हित साधने के लिए अभिभावकों का जेब ढीली करने का काम किया है, निजी स्वार्थ के लिए इस तरह ड्रेस में बदलाव किया जाना और नगर के तमाम कपड़ा व्यवसायियों को इसकी जानकारी न देकर एक ही दुकानदार को ड्रेस बेचने के लिए अधिकृत कर नियमों को धता तो बताया ही है जिला प्रशासन को भी आइना दिखाने का काम किया है, लिहाजा जिला प्रशासन को समग्र प्रकरण की शूक्ष्म जांच शुरू कर कार्यवाही करने की जरूरत है ताकि अभिभावकों के शोषण को रोका जा सके। बताया गया है कि कोतमा में विगत तीन साल से चल रहे ब्लॉसम प्ले स्कूल में नियमों को दरकिनार कर ड्रेस कोड में बदलाव कर दिया गया है और नगर के एक ही कपड़ा दुकान में इस ड्रेस को प्राप्त किया जा सकता है, यह समझ से परे है, जबकि यदि जरूरी ही है तो नगर के कपड़ा दुकानों को इसकी जानकारी देकर निष्पक्षता के साथ अभिभावकों को अपने पसंद के दुकान से ड्रेस खरीदने की सुविधा उपलब्ध कराने का काम करना चाहिए ताकि प्रतिस्पर्धा में अभिभावकों को लाभ तो मिले ही ड्रेस की गुणवत्ता भी अच्छी रहे, किंतु स्कूल के संचालक ने तमाम नियमों व मर्यादाओं को दरकिनार करते हुए ड्रेस कोड में बदलाव कर दिया हमारे प्रतिनिधि ने ब्लॉसम प्ले स्कूल के संचालक रिजवीजी से बात कर उनकी प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका । निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ऐसा कदम उठाया गया जो उचित नहीं है, संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही कर अभिभावकों को शोषण से निजात दिलाने का काम करना चाहिए।

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