पिपरिया गांव में दर्दनाक सड़क दुर्घटना में वृद्ध की मौत, कार पहुंची शोरूम

पिपरिया गांव में दर्दनाक सड़क दुर्घटना में वृद्ध की मौत, कार पहुंची शोरूम

*पुलिस की कार्यवाही पर खड़े होते सवालिया निशान*


अनूपपुर

कोतमा थाना क्षेत्र में ऐसी कई घटना है जिनका खुलासा हुए बिना ही फाइल बंद हो जाती हैं और कैसे रफा दफा हो जाता है एक बड़ी घटना अभी हाल ही में सामने आई जिसमे पिपरिया गांव में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे के बाद कोतमा पुलिस की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैए को लेकर आमजन में भारी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि 55 वर्षीय लखन सिंह निवासी पिपरिया कार की टक्कर से हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के 48 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस न तो आरोपी तक पहुंच पाई है और ना ही घटना को लेकर यह स्पष्ट कर पाई कि कार चला कौन रहा था? यहां सबसे आश्चर्य की बात यह है कि पिपरिया की घटना के उपरांत कार कोतमा के शोरूम पहुंच गई। बताया जाता है कि घटना के बाद जो कार एमपी 01 सीएल 6830 खेत में पलटी हुई पाई गई थी, उसे कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा शोरूम में छोडकर चला गया। यहां भी विचारणीय बात यह है कि शोरूम में कोई भी व्यक्ति कार नहीं अंदर ला सकता। यहां तो सिर्फ सेल के लिए वाहनों को रखा जाता है। लेकिन पुलिस को यह भी नहीं पता कि वह कौन था, शोरूम में वाहन कैसी पहुंची? यह स्थिति पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है। थाना प्रभारी सुंद्रेश सिंह मरावी भी मीडिया को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके।

सर पर इतनी गंभीर चोट लगी थी कि जिला अस्पताल लाने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो चुकी थी सीएचसी कोतमा में प्राथमिक उपचार के बाद जब घायल लखन सिंह को जिला अस्पताल अनूपपुर रेफर किया गया, तब तक उनकी हालत बेहद नाजुक थी। डॉ. बेबी नाजे ने बताया कि व्यक्ति की मौत सिर में गहरी चोट के कारण पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद परिजनों का नाराज होना लाजमी था, मृतक के भतीजे ने बताया कि हमें पुलिस से सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। अगर पुलिस की मंशा साफ होती तो अब तक आरोपी को पकड़ लेती। वहीं परिजनों का आरोप है कि कार को शोरूम में छिपाकर रखने से यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि मामला सामान्य है, जबकि हकीकत में एक निर्दोष की जान गई है।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस या तो जानबूझकर आरोपी को बचा रही है या फिर मामले में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के कारण इसे छिपा रही है। सवाल यह है कि शोरूम में रखी कार की जानकारी पुलिस को कैसे नहीं है? सीसीटीवी क्यों नहीं खंगाले गए? क्या एक आम जन के जान की कीमत कुछ नहीं, यहां पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से क्यों भाग रही है। अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो आमजनों से पुलिस का विश्वास उठ जाएगा?

*इनका कहना है*

अस्पताल से अभी मार्ग डायरी नहीं आई है जानकारी मिली थी कि दुर्घटना ग्रसित कार शोरूम में रखी हुई है, जहाँ से कार को जब्त कर लाया गया है। कार कौन चला रहा था शोरूम में कार किसने छोड़ा इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी

*सुंदरेश सिंह मरावी, थाना प्रभारी कोतमा*

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