ईडी द्वारा प्रतिपक्ष नेताओं पर दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर
जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर मध्य प्रदेश के लेटर पैड में कांग्रेसी नेता एवं कार्यकर्ताओं द्वारा दिनांक 16 अप्रैल 2025 को विपक्षी नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के विरोध में न्याय और लोकतंत्र की रक्षा हेतु महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम पर कलेक्टर जिला अनूपपुर को ज्ञापन पत्र सोपा है।
*भाजपा सरकार पर षड्यंत्र का आरोप*
पत्र में आगे लेख है कि आज जब भारत 75 वर्षों से अधिक पुराने लोकतंत्र की विरासत का दावा करता है, तब देश के भीतर एक खतरनाक प्रवृत्ति लगातार गहराती जा रही है, केंद्र सरकार द्वारा सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग की विशेष रूप से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई, लोकतंत्र की आत्मा को निरंतर घायल कर रही है।हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहल गांधीजी के विरुदध नेशनल हेराल्ड प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ED) दवारा आरोप पत्र दाखिल किया गया है। यह न केवल अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि स्पष्ट रूप से यह केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की संकीर्ण मानसिकता का भी प्रतीक है।जिस परिवार ने इस देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया, जिनके अपने बलिदान हुए, उस गांधी-नेहरू परिवार को केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा सरकार बार-बार अपमानित करने का असफल प्रयास कर रही है। 2014 से लगातार यह देखा जा रहा है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी एजेंसियों का मनमाना उपयोग किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि यह एक राजनीतिक हथियार के रूप में एजेंसियों को प्रयोग करने की रणनीति है।
*महामहिम राष्ट्रपति से निम्न मांग*
आप भारत के संविधान के संरक्षक है, कृपया इस गंभीर प्रकरण में स्वतः संज्ञान लें और केंद्र सरकार से जवाब तलब करें कि बिना किसी मूल शिकायत के किस आधार पर वर्षों पुराने प्रकरण को पुनः खोलकर विपक्ष के शीर्ष नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की आड़ में लोकतंत्र को कुचलने की साजिश को रोका जाए। देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बचाने हेतु भी आप तत्काल हस्तक्षेप करें। इस प्रकार की कार्रवाइयों पर तत्काल निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायिक जांच की व्यवस्था हो, जिससे देश की जनता के बीच एजेंसियों की निष्पक्षता और लोकतंत्र की साख बची रह सके।यह ज्ञापन मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार प्रदेश भर की सभी जिला, तहसील और संभागीय कांग्रेस इकाइयाँ द्वारा संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा जा रहा है, ताकि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक जनता और जनप्रतिनिधियों की असहमति दर्ज हो सके।