जनता में आक्रोश, क्या यातायात प्रभारी को नही दिख रहा ओवरलोड सवारी, सिस्टम बेनकाब?

जनता में आक्रोश, क्या यातायात प्रभारी को नही दिख रहा ओवरलोड सवारी, सिस्टम बेनकाब?

*लापरवाही की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल*


अनूपपुर

किरर घाट हादसे के ठीक एक दिन बाद भी जिले में यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ती लोगों ने सोशल मीडिया में पोस्ट डालनी प्रारंभ कर दी   बुधवार को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों छोटे मालवाहक वाहनों द्वारा  (पिकअप, लोडिंग ऑटो) में लोग ठूँस-ठूँसकर बैठे हुए सफर करते नजर आए वो भी बिना किसी डर या रोक-टोक के। क्या हादसों से कुछ नहीं सीख रहा सिस्टम, इस बड़ीं घटना का जिम्मेदार यातायात प्रभारी नहीं, 2 दिन पहले भीषण दुर्घटना में तीन जानें चली गईं और पाँच लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। यातयात की इस नाकामयाबी से नाराज दिखे लोग और  यातायात विभाग  की कमजोरी को सोशल मीडिया में सामने लाने लगे।

जिम्मेदार अब भी मौन, सवाल जनता के मन में कलेक्टर अनूपपुर के ऑफिशियल पेज पर भी किया गया यातायात की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल उठाया। दावा किया गया था कि हादसे के बाद सख्ती बरती जाएगी। पर ज़मीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। जिला यातायात प्रभारी ज्योति दुबे ने पहले क्यों आंखे मूंद रखी थी, आपके होते कैसे मालवाहक वाहनों पर सवारी बैठी, कैसे ऑटो में 9 सवार सवारी कर रहे , इन सब पर रोकथाम लगाना किसका काम है ,  क्या सिर्फ बड़ी घटनाओं के बाद ही प्रशासन जागेगा, जनता में गुस्सा, प्रशासन पर उंगली स्थानीय निवासी अब सवाल उठा रहे हैं। मालवाहक वाहनों में मानव ढोना अब भी सामान्य मान लिया गया है, नियम सिर्फ कागजों में हैं, हादसे के बाद सिर्फ बयान और जांच के नाम पर लीपापोती क्यों होती है, अब कार्रवाई नहीं, जवाबदेही चाहिए। लोगों ने सोशल मीडिया पर भी प्रशासन को घेरा है और हैशटैग के जरिए जवाब माँगा है। किरर घाट की घटना कोई एकमात्र नहीं — लेकिन क्या ये आख़िरी हो सकती है सवाल के घेरे में यातायात प्रभारी ज्योति दुबे।

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