महुए की कच्ची शराब का अवैध कारोबार तेज़, पुलिस, आबकारी विभाग की चुप्पी चिंता का विषय
*युवाओं के भविष्य पर मंडराता खतरा, कार्यवाही की दरकार*
अनुपपुर
अनुपपुर जिले के थाना रामनगर अंतर्गत नगर परिषद डूमर कछार और आसपास के इलाकों में इन दिनों महुए से बनी कच्ची शराब का अवैध कारोबार पूरे चरम पर है। विशेषकर झीमर के नालों के किनारे, जहां कभी सिर्फ पशुपालन और ग्रामीण जीवन की हलचल होती थी, अब वहां दिन-रात शराब पकाई जा रही है। धुएं से भरते आसमान और सड़ते महुए की दुर्गंध पूरे क्षेत्र की हवा को जहरीली बना रही है।
*कच्ची शराब का खुला कारोबार*
क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि यह गोरखधंधा कोई छुपा हुआ काम नहीं है, यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक न तो पुलिस की ओर से कोई विशेष अभियान चलाया गया है, और न ही आबकारी विभाग ने सख़्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। विभागीय चुप्पी और कार्रवाई की कमी अब जनता के बीच चिंता का विषय बन चुकी है।
*अंतर्राज्यीय तस्करी का खतरा बढ़ा*
डूमर कछार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसा हुआ है, और यही भौगोलिक स्थिति तस्करों के लिए वरदान बन गई है। मध्यप्रदेश में तैयार की जा रही अवैध कच्ची शराब अब छत्तीसगढ़ के खोंगापानी , झगराखांड एवं अन्य बाजारों तक भी पहुंच रही है। सीमाएं पार कर रहा यह नशे का धंधा अब केवल एक जिले की नहीं, बल्कि दो राज्यों की कानून-व्यवस्था से जुड़ी चुनौती बन चुका है।
*युवाओं के भविष्य पर मंडराता खतरा*
शराब की आसान उपलब्धता का सबसे गहरा असर क्षेत्र के युवाओं पर पड़ रहा है। स्कूल-कॉलेज के छात्र इस लत की चपेट में आते जा रहे हैं, जिससे समाज की नींव कमजोर होती दिख रही है। कुछ सामाजिक संगठनों ने इस पर चिंता जताई है और प्रशासन से अपेक्षा की है कि वह जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाए।
*प्रशासनिक पहल की दरकार*
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि पुलिस और आबकारी विभाग एक संयुक्त अभियान चलाकर इन अवैध ठिकानों पर सख़्ती से कार्रवाई करें। अब समय आ गया है जब नालों और झाड़ियों में पनपते इस नशे के जाल को काटा जाए, ताकि अगली पीढ़ी को बचाया जा सके।
इनका कहना है।
पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही किया जाएगा।
*सुमित कौशिक थाना प्रभारी रामनगर*