मंत्री जी के क्षेत्र में कृषि उपज मंडी कर्मचारियो को दस माह से पेंशन एवं वेतन के पड़े लाले
*कोतमा विधानसभा का मामला*
अनूपपुर
मध्य प्रदेश के मंत्री एवं विधानसभा क्षेत्र कोतमा के विधायक दिलीप जायसवाल के गृह क्षेत्र में पिछले 10 माह से कृषि उपज मंडी में पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों का वेतन नहीं दिया गया वहीं दो पेंशन कर्मचारियों का 10 माह से पेंशन न मिलने से परिजन भूख मरने की कगार पर हैं जिसको लेकर कई बार गुहार मध्य प्रदेश सरकार से लगाई गई किंतु कोई सुनवाई न होने से परिवार दर-दर भटक रहा है। बताया जाता है कि कृषि उपज मंडी कोतमा में इन दिनों पांच अधिकारी कर्मचारी पदस्थ है जिसमें तीन सहायक उप निरीक्षक एवं एक मंडी निरीक्षक तथा एक बाबू है।
कृषि उपज मंडी कोतमा में पिछले 5 वर्षों से मंडी में सफाई कर्मचारी, चपरासी एवं सुरक्षा कर्मी की नियुक्त न होने के कारण 5 एकड़ के परिसर में सुरक्षा का अभाव एवं सफाई कर्मचारी के न होने से मंडी प्रांगण गंदगी से पटा हुआ है पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी, चौकीदार एवं चपरासी की नियुक्ति के लिए कई बार मंडी बोर्ड एवं उपसंचालक को पत्र लिखा गया किंतु 5 वर्ष बीत गए आज तक किसी की नियुक्त न होने के कारण मंडी जो 5 एकड़ के परिसर पर है असुरक्षित है वहीं सफाई कर्मचारी ना होने के कारण गंदगी से पटा हुआ है चपरासी ना होने से मंडी का काम प्रभावित हो रहा है। कृषि उपज मंडी कोतमा के अधिकारी कर्मचारियों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से धान उपार्जन की राशि मंडी को न मिलने के कारण पिछले 10 माह से वेतन एवं पेंशन नहीं हो पा रहे हैं जिससे हमारे परिवारजन जीवन यापन के लिए परेशान है लगभग दो करोड रुपए की राशि धान उपार्जन की रुकी हुई है।
नगर के वार्ड क्रमांक सात में नेशनल हाईवे 43 के पास 5 एकड़ भूमि पर नवीन कृषि उपज मंडी भवन का निर्माण हुआ है जिसमें विगत 1 वर्ष से कृष्ण मंडी कोतमा संचालित है मंडी बोर्ड ने 5 एकड़ परिसर पर मंडी कार्यालय का निर्माण तो कर दिया किंतु सुरक्षा की दृष्टि से आज तक सुरक्षा गार्ड एवं सफाई कर्मचारी व चपरासी के लिए व्यवस्था नहीं की कार्यालय संचालन के लिए तीनों कर्मचारियों की माहती आवश्यकता होती है साथ ही किसानों को प्रांगण में लाने के लिए सुविधा उपलब्ध कराना होता है किसान गंदगी में एवं सुरक्षा के अभाव में मंडी प्रांगण में आने से घबराते हैं स्थानीय किसानों ने क्षेत्रीय विधायक एवं मध्य प्रदेश के मंत्री दिलीप जायसवाल से अपेक्षा की है कि अगर 5 एकड़ की भूमि पर ढाई करोड रुपए की लागत से मंडी भवन का निर्माण कराया जा सकता है तो किसानो की सुरक्षा और सुविधा के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति शीघ्र कर किसानों को सुविधा मुहैया कराया जाए।
इनका कहना है।
पिछले 10 माह से कर्मचारी अधिकारियों का वेतन एवं पेंशन नहीं किया गया है जिस संबंध में उच्च अधिकारियों से पत्राचार जारी है।
*बाल गोविंद कोल, सचिव, कृषि उपज मंडी कोतमा*