प्रतिबंध के बावजूद हाईटेंशन लाईन के नीचे आधी रात शुरू होता भवन निर्माण कार्य
*दर्जनों नोटिस के बावजूद धड़ल्ले से निर्माण कार्य, प्रशासन उदासीन*
अनूपपुर
नगर पालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 9 में हाईटेंशन 220/132 केव्ही टॉवर लाइन के नीचे अवैध निर्माण पर नगर पालिका राजस्व सहित जिला प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है। उक्त स्थल पर भवन निर्माण के लिए कई बार नपा सहित जिला प्रशासन ने रोक लगाई है। बावजूद इसके भवन स्वामी द्वारा अवैध निर्माण कार्य को बार-बार धीमी गति से करते हुए खुलेआम दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि पूर्व में हाई टेंशन लाईन के नीचे अवैध तरीके से भवन निर्माण के दौरान मुख्यालय में बिजली के झटका लगने या कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हो चुके है। जो दुर्घटनाएं जिला मुख्यालय में चिंताजनक रही, फिर भी संबंधित विभाग नगर पालिका अनूपपुर, राजस्व विभाग और कार्यपालन यंत्री म.प्र. पूर्व क्षेत्रीय विद्युत वितरण कंपनी अनूपपुर द्वारा शहर भर में एचटी तारों के नीचे अवैध रूप से निर्माणाधीन इमारतों में काम कर रहे मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
*यह है मामला*
नगर के वार्ड 9 में राय ऑयरन ट्रेडर्स के बगल से किरण सोनी पिता बिहारीलाल सोनी द्वारा अति उच्चदाब 220/132 केव्ही लाईन के नीचे प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध तरीके से भवन का निर्माण कराया रहा है। जिसको लेकर नपा अनूपपुर द्वारा म.प्र. नपा अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत दर्जनों नोटिस जारी करते हुए कई बार निर्माण कार्य को बंद कराते हुए पंचनामा तैयार कर निर्माण सामग्री को जब्त किया जाकर उक्त निर्माण कार्य को तत्काल तोड़ने का आदेश दिया गया। वहीं तत्तकालीन कलेक्टर द्वारा भी उक्त प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण नही किये जाने वा उस पर रोक लगाये जाने नपा को निर्देश जारी कर काम बंद करवाया गया था।।
*आधी रात शुरू होता निर्माण कार्य*
जानकारी के अनुसार अजय सोनी एवं किरण सोनी द्वारा उक्त प्रतिबंधित क्षेत्र में फिर एक बार अवैध तरीके से भवन निर्माण का कार्य जोरो पर शुरू कर दिया गया है। जहां 7 एवं 8 अप्रैल को भवन निर्माण कार्य आधी रात से प्रारंभ कर दिया गया है। जो सुबह 3बजे से 4 बजे तक निर्माण कार्य को करवाते हुए जिला प्रशासन के आंखों में धूल डालने का कार्य किया जा रहा है। इस अवैध निर्माण पर नगर पालिका अनूपपुर की मौन स्वीकृति दिये हुये है। जबकि इस अवैध भवन निर्माण पर रोक लगाए जाने के लिए 15 मई को कार्यपालन यंत्री म.प्र. विद्युत वितरण केन्द्र अनूपपुर को भी पत्र लिखा गया , लेकिन अब विद्युत विभाग के तरफ से भी कोई कार्यवाही नही की गई।
*सार्वजनिक गंदे पानी की निकासी को किया गया बंद*
पूरे मामले में वार्ड क्रमांक 9 में वार्डवासियों ने 9 मई को कलेक्टर सहित मुख्य नपाधिकारी अनूपपुर को लिखित शिकायत की गई थी कि अनूपपुर-वेंकटनगर मुख्य मार्ग वार्ड 9 राय आयरन ट्रेडर्स के बगल से किरण सोनी पिता बिहारी लाल सोनी द्वारा सार्वजनिक पुल से गंदे पानी की निकासी द्वार को बंद कर 132 केव्ही हाईटेंशन टाॅवर लाईन के नीचे अवैध निर्माण किया जा रहा है। जिसके कारण बारिश के दिनों में पानी की निकासी रूक जाएगी, जिससे वार्ड के रहवासियों के घरों में पानी भरने की संभावना है, जिस पर कार्यवाही की मांग की गई थी, लेकिन इस पूरे मामले में अब तक कोई कार्यवाही नही हो सकी है।
*नपा सहित जिला प्रशासन बना उदासीन*
शहर के निवासियों के जीवन के प्रति नगर पालिका की घोर उदासीनता सामने आई है, जहां नगर पालिका द्वारा वार्ड क्रमांक 9 के उक्त अवैध भवन निर्माण को रोकने के लिए सिर्फ पंचनामा नोटिस जारी कर अपनी कागजी कोरम पूरा किया गया है। नगर पालिका अनूपपुर द्वारा 8 मई को किरण सोनी पिता बिहारीलाल सोनी को हाईटेंशन टाॅवर लाईन के नीचे से अवैध निर्माण को रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया, जिसमें 24 घंटे के अंदर अवैध निर्माण को तोड़कर निकाय को सूचित करने अन्यथा उक्त अवैध निर्माण को नपा द्वारा तोड़ने की कार्यवाही तथ होने वाली खर्चे की वसूली बकाया राजस्व की भांति की जाने का नोटिस दिया गया। लेकिन सिर्फ दिखावे के नोटिस के कारण उक्त अवैध भवन का निर्माण मकान स्वामी द्वारा जोर शोर से किया जा रहा है। वहीं उक्त स्थल तहसील कार्यालय अनूपपुर से महज 500 मीटर दूर होने के बाद भी राजस्व विभाग भी इस ओर किसी तरह का ध्यान नही दे रही है।
*दुर्घटनाओं को निमंत्रण, विभाग बना अंजान*
जानकारी के अनुसार अति उच्च दाब लाईनों के नीचे या निकटवर्ती प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की स्थाई अथवा अस्थाई निर्माण कार्य जिसमें मकान, भवन, झोपड़ी, रोड़, शेड सहित वृक्षोरोपण संबंधित कार्य नही किया जा सकता है। लेकिन अति उच्चदाब वाले टाॅवरों या केबिल के नीचे अवैध निर्माण को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है। जिन पर इन अवैध भवन निर्माण पर अंकुश लगाया जाना आवश्यक हो गया है। 66 केवी, 132 केवी और 220 केवी एचटी केबलों के तहत किसी भी प्रकार का निर्माण विद्युत अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अवैध है, ऐसी अवैध इमारतों को हटाने या ध्वस्त करने की जिम्मेदारी से संबंधित विभाग कार्यवाही करने से भाग रही है।