2.60 करोड़ घोटाले में कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवा समाप्त, दो निलंबित, के निलंबन के लिए शासन को लिखा पत्र
उमरिया
जिले के ट्राइबल ब्लॉक पाली के बीईओ कार्यालय से 02.60 करोड़ की वित्तीय अनियमितता की जांच में जुटी कमेटी ने अपना अंतरिम प्रतिवेदन सौंप दिया है,जिला कोषालय अधिकारी अखिलेश पांडेय की अनुशंसार पर जांच प्रतिवेदन में बीईओ राणा प्रताप सिंह,कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी बाबू अशोक धनखड़ सहित धीरेंद्र गुप्ता के विरुद्ध शासकीय राशि 2.60 करोड़ रुपए के आहरण को आहरण समवितरण अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा कपटपूर्ण आहरण के लिए दोषी माना गया है, बीईओ राणा प्रताप को गंभीर वित्तीय अनियमितता का दोषी माना गया है,जांच कमेटी ने सभी दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निलंबन एवं एफआईआर कराए जाने का प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को सौंपा है, जिसके बाद इन सभी आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जायेगी, कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया है मामले में दोषी कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी की सेवा समाप्त कर दी गई है, वहीं माध्यमिक शिक्षक रामबिहारी पाण्डेय,लिपिक अशोक कुमार धनखड़ को निलंबित किया गया है, साथ ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह को निलंबित करने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
*02.15 करोड़ हुए रिकवर*
जनजातीय कार्य विभाग के खंड कार्यालय से हुई 02.60 करोड़ रुपए के वित्तीय अनियमितता की खबर जैसे ही बाहर आई और प्रशासन ने जांच शुरू की तो आरोपियों ने अपने बचाव को लेकर कवायद शुरू कर दी,वर्ष 2018 से लेकर वर्ष 2023 के बीच किए गए खुद के द्वारा फर्जी आहरण को स्वीकार करते हुए 02.15 करोड़ रुपए शासन के खाते में जमा भी कर दिए।
*दर्ज होगी एफआईआर*
आरोपियों के फर्जी तरीके से अतिथि शिक्षकों और मजदूरों के बिल बनाकर अपने परिजनों के नाम से खाते में राशि डाल ली यह कारनामा आरोपी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने वर्ष 2018 से 2023 के बीच किया है,जांच में सभी संदिग्ध पाए गए 24 खातों में से 21 खातों में राशि आरोपियों ने अपने बेटे पत्नी और अन्य परिजनों के नाम पर ट्रांसफर किए हैं।
इनका कहना है।
सभी के विरुद्ध सम्पूर्ण जांच उपरांत अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
*धरणेद्र जैन कलेक्टर, उमरिया*