प्रदूषण विभाग की टीम ओरिएंट पेपर मिल पहुँचकर निरीक्षण किया, जांच के लिए सैम्पल

प्रदूषण विभाग की टीम ओरिएंट पेपर मिल पहुँचकर निरीक्षण किया, जांच के लिए सैम्पल

*ओपीएम व सोडा फैक्टरी के प्रदूषण से जनता है परेशान, लगातार कर रहे हैं शिकायत*



प्रदूषण विभाग की टीम ओरिएंट पेपर मिल पहुँचकर निरीक्षण किया, जांच के लिए सैम्पल

*ओपीएम व सोडा फैक्टरी के प्रदूषण से जनता है परेशान, लगातार कर रहे हैं शिकायत*

अनूपपुर

अनूपपुर शहडोल जिला के सीमा में संचालित हो रही ओरिएंट पेपर मिल और कास्टिक सोडा फैक्ट्री का प्रदूषण इतना जानलेवा हो चला है कि अब रहवासी भी प्रदूषण कम करने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद बरगंवा की अध्यक्ष गीता गुप्ता प्रदूषण के खिलाफ लगातार मुहिम छेड़ी हुई हैं इस मामले की कई बार शिकायत भी कर चुकी हैं लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते बीते दिन फैक्ट्री के द्वारा लगातार प्रदूषित किया जा रहे हवा, पानी और मिट्टी के नमूने की जांच के लिए प्रदूषण विभाग खुद भोपाल से अमलाई पहुंचा हुआ था। पेपर मिल के द्वारा छोड़े जा रहे सोन नदी से पानी का सैंपल प्रदूषण विभाग के द्वारा एकत्रित किए गए हैं इतना ही नहीं जिस जगह पर कास्टिक सोडा फैक्ट्री अपना डंप यार्ड बनाई है उसके धूल के गुब्बार भी लोगों को बीमार कर रहे है। दोनों फैक्ट्रियां लगातार क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने का काम कर रही है एक ने तो हवा और पानी को खराब कर रखा है तो कास्टिक सोडा फैक्ट्री ने मिट्टी के माध्यम से जमीन की उर्वरकता को भी खत्म करने का काम लगातार करती आ रही है जिसका नतीजा अब यह हुआ है कि लोगों को भूमिगत पानी भी साफ सुथरा नहीं मिल पा रहा है।

गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल रहा धुएं का गुब्बार तस्वीरों में दिख रहा यह धूल का गब्बर हवा के साथ मिलकर इतना प्रदूषण फैला रहा है कि बरगवा नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 2 में रहने वाले वार्ड वासियों का जीना दुश्वार हो चला है जिस समय हवा तेज होती है तो इस वॉर्ड के अलावा आसपास के रह रहे अन्य वार्डों में भी यह धूल का गब्बर लोगों को गंभीर बीमारियों की तरफ धकेलना का काम कर रहा है जानकारी के अनुसार इस डंप यार्ड में खुले तौर पर इसे रख देने के चलते कई केमिकलों यूक्त ये सफेद परत लोगों की सास फुलाने का काम कर रही है, लेकिन विभागीय मिलीभगत होने के चलते आम आदमी को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। साल दर साल बढ़ा प्रदूषण क्षेत्र के लोगों की समस्या आज की नहीं बल्कि कई सालों पुरानी है हवा में घुल रहा जाए और धरती के नीचे मौजूद पानी का प्रदूषण स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों को अब साफ पानी भी पीने को मिल नहीं रहा है इन सभी मुद्दों को लगातार यहा के लोग लड़ते आ रहे हैं इन लोगो द्वारा 1995 से लगातार ओरिएंट पेपर मिल की शिकायत की जा रही है लेकिन नतीजा आज तक नहीं निकल पाया है और समस्याएं हैं जो बढ़ती जा रहे हैं।

फैक्टरी का गंदा पानी पहुंच रहा नदी में ओरिएंट पेपर मिल और हुकुमचंद जूट मिल केमिकल फैक्ट्री से लगातार गंदा पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है जिसके चलते लोगों को त्वचा संबंधी बीमारियों के अलावा फेफड़े में दर्द की शिकयत के साथ दमा, अस्थमा के रोग से वॉर्ड वासी पीड़ित होते चले जा रहे हैं। इस बात की शिकायत भी लगातार करते चले आ रहे है। जिस कारण बीते दिनों प्रदूषण विभाग की एक टीम मौका स्थल पर सैंपल लेने पहुंची हुई थी जहां पर अधिकारियों नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि पेपर मिल के आसपास रह रही बसाहट को हवा के माध्यम से जहर पहुंचने का काम पेपर मिल कर रही है हवा में इतना प्रदूषण है कि कुछ समय बाद बर्दाश्त करने की क्षमता भी खत्म होती जाती है। भाजपा की सरकार ने क्षेत्र को पंचायत से उन्नयन कर नगर परिषद में तब्दील तो कर दिया लेकिन लगातार प्रदूषण से निजात नहीं दिला पा रही है।

*इनका कहना है*

ओपीएम व सोडा फैक्ट्री के द्वारा लगातार प्रदूषण किया जा रहा है जिसके चलते बरगंवा नगर परिषद की आम जनता परेशान हैं। जब तक प्रदूषण का स्तर कम नही हो जाता तब फैक्ट्री के विरोध में मुहिम चलती रहेगी।

*गीता गुप्ता अध्यक्ष नगर परिषद बरगंवा*

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