मांग पूरी नही हुई तो होगा धरना प्रदर्शन, केशरवानी वैश्य सभा ने मुख्यमंत्री को सौपा ज्ञापन
शहडोल/ब्यौहारी
मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ब्यौहारी के कार्यक्रम में, केसरवानी वैश्य सभा मध्यप्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल, राजकमल केसरवानी संरक्षक एवं अनिल कुमार गुप्ता अध्यक्ष, प्रदेश सभा के नेतृत्व में, जे पी गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जय प्रकाश गुप्ता उपाध्यक्ष, प्रदेश सभा, बृजेन्द्र गुप्ता, संरक्षक, केसरवानी वैश्य नगर सभा शहडोल, बृजेश गुप्ता, जिला प्रभारी केसरवानी सभा, शहडोल के साथ, केसरवानी जाति को, काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट, बी पी मंडल आयोग की रिपोर्ट, इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के प्रकरण में, उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आधारों पर एवं भारत सरकार के 2011 के राजपत्र में केसरवानी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित किए जाने के आधार पर, मध्यप्रदेश राज्य में "अन्य पिछड़ा वर्ग" में सम्मिलित किए जाने की मांग का एवं केसरवानी समाज को मध्यप्रदेश की राजनीति में, भाजपा द्वारा भागीदारी सुनिश्चित करने की, दो सूत्रीय मांग का, राजीव गुप्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य महासभा, भोला प्रसाद गुप्ता, अध्यक्ष केसरवानी वेलफेयर ट्रस्ट मध्यप्रदेश, मनोज कुमार गुप्ता महामंत्री व रविशंकर केसरी प्रबंध मंत्री प्रदेश सभा द्वारा हस्ताक्षरित, ज्ञापन सौंपा गया।
केसरवानी समाज की उक्त मांगों के संबंध में, कार्यक्रम के दौरान, सीधी संसदीय क्षेत्र की सांसद, श्रीमती रीति पाठक को, केसरवानी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किए जाने के, वैधानिक तथ्यों के साथ, संरक्षक राजकमल केसरवानी एवं अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता द्वारा जानकारी प्रदान की गई।*
केसरवानी वैश्य नगर सभा ब्यौहारी द्वारा भी अलग से प्रदेश केसरवानी सभा की, इन्हीं मांगों के समर्थन में ब्यौहारी नगर अध्यक्ष मनोज कुमार केसरवानी, नगर महिला सभा अध्यक्षा श्रीमती रीतू गुप्ता, नगर तरुण सभा अध्यक्ष जितेंद्र चामडिया एवं नगर के अन्य पदाधिकारियों राजेन्द्र गुप्ता, ओमप्रकाश उर्फ लल्लू गुप्ता, चंद्रसेन गुप्ता, चंद्रभान गुप्ता, के एल गुप्ता आदि द्वारा भी मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन देते हुए, मांग किया गया कि उपरोक्त उल्लेखित वैधानिक आधारों एवं समाज की दयनीय आर्थिक, शैक्षणिक, राजनैतिक स्थितियों की वर्षों से शासन द्वारा की जा रही अनदेखी पर अभी भी विचार नहीं किया गया और शासन प्रशासन द्वारा यदि अब भी अनदेखी की गई तो, 27 अप्रैल दिन गुरुवार को, केसरवानी समाज,अपनी इस मांग के परिप्रेक्ष्य में, मध्यप्रदेश के प्रत्येक केसरवानी बाहुल्य जिलों एवं तहसीलों में, दोपहर 01 बजे से शाम 04 बजे तक सामूहिक धरना-प्रदर्शन करेगी।