केशरवानी समाज का तहसील व जिला मुख्यालय में होगा राज्यव्यापी धरना व ज्ञापन

केशरवानी समाज का तहसील व जिला मुख्यालय में होगा राज्यव्यापी धरना व ज्ञापन


शहडोल/अनूपपुर

केसरवानी वैश्य सभा मध्य प्रदेश की प्रबंध समिति की बैठक, दिनांक 26 मार्च 2023 को सिंगरौली जिले के देवसर में आयोजित की गई। केसरवानी सभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता जी की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई जिसमें मध्यप्रदेश राज्य में केसरवानी जाति को "अन्य पिछड़ा वर्ग" में सम्मिलित करने की वर्षों से लंबित मांग पर चर्चा की गई।

सन 1953 में राष्ट्रीय स्तर पर गठित "काका कालेलकर समिति" जो विकास की मांगों की कसौटी पर, गैर अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण हेतु गठित की गई थी ने, केसरवानी समाज को अपनी रिपोर्ट में पिछड़ी जाति में माना है। उसके बाद 1979 में राष्ट्रीय स्तर पर गठित "बी पी मंडल आयोग" ने भी अपने प्रतिवेदन के भाग दो पृष्ठ 171 में, केसरवानी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किए जाने हेतु अनुशंसित किए हैं। केसरवानी समाज को न्याय दिलाने के लिए, मंडल आयोग, काका कालेलकर समिति, इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के प्रकरण में उच्च न्यायालय के निर्णय का संदर्भ देते हुए, केसरवानी समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने का आग्रह, मध्य प्रदेश शासन प्रशासन से वर्षों से किया जा रहा है। किंतु दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार मौन रहकर, केसरवानी समाज को न्याय दिलाने में अब तक असफल रही है। जिसके कारण केसरवानी समाज निर्णय लिया है कि 27 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार को, मध्य प्रदेश के तहसील एवं जिला मुख्यालयों में, समाज का धरना आंदोलन कर, कलेक्टर, एसडीएम तथा तहसीलदार के माध्यम से, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को, ज्ञापन सौंपेंगे।

यह धरना आंदोलन सभी स्थानों पर अपराह्न 1:00 बजे से 4:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। उसके पश्चात, स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा । केसरवानी समाज मध्य प्रदेश के 33 विधानसभा क्षेत्रों में विशेषकर विंध्य क्षेत्र में किसी भी दल की सरकार बनाने में, जय एवं पराजय में, महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। भारत सरकार, अब राज्य सरकारों को जातियों को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने व अधिसूचित कर,आरक्षण प्रदान करने का अधिकार दे रखी है ।किंतु मध्य प्रदेश सरकार केसरवानी समाज के साथ न्याय नहीं कर रही है। जबकि पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित अन्य जातियों की तुलना में, केसरवानी जाति, जो "केसरवानी" "केसरी"  "बानी " "गुप्ता"  "खरे" "खरिया" इत्यादि उपनामों से जाने पहचाने जाते हैं, हर दृष्टिकोण से आज भी पिछड़े हुए हैं।

प्रबंध समिति की बैठक में, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी गुप्ता, उपाध्यक्ष भोला प्रसाद व संजय केसरवानी, संगठन महामंत्री राजेंद्र गुप्ता, प्रबंध मंत्री रविशंकर, मंत्री राजेश गुप्ता सीए, राम सुमिरन गुप्ता संयोजक राजनैतिक समिति,तरुण सभा अध्यक्ष विशेष चंद्र केसरवानी, अधिवक्ता राकेश गुप्ता, डॉक्टर नीरज केसरवानी, देवसर नगर सभा अध्यक्ष त्रिवेणी प्रसाद गुप्ता, महामंत्री घनश्याम दास गुप्ता, संगम लाल गुप्ता, बृजेश गुप्ता, चंद्रप्रकाश, संपति दास गुप्ता, राजाराम गुप्ता, कामतानाथ, वीरेंद्र गुप्ता, रामनरेश, रुपेश, रोशन लाल, हितेश, रामकृष्ण, सुरेश कुमार, चंद्रप्रकाश, त्रिपुरारी नाथ,  एवं श्रीमती पूनम, श्रीमती सीता, श्रीमती अर्चना, श्रीमती वंदना गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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