सचिव हुआ बेलगाम, कर रहा है घोटाले पर घोटाला, कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत, नही हुई कार्यवाही
अनूपपुर
पंचायतों में भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है और अधिकारियों को कार्यवाही करने से गुरेज है। कुल मिलाकर मामला सांठ गांठ का ही नजर आता है क्योंकि कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करने के बाद यदि अधिकारी कार्यवाही से कतराते है तो निश्चित ही मिलीभगत है और यही कारण है कांसा सचिव के खिलाफ शिकायत का पुलिंदा होने के बावजूद उस पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की कलम नहीं चली। हालांकि इसके पीछे भी कारण है जो आम आदमी भी समझता है कि टेबिल के नीचे से आने वाली आमदनी को रोककर कौन अपने पैर में कुल्हाड़ी मारेगा।
भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके ग्राम पंचायत कांसा में सचिव को तानाशाही व मनमानी चरम पर है। सचिव द्वारा जहां नियमों के विपरीत दबंगतापूर्वक निर्माण कार्य कराया जा रहा है वही जनहितकारी योजनाओं मे भी भारी गफलत को पुख्ता जानकारी सामने आई है। अब पंचायतों में भ्रष्टाचार की बात आम हो चली है। ये मामला तब और गंभीर जाता है जब ग्रामीण प्रशासन से लेकर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी शिकायत पहुंचा चुके हो उसके बाद अधिकारियों के कान में तक नहीं रेंगना बताता है कि इन भ्रष्टाचारियों को इन अधिकारियों का खुला क्या पड़ा है कि उस पर जबरन कार्यवाही करेगा, हो यह अलग बात है कि आम देते देते जरूर घिस रहा है, लेकिन खेत तालाब बनाये राशि का आवरण बना यह है पंचायत सेवक के कार्य जिसकी राशि 3,38903 रुपये स्वीकृत थे इससे बिना काम किये 2,66072 रुपये आहरण किया जा चुका है, जब हितग्राही ने आपत्ति जताई तो उसके बाद शिकायत में बताया गया कि पुष्कर धरोहर तालाब के नाम पर पर भारत पिता रामदीन के फर्जी मास्टर रोल तैयार कर पैसे दिए जा रहे है, सचिव शिवचरण पटेल द्वारा चार सप्ताह का मस्टर रोल तैयार कर जिसमे कुल 17 मजदूर लगे थे बाकी फर्जी मस्टर रोल तैयार कर पैसे निकाल लिए गए है जबकि उक्त कार्य के अब तक 72000 रुपये बचे हुए है। सोचनीय विषय है कि जो काम हुआ नहीं उसका पैसा कहां गया और जो हितग्राही है अब उसको दूसरे काम के नाम का उल्लेख है।
वही गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराने के लिए संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में कांसा पंचायत में भारी गड़बड़ी की जानकारी मिली है। यहां अपात्रों को जहां जल्द से जल्द लाभ दिलवाने की कोशिश की जा रही है वही पात्र हितग्राहियों का प्रधानमंत्री आवास योजना की लिस्ट में नाम ही नहीं है पीएम आवास की सूची दिखाने में आनाकानी की जाती हैं। सचिव को पॉवर फुल लोगो का संरक्षण प्राप्त है और ये खुलेआम भ्रष्टाचार पर उतारू है।
*इनका कहना है*
अभी मैं आज ही सीईओ अनूपपुर का पदभार ग्रहण किया हूँ मैं जल्द ही पूरे मामले को दिखवा लेता हूँ।
*अभय सिंह ओहरिया सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर*

