मंच में महिलाओं को पीछे बैठाकर बैकफुट में धकेलने का साजिश रच रही नगर परिषद
अनूपपुर/राजनगर
मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस के अवसर पर नगर परिषद बनगवां के द्वारा स्थापना दिवस समारोह का आयोजन नगर परिषद में किया गया जिसमें अध्यक्ष पार्षद व अन्य लोग उपस्थित रहे वह कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता व गांधीजी की छायाचित्र में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर बनगवा नगर परिषद में महिला पार्षद बैकफुट पर नजर आई। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा महिलाओं को बराबर का दर्जा देने के लिए लाख प्रयास कर रही है। ठीक इसके विपरीत नगर परिषद बंनगवा /राजनगर में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर महिला जनप्रतिनिधियों को सामने स्थान ना देकर उन्हें पीछे की कुर्सियों में बैठाया गया। नगर परिषद के इस करामात को देखा जा सकता है कि सरकार लाख दावे महिलाओं को बराबरी में लाने की कोशिश करें लेकिन उनके विपरीत अधिकारी अपनी मनमानी और जनप्रतिनिधियों की चापलूसी के कारण महिलाओं का अपमान करते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस पर अनूपपुर जिले की कलेक्टर खुद महिला है और महिला के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर आगे क्या एक्शन लेंगे।
*बनगवां में जनता को नहीं किया आमंत्रित, खाली रहा जनता दरबार*
वहीं मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के इस अवसर पर राजनगर में स्थानीय आम जनमानस को नहीं बुलाया जाने की खबर मिली है जबकि यह मध्यप्रदेश स्थापना दिवस का कार्यक्रम आम जनमानस के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 7 दिनों का कार्यक्रम तय किया गया था । पर क्षेत्रीय अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही के कारण आम जनमानस को कार्यक्रम से दूर रखा गया । कार्यक्रम में कुर्सियां खाली देखी गई और जो कुर्सियों में बैठे लोग हैं वह आंगनबाड़ी की सहायिका और परिषद के कर्मचारी ही देखे जा रहे हैं इस अवसर पर नपा अध्यक्ष यशवंत सिंह राजन त्रिपाठी, सुरेश गौतम, धर्मेंद्र सिंह, राजेश कलसा , सतीश चंद्र वेदी, संस्था सिंह ,सोनू कनौजिया, बृजमोहन सिंह व अन्य लोग उपस्थित रहे।
*कोतमा में अव्यवस्थाओं के बीच बनाया गया स्थापना दिवस*
कोतमा ब्लाक अंतर्गत मध्य प्रदेश स्थापना दिवस मंगलवार को केंद्र स्कूल में मनाया गया। केंद्र स्कूल पर अव्यवस्थाओं के बीच बच्चों को कड़ी धूप में खड़ा कर मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना करते हुए मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाया गया है। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर कोतमा ब्लॉक में बृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था। लेकिन जनप्रतिनिधियों की चापलूसी और कागजी कार्य दिखाने के लिए छोटे से टेंट के नीचे संपूर्ण कोतमा के स्कूली छात्रों को बुलाकर धूप में खड़ा कर दिया गया। वही ना तो बच्चों को खाने के लिए बिस्किट हुआ कोई फलाहार दिया गया और ना ही पीने की पानी की सुविधा मुहैया कराई गई। कोतमा ब्लाक अंतर्गत किए गए कार्यक्रम में किसी भी विभाग द्वारा आम जनमानस को आमंत्रित नहीं किया गया। मुख्यमंत्री की मंशा थी कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आम जनमानस को एकत्र कर मध्यप्रदेश की एकता अखंडता और विकास की परिभाषा को मंच से साझा कर सकें लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और चापलूस अधिकारियों के कारण मुख्यमंत्री की मंशा में पानी फिरता देखा गया। आम जनमानस को ना तो आमंत्रित किया गया और ना ही कार्यक्रम में कोई स्थान दिया गया। आम जनमानस के साथ क्षेत्रीय पत्रकारों को भी किसी भी प्रकार का कार्यक्रम के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। कार्यक्रम देखकर आम जनमानस और लोगों को देखकर व्यक्तिगत कार्यक्रम आयोजन समझ आ रहा था।
