घूंसखोरी की करतूत वायरल के बाद बौखलाये इंजीनियर ने सुनाई खरी खोटी, जमकर काटा बवाल

घूंसखोरी की करतूत वायरल के बाद बौखलाये इंजीनियर ने सुनाई खरी खोटी, जमकर काटा बवाल

*इंजीनियर अनिल शुक्ला ने दी जबरन अपात्र बनाकर योजना का लाभ न देने की धमकी*


शहडोल/बुढ़ार

जनपद पंचायत बुढार मे पदस्थ अनिल शुक्ला की काली करतूत सोशल मीडिया मे वायरल होते ही बौखलाये इंजीनियर ने अपना आपा खो दिया और रिश्वत लेकर कभी मौका स्थल पर न जाकर कमरा कम रूम से स्टीमेट तैयार करने वाले अधिकारी ग्राम पंचायत बलबहरा मे मीनाक्षी तालाब के आवेदक रमेश प्रसाद द्विवेदी, गायत्री पाव तथा कपिलधारा के आवेदक राजेन्द्र गुप्ता तथा तेरसिया काछी के मौका स्थल पर मुआयना करने पहुंचे जहां वे अपना आपा खोकर सभी आवेदकों को जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान गांव के रोजगार सहायक पियूष सोनी समेत कुछ ग्रामीण भी उपस्थित रहे। 

*जबरन बताया जा रहा अपात्र*

चारपहिया वाहन मे पहुंचे इंजीनियर महोदय बुढ़ार से जांच के लिए निकलते ही यह मन बना लिया था किसी भी हालत मे 17 व 6 माह से कार्यालय का चक्कर लगा रहे चारों आवेदकों का काम स्वीकृत नही करना है और उन्होने ऐसा किया भी। बलबहरा पहुंचे ही महोदय ने बता दिया कि आप अपात्र हो जबकि बलबहरा पहुंचे अभी उनको एक मिनट भी नही हुआ था। इसी बीच महाशय जांच के मौका स्थल पहुंचे और चारों मौका स्थल मे अलग-अलग कमियां बताकर अपात्र करने की बात कहकर धमकी दी गई कि आप लोग मेरी करतूत सोशल मीडिया मे दिये हो इसलिए आप लोग मुझसे उलझकर अपना काम बिगाड़ लिये हो और आप लोगों को इसकी सजा मिलेगी। इसके लिए उन्होने बराबर कागजी मेहनत की।  

*किया था मीनाक्षी तालाब मे घूंसखोरी*

जनपद पंचायत बुढ़ार अंतर्गत ग्राम पंचायत बलबहरा मे आवेदक रमेश प्रसाद द्विवेदी तथा गायत्री पाव ने 27.05.2021 को ग्राम पंचायत मे मीनाक्षी तालाब योजना के लाभ के लिए बताये गये आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर आवेदन दिये जिस पर पंचायत द्वारा कार्यवाही न करने पर जनपद पंचायत बुढ़ार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुद्रिका सिंह के पास 11.06.2021 को पुनः आवेदन दिया गया, जिस पर उन्होने पर एपीओ को टीप करते हुये जल्द योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद भी योजना का लाभ नही मिल पाया। बार-बार निवेदन के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही हुई और अंततः बरसात का समय आ गया और अब सीईओ द्वारा बरसात बाद योजना मिलने का भरोसा दिया गया, लेकिन पिछले साल मे बरसात के बाद भी काम नही हो सका जबकि इन कार्यों के लिए दर्जनों बार कार्यालय के चक्कर काटे। अंततः थक हारकर जनपद के इंजीनियर अनिल शुक्ला को मीनाक्षी तालाब का स्टीमेट बनाने के लिए 17.05.2022 पांच हजार बतौर घूंस उनके कमरा कम आफिस मे दिये गये तब जाकर उनके द्वारा एक हितग्राही रमेश प्रसाद द्विवेदी का स्टीमेट बनाकर टीएस करवाया गया, लेकिन पंचायत से एएस नही हो सका वही दूसरे हितग्राही का स्टीमेट इसलिए नही बना क्योंकि साहब का निर्देश था कि प्रति व्यक्ति कम से कम पांच हजार की रकम उन्हे चाहिये।

*कपिलधारा भी लिखी घूंसखोरी की इबारत*

इसी तरह राजेन्द्र गुप्ता तथा तेरसिया काछी के द्वारा कपिलधारा कूप निर्माण के लिए ग्राम पंचायत बलबहरा मे आवेदन दिया गया जिस पर काफी जद्दोजहद के बाद पंचायत द्वारा 14.04.2022 को कपिलधारा हेतु प्रस्ताव निर्णय पारित किया गया जिस पर भी दोनो हितग्राहियों ने कई बार पंचायत व जनपद कार्यालय का चक्कर लगाया। अंततः परेशान होकर इंजीनियर अनिल शुक्ला को कपिलधारा के स्टीमेट के लिए 12.05.2022 दो हजार रूपये उनके रूम मे दिये गये तथा और मांग राशि की मांग पर योजना का लाभ मिलने पर देने के लिए कहा गया, लेकिन घूंस लेने के बाद भी इंजीनियर साहब ने कार्यवाही की कलम नही चलाई, बाद मे उन्होने स्वयं कारण बताया कि आपने ऊंट के मुह मे जीरा के समान रिश्वत दी है तो कहां से काम हो, रिश्वत की राशि बढ़ायें और काम करवायें। साहब का स्पष्ट कहना था कि ‘उधार न चली’। इस संबंध मे 07 नवंबर को साहब से मिलने पर उन्होने सीधे तौर पर कह दिया कि आपकी फाइल गुम गई है दोबारा फाइल और रकम देने पर ही कार्यवाही संभव है।

*क्या सीएम के निर्देश का होगा पालन*

विगत दिवस सीएम शिवराज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अफसरों को सख्त निर्देश देते हुए कहा था कि प्रकाशित खबरों पर तुरंत एक्शन लें, वरना मैं एक्शन लूंगा। 28 अक्टूबर 2022 को सीएम ने कहा था कि अब समय बदल गया है, हर बात जनता के बीच जाना चाहिए। विभाग के अफसर गंभीरता से लीजिए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि आपके विभाग की खबर छपी है तो तुरंत एक्शन लीजिए। यदि गलत हो रहा तो एक्शन लें, वरना मैं खुद एक्शन ले लूंगा। उन्होने सख्त निर्देश देते हुए कहा था कि प्रसारित व प्रकाशित किए गए समाचार को ध्यान से पढ़ें और कार्रवाई करें, अगर कार्रवाई नहीं की गई तो मैं एक्शन ले लूंगा। कोई भी चीज अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि यदि मीडिया में छपी खबर सही है तो ऐसी खबरों का खंडन करें अथवा उस पर कार्यवाही करें जिससे जनता को न्याय मिल सके। ऐसे मे छपी खबरों पर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी खण्डन अथवा कार्यवाही करेंगे कि नही यह देखना होगा।

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