गैर जिम्मेदाराना रवैया और प्रशासन का डंडा किससे लगाए गुहार कहा जाए?
* दुकानदार जनता दोनो परेशान पिछले वर्ष लॉक डाउन में होम डिलीवरी के लिए दुकानों के नंबर प्रशासन ने जारी किए थे*
अनूपपुर/कोतमा
जिले में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 03 मई तक के लिए पूर्ण लॉक डाउन जारी है। इस बीच आम जनता की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने किराना दुकान व्यापारियों को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था, व्यवासायी दुकान खोल कर बिक्री नहीं कर सकेंगे,किराना दुकान संचालक होम डिलीवरी के लिए आमजनों से आर्डर फोन, व्हाट्सएप या अन्य एप्प के माध्यम से लेंगे। किराना दुकान संचालकों को सामान की आपूर्ति केवल होम डिलीवरी के माध्यम से ही करने की अनुमति होगी। लेकिन आज तक नगर की जनता को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि कौन सी किराना दुकान है जो किराना सामग्री की होम डिलीवरी करेंगे।होम डिलीवरी के लिए दुकान संचालकों की सूची अभी तक तैयार नहीं हो पाई है और न हीं नगर की आम जनता को होम डिलीवरी करने वाली राशन दुकानों की कोई जानकारी है। नगर की जनता को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि कौन से किराना दुकान व्यापारी होम डिलीवरी करेंगे इस कारण नगर की जनता को घर से निकल कर खुद किराना दुकान तक किराने का सामान लेने जाना पड़ता है।जिससे जिला कलेक्टर के आदेश की धज्जीय उड़ रही है और दूसरी ओर कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा भी मंडरा रहा है।नगर पालिका परिषद पसान के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राम सेवक हलवाई इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नही दे रहे हैं और उच्च अधिकारियों पर इल्जाम मढ कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं।
नगर पालिका प्रशासन साबित हो रहा नाकाम -
नगर पालिका परिषद,पसान क्षेत्र अंतर्गत आम जनता को किराना सामग्री प्राप्त करने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।नगर पालिका,पसान प्रशासन ने आज तक नगर में किराना सामग्री की होम डिलीवरी करने वाले दुकानो के नाम तक जारी नही किए हैं।मुख्य नगर पालिका अधिकारी राम सेवक हलवाई से इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया कि इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है एसडीएम साहब इसके लिए दुकानदारो को परिचय पत्र जारी करेंगे। सवाल यह उठता है कि अगर एसडीएम साहब लिस्ट जारी नही करेंगे तो सीएमओ राम सेवक हलवाई भी हाथ में हाथ रखे बैठे रहेंगे मानो नगर की जनता के लिए उनकी कोई जिम्मेदारी ही न हो।