पुलिस पर हमला करने वाले मामले में फरार आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार


अनूपपुर

02 अक्टूबर 2025 को सहायक उप निरीक्षक महिपाल प्रजापति की ड्यूटी आरक्षक अतुल शर्मा के साथ मेडियारास में दुर्गा जी विसर्जन, रावण दहन हेतु लगायी गई थी, डियूटी के दौरान आजाद चौक मेडियारास में थे, आरोपी रामरक्षा पटेल अपने साथी अनीश पटेल, प्रवीण सोनी, एवं अंकित साहू के साथ आकर ड्यूटी में तैनात सहायक उप निरीक्षक महिपाल प्रजापति के साथ रामरक्षा पटेल और उनके साथियों के द्वारा यह कहकर की आनंदकर शुक्ला के पक्ष लेकर मेरे खिलाफ मुकदमा कायम कर दिए हो तब प्रजापति बोले की मैंने कोई अपराध पंजीबद नहीं किया है, आपके द्वारा मारपीट की गई है, इसलिए अपराध पंजीबद्ध हुआ है, इसी बात को लेकर बहसबाजी करने लगा और अपने साथियों के साथ सुरक्षा में तैनात महिपाल प्रजापति को शासकीय कार्य में बाधा डालते हुए उनकी वर्दी फाड़ कर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर हाथ मुक्का से मारपीट एवं प्रवीण सोनी द्वारा हाथ में पहने कड़ा से प्रजापति के सिर में मार कर चोंट पहुंचाये थे, फरियादी सहायक उप निरीक्षक महिपाल प्रजापति की रिपोर्ट पर उक्त चारों आरोपियों रामरक्षा पटेल, अनीश पटेल, प्रवीण सोनी एवं अंकित साहू  के खिलाफ अपराध क्रमांक 262/25 धारा 296, 221,132,115 (2), 351(3), 3/5 BNS एवं 3(1)द,ध, 3(2)(va) SC ST act कायम कर विवेचना में लिया गया दौरान विवेचना लगातार आरोपियों की धर पकड़ का प्रयास करते रहे, उसके पूर्व रामरक्षा पटेल पिता रामपदारथ उम्र 26 साल, प्रवीण सोनी पिता पुष्प मोहन सोनी उम्र 24 साल, अनीश पटेल तीनों निवासी मेडियारास को  को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जिला जेल अनूपपुर भेजा गया, मामले में फरार आरोपी अंकित उर्फ यादवेंद्र कुमार साहू पिता राम भुवन साहू उम्र 24 साल निवासी मेडियारास घटना दिनांक से फरार था, जिसे मुखबिर की सूचना पर रामपुर खाड़ा से आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।

नप अध्यक्ष ने पत्रकार से की अभद्रता, थाने में हुई शिकायत, जुआं सट्टा के पहले से दर्ज है कई मामले

*चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता पर हमला*


अनूपपुर

जिले के बनगवां नगर परिषद कार्यालय में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम के दौरान एक गंभीर घटना सामने आई है। कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचे पत्रकार मुनेंद्र यादव के साथ नगर परिषद अध्यक्ष यशवंत सिंह पर कथित तौर पर धक्का-मुक्की और धमकी देने का आरोप लगा है। इस संबंध में पत्रकार ने थाना रामनगर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। नगर परिषद अध्यक्ष इसके पहले भी कई मामलों पर सुर्खियां बटोरते आ रहे हैं, एक समय पर यह जुआं व सट्टा के इस क्षेत्र के बादशाह माने जाते थे।

*अध्यक्ष पर दर्ज है पहले से मामले*

नगर परिषद अध्यक्ष के ऊपर सट्टा व जुआं खेलने खिलाने के कई मामले रामनगर थाना में दर्ज है। सट्टा खिलाते-खिलाते पैसे के दम पर धोखे से नगर परिषद अध्यक्ष बन गए, मगर आदत में अभी सुधार नही हुआ है, पुरानी छवि साफ-साफ झलक रही है, ऐसे मे आरोप लगना लाजमी है, सूत्र बताते हैं कि अध्ययन का पुराने कामो से आज भी नाता नही टूटा है, बस मोहरे बदल गए हैं, उनके आशीर्वाद से कोई और काम कर रहा है, उस अवैध काम की 50% राशि उनके पास आ रही है। नेता बनकर शराफत का चोला ओढ़ लेने से कोई शरीफ नही बन जाता।


*पत्रकार की सम्मान को पहुंचा ठेस*

प्राप्त जानकारी के अनुसार गौरव दिवस कार्यक्रम के बाद पत्रकार नगर परिषद कार्यालय में कार्यक्रम से जुड़े सवाल पूछने अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे थे। उस समय कक्ष में वार्ड पार्षद भी मौजूद थे। आरोप है कि सवाल पूछे जाने पर नगर परिषद अध्यक्ष यशवंत सिंह ने पत्रकार को यह कहते हुए रोक दिया कि उन्हें सवाल-जवाब करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद कथित तौर पर अध्यक्ष ने पत्रकार को धमकाते हुए बाहर धक्का दे दिया।

शिकायत में यह भी उल्लेख है कि कुछ देर बाद जब पत्रकार पुनः अंदर जाकर सवाल पूछने लगे तो अध्यक्ष द्वारा दोबारा आकर जोरदार धक्का दिया गया, जिससे पत्रकार गिरते-गिरते बचे। पत्रकार का आरोप है कि इस दौरान अध्यक्ष ने यह भी कहा कि “जो लिखना है लिखते रहो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता”, जिससे उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है।

*पत्रकारों के साथ हो रहा बार-बार अपमान*

पत्रकार ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा इस प्रकार का व्यवहार पहले भी किया जा चुका है, जिसकी जानकारी पूर्व में भी थाने को दी गई थी। बार-बार इस तरह की घटनाओं से न केवल पत्रकार की गरिमा को ठेस पहुंचती है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

घटना के बाद पत्रकारों में आक्रोश देखा जा रहा है। पत्रकार संगठनों ने मामले को गंभीर बताते हुए दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए खतरे की बात है। फिलहाल थाना रामनगर पुलिस द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेकर मामले की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस घटना ने जिले में प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में भी चर्चा को तेज कर दिया।

अवैध गतिविधि पर कार्रवाई, तो पुलिस पर दबाव, सवालों के घेरे में लॉज संचालक, राजनीतिक संरक्षण

*आत्मदाह की धमकी सिर्फ दबाब*



अनूपपुर

चचाई क्षेत्र में वर्षों से कथित रूप से संचालित अवैध लॉज गतिविधियों पर जब पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई की, तो अब उसी कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल यह है कि जो लोग पहले अवैध रूप से कपल को ठहराने का काम करते रहे, पूरी व्यवस्था उपलब्ध कराते रहे, अब वही लोग पुलिस पर उंगली क्यों उठा रहे हैं?

स्थानीय सूत्रों और पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सोनी लॉज में बिना सूचना और बिना वैधानिक प्रक्रिया के बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जा रहा था। छापेमारी के दौरान मौके से दो कपल भी पाए गए, जो पुलिस के आरोपों की पुष्टि करता है। इसके बावजूद, कार्रवाई के बाद अब यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पुलिस ने अन्याय किया, जबकि पुलिस ने केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है।

क्षेत्र के पत्रकारों, समाजसेवियों व स्थानीय जागरूक नागरिकों द्वारा लगातार थाना प्रभारी को अवगत कराया जा रहा था कि चचाई में इस प्रकार का अवैध लॉज कारोबार वर्षों से संचालित हो रहा है। यहाँ तक कि मीडिया प्रतिनिधि स्वयं मौके पर जाकर स्थिति की जानकारी पुलिस को दे चुके थे।

पुलिस की छापेमारी और वैधानिक कार्रवाई से बौखलाए लॉज संचालक ने अब राजनीतिक दबाव और प्रभाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है।कभी मानवाधिकार की दुहाई, तो कभी प्रशासन पर आरोप—यह सब कार्रवाई से बचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब गलत काम चलता है तब कोई शिकायत नहीं, और जब पुलिस कानून के तहत कार्रवाई करती है तो वही लोग खुद को पीड़ित बताने लगते हैं। समाजसेवियों और नागरिक संगठनों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से स्पष्ट और कठोर मांग की है कि—इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि संपत्ति सील करने और अवैध ढांचे पर बुलडोज़र जैसी कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कानून को चुनौती देने का साहस न कर सके।

कार्यवाही पर पुलिस की निष्ठा पर गलत सवाल क्यू किया जा रहा है, चचाई थाना पुलिस की इस कार्रवाई से यह संदेश साफ़ गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और चाहे कितने भी दबाव क्यों न बनाए जाएं, पुलिस अपने कर्तव्य से पीछे हटने वाली नहीं है।

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