नप अध्यक्ष ने पत्रकार से की अभद्रता, थाने में हुई शिकायत, जुआं सट्टा के पहले से दर्ज है कई मामले

नप अध्यक्ष ने पत्रकार से की अभद्रता, थाने में हुई शिकायत, जुआं सट्टा के पहले से दर्ज है कई मामले

*चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता पर हमला*


अनूपपुर

जिले के बनगवां नगर परिषद कार्यालय में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम के दौरान एक गंभीर घटना सामने आई है। कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचे पत्रकार मुनेंद्र यादव के साथ नगर परिषद अध्यक्ष यशवंत सिंह पर कथित तौर पर धक्का-मुक्की और धमकी देने का आरोप लगा है। इस संबंध में पत्रकार ने थाना रामनगर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। नगर परिषद अध्यक्ष इसके पहले भी कई मामलों पर सुर्खियां बटोरते आ रहे हैं, एक समय पर यह जुआं व सट्टा के इस क्षेत्र के बादशाह माने जाते थे।

*अध्यक्ष पर दर्ज है पहले से मामले*

नगर परिषद अध्यक्ष के ऊपर सट्टा व जुआं खेलने खिलाने के कई मामले रामनगर थाना में दर्ज है। सट्टा खिलाते-खिलाते पैसे के दम पर धोखे से नगर परिषद अध्यक्ष बन गए, मगर आदत में अभी सुधार नही हुआ है, पुरानी छवि साफ-साफ झलक रही है, ऐसे मे आरोप लगना लाजमी है, सूत्र बताते हैं कि अध्ययन का पुराने कामो से आज भी नाता नही टूटा है, बस मोहरे बदल गए हैं, उनके आशीर्वाद से कोई और काम कर रहा है, उस अवैध काम की 50% राशि उनके पास आ रही है। नेता बनकर शराफत का चोला ओढ़ लेने से कोई शरीफ नही बन जाता।


*पत्रकार की सम्मान को पहुंचा ठेस*

प्राप्त जानकारी के अनुसार गौरव दिवस कार्यक्रम के बाद पत्रकार नगर परिषद कार्यालय में कार्यक्रम से जुड़े सवाल पूछने अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे थे। उस समय कक्ष में वार्ड पार्षद भी मौजूद थे। आरोप है कि सवाल पूछे जाने पर नगर परिषद अध्यक्ष यशवंत सिंह ने पत्रकार को यह कहते हुए रोक दिया कि उन्हें सवाल-जवाब करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद कथित तौर पर अध्यक्ष ने पत्रकार को धमकाते हुए बाहर धक्का दे दिया।

शिकायत में यह भी उल्लेख है कि कुछ देर बाद जब पत्रकार पुनः अंदर जाकर सवाल पूछने लगे तो अध्यक्ष द्वारा दोबारा आकर जोरदार धक्का दिया गया, जिससे पत्रकार गिरते-गिरते बचे। पत्रकार का आरोप है कि इस दौरान अध्यक्ष ने यह भी कहा कि “जो लिखना है लिखते रहो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता”, जिससे उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है।

*पत्रकारों के साथ हो रहा बार-बार अपमान*

पत्रकार ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा इस प्रकार का व्यवहार पहले भी किया जा चुका है, जिसकी जानकारी पूर्व में भी थाने को दी गई थी। बार-बार इस तरह की घटनाओं से न केवल पत्रकार की गरिमा को ठेस पहुंचती है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

घटना के बाद पत्रकारों में आक्रोश देखा जा रहा है। पत्रकार संगठनों ने मामले को गंभीर बताते हुए दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए खतरे की बात है। फिलहाल थाना रामनगर पुलिस द्वारा शिकायत को संज्ञान में लेकर मामले की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस घटना ने जिले में प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में भी चर्चा को तेज कर दिया।

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