युवक की मौत से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट मिलने के बाद परिजनों ने किया चक्का जाम


अनूपपुर/कोतमा

जिले के कोतमा के वार्ड क्रमांक 11, निवासी सीताराम सिंह की मृत्यु का मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, जहां से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की।

परिजनों का आरोप है कि सीताराम सिंह लंबे समय से एक मामले को लेकर परेशान थे। उन्होंने पूर्व में संबंधित शिकायतें की थीं, लेकिन समय पर सुनवाई नहीं होने से वे मानसिक तनाव में थे। परिजनों का कहना है कि यदि उनकी शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी। घटना से आक्रोशित परिजन और स्थानीय नागरिक न्याय की मांग को लेकर मुख्य मार्ग पर बैठ गए और चकाजाम कर दिया। चकाजाम के कारण लगभग पांच घंटे तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा। इस दौरान आमजन और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस बल मौके पर पहुंचे और परिजनों से चर्चा की। अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। काफी देर तक चली समझाइश के बाद परिजन शांत हुए और जाम समाप्त कराया गया, जिसके बाद अंतिम संस्कार के लिए सहमति बनी।

थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। मौके से मिले सुसाइड नोट, परिजनों के बयान और पूर्व में की गई शिकायतों की जांच की जा रही है। जांच के उपरांत तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है। घटना के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है, वहीं स्थानीय लोग प्रशासन से समय पर न्यायपूर्ण कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अवैध कब्जे और प्रशासनिक उदासीनता से टूटा आदिवासी युवक, फांसी लगाकर दी जान


कोतमा।

जिले के नगर पालिका क्षेत्र कोतमा के वार्ड क्रमांक 11 गोईंदा कदम टोला निवासी सीताराम सिंह गोंड, पिता नन बाबू सिंह गोंड, बीते 17 दिसंबर से लापता था। 23 दिसंबर को उसकी लाश नगर के वार्ड क्रमांक 9 नईमुदीन के बाड़ा के पीछे एक पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलती हुई मिली। शव मिलने की सूचना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

बताया जा रहा है कि सीताराम सिंह गोंड की भूमि वार्ड क्रमांक 11 गोईंदा कदम टोला, भलुमाड़ा रोड पर स्थित है। इसी भूमि पर कदम टोला निवासी विनोद पटेल पिता कामता पटेल, द्वारा जबरन मकान बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया था। सीताराम सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था, जिसकी स्वीकृत राशि से उसने अपनी निजी भूमि पर नींव खुदवाई कर नींव भरा थी, लेकिन आरोप है कि उसी नींव के ऊपर विनोद पटेल द्वारा जबरन मकान बना लिया गया।

इस मामले को लेकर सीताराम सिंह ने तहसीलदार, एसडीएम एवं नगर पालिका परिषद कोतमा सहित थाना कोतमा में लिखित शिकायत की थी, लेकिन लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से वह मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान रहने लगा। इसी मानसिक प्रताड़ना के चलते वह 17 दिसंबर को घर से लापता हो गया।

23 दिसंबर को जब उसकी लाश फांसी के फंदे पर मिली, तो शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। सुसाइड नोट में सीताराम सिंह ने विनोद पटेल पिता कामता पटेल के साथ-साथ नगर पालिका में पदस्थ भोलू तिवारी, तहसीलदार, एसडीएम एवं थाना कोतमा में शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने का उल्लेख करते हुए स्वयं को अत्यधिक प्रताड़ित और निराश बताया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फांसी से उतारकर पंचनामा तैयार किया। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

शिकायतकर्ता बना आरोपी, जारी हुआ नोटिस, तीन हाथी का दल पहुँचा, दहशत में लोग


अनूपपुर

जिले के मुड़धवा टोला पसान निवासी रामप्रसाद केवट पिता जगबंधन केवट, जिनके नाम पर वैध घरेलू स्थाई कनेक्शन (सर्विस क्रमांक 1331014914) है और जो नियमित रूप से बिल भुगतान करते हैं, उन्हें अचानक बिजली चोरी का आरोपी बना दिया गया।

उपभोक्ता ने खुद दी थी चोरी की सूचना मगर मामले का सबसे गंभीर पहलू यह है कि उपभोक्ता ने ही विभाग को सूचना दी थी कि उनके आसपास किसी द्वारा बिजली चोरी की जा रही है। लेकिन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उल्टा शिकायतकर्ता को ही आरोपी बना दिया। विवादित पंचनामा और 27,441 का जुर्माना कोतमा वितरण केंद्र के जेई लालमणि प्रजापति ने अचानक मौके पर पहुँचकर पंचनामा क्रमांक /EZ222025100174676 तैयार किया और धारा 135 के तहत डायरेक्ट चोरी का प्रकरण बना दिया।उपभोक्ता को ₹27,441 का नोटिस थमा दिया गया। जब उपभोक्ता ने विरोध किया तो बदल गया बयान, रामप्रसाद के विरोध करने पर विभागीय अधिकारियों ने चौंकाने वाला जवाब दिया “गलती से आपके यहाँ नोटिस चला गया हैं।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इतनी बड़ी कार्रवाई “गलती से” हो सकती है, क्या विभाग बिना जांच किए किसी भी ईमानदार उपभोक्ता को चोरी का आरोपी बना देगा, क्या यह लापरवाही है या दुरुपयोग जनता में भारी आक्रोश हैं, अधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल, ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने वाले को ही आरोपी बनाना अत्यंत शर्मनाक और संदेहास्पद है।

यह विभाग की सिस्टम फेल्योर और जनता के साथ अन्याय का उदाहरण है।स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच, गलत नोटिस रद्द करने, तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न केवल उपभोक्ता के साथ अन्याय है, बल्कि पूरे बिजली विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाती है। जब एक शिकायतकर्ता को ही आरोपी बना दिया जाए, तो आम जनता न्याय की उम्मीद किससे करे।

*तीन हाथियों का दल पहुँचा जिले में, वन विभाग हुआ एलर्ट*


अनूपपुर जिले में एक बार फिर हाथियों का दल देखा गया है। मंगलवार की रात करीब 10 बजे छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन मंडल से तीन हाथियों का समूह अनूपपुर जिले की जैतहरी तहसील के चोलना गांव पहुंचा। ये हाथी गुजर नाला की सीमा पार कर चोलना गांव के कुट्टीटोला मोहल्ले में विचरण कर रहे हैं।

हाथियों के गांव में आने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। जैतहरी वन परिक्षेत्र के अधिकारी विवेक मिश्रा वन अमले के साथ हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं।

वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों के करीब न जाने और उनके साथ किसी भी तरह की छेड़खानी न करने की सख्त हिदायत दी है। ग्रामीणों से सतर्क और सचेत रहने की अपील की गई है। वन अमला हाथियों को सुरक्षित रूप से मोहल्ले से बाहर निकालकर वापस वन क्षेत्र में ले जाने का प्रयास कर रहा है।

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