रीवा सड़क मार्ग को जोडने वाला बाणसागर का क्षतिग्रस्त पुल में पटरा लगाकर पार कर रहे है बाइक
रीवा सड़क मार्ग को जोडने वाला बाणसागर का क्षतिग्रस्त पुल में पटरा लगाकर पार कर रहे है बाइक
*कभी भी हों सकती है बड़ी घटना, प्रशासन अनभिज्ञ*
शहडोल
शहडोल से रीवा-प्रयागराज जोड़ने वाले मार्ग में स्थित बाणसागर पुल पांच दिन पहले क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें आवागमन पूरी तरीके से बंद हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। चार मजदूरों के भरोसे इतने बड़े पुल का मरम्मत का कराया जा रहा है। मौके पर ना तो ठेकेदार मौजूद है और ना ही एमपीआरडीसी के अधिकारी। अब 25 से अधिक गांव के लोग इसी पुल से रोजाना जान जोखिम में डालकर पटरे से पुल पार करते दिखाई दे रहे हैं। इस पर किसी की रोक-टोक नहीं है। प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
जिले के देवलौंद में स्थित बाणसागर सोन नदी पुल का ऊपरी हिस्सा 10 जून को अचानक एक मीटर टूट गया, जिसे देख पुलिस ने दोनों ओर बैरिकेट्स लगाकर मार्ग को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया। स्थानीय पुलिस के द्वारा इस मामले की जानकारी तत्काल ही एमपीआरडीसी के अधिकारियों सहित जिले में बैठे अधिकारियों को दे दी। इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंच मौके का जायजा लिया और मरम्मत कार्य शुरू कराने का आदेश जारी किया।
बाणसागर निवासी जिला कांग्रेस पार्टी के जिला सचिव सुभाष त्रिपाठी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह शहडोल रीवा और प्रयागराज को जोड़ने का एक प्रमुख मार्ग है, लेकिन इस पर लापरवाही बरती जा रही है। तेजी से सुधार कार्य करवाना चाहिए, लेकिन अधिकारी इसे हलके में ले रहे हैं। जिला सचिव ने बताया कि चार मजदूरों के भरोसे पुल में मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। पुल के ऊपर मरम्मत के लिए एक मीटर चौड़ा गड्ढा भी बनाया गया है, जिसके ऊपर एक पटरा लगा दिया गया है। जिसमें से सोन नदी के दूसरी ओर रह रहे लोग आवाजाही कर रहे हैं। जिसमें हादसा हो सकता है। जिला सचिव ने बताया कि 25 से अधिक गांव के लोग पुल की दूसरी ओर रहते हैं। वह इधर बजार, इलाज और मजदूरी करने पटरा पार करके आते हैं, क्योंकि जो डायवर्टर मार्ग है वह 30 किलोमीटर अधिक दूरी तय करने के बाद लोग दूसरी ओर आ सकते हैं।
जानकारी के अनुसार सोन नदी के ऊपर बने यह पुल का निर्माण 1980 में शुरू हुआ था और 1986 में पूरा हो गया था, समय-समय पर इसमें मरम्मत का कार्य करना था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग ने इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से यह छतिग्रस्त हो गया। पुल के ऊपर से आवागमन बंद हो जाने की वजह से अब शहडोल से रीवा जाने वाले लोगों को दूसरे मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है। जिससे उन्हें अब 30 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर रीवा पहुंच रहे हैं। इसी तरह रीवा से शहडोल या इलाहाबाद से आने वाले वाहनों को अधिक दूरी तय कर आना पड़ रहा है, जो डायवर्टेड मार्ग है वह बुढ़वा हो कर जाता है। वहीं इस मामले में अवधेश कुमार स्वर्णकार प्रबंधक एमपीआरडीसी ने कहा जल्द ही मरम्मत का कार्य पूर्ण हो जाएगा, लापरवाही अगर हो रही है तो हम इसे दिखवाते है।