सेंट्रल बैंक में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी, बिना अनुमति खातों से राशि कटने पर खाता धारक परेशान


अनूपपुर

जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोतमा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाता धारकों के साथ धोखाधड़ी और अनियमित कटौती का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राहकों के खातों से बिना अनुमति एवं बिना जानकारी राशि काटे जाने से क्षेत्र के लोग भारी परेशानी में हैं। मामले के उजागर होने के बाद बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

घटना के संबंध में नगर के वार्ड क्रमांक 3 के निवासी छवि अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नया खाता खुलवाया था, जिसमें पहली बार पैसा जमा करने के बाद उनके खाते से 228 रुपये एवं 20 रुपये की अतिरिक्त राशि बिना उनकी अनुमति के काट ली गई। जब उन्होंने इस संबंध में जानकारी लेने बैंक का रुख किया तो शाखा प्रबंधक द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रबंधक ने कथित रूप से कहा कि “मैं बैंक का प्रबंधक हूं, मुझे किसी ग्राहक से पूछने या बताए बिना राशि काटने का अधिकार है। जहां शिकायत करना है कर सकते हैं।

पीड़ितों का आरोप है कि जिला कलेक्टर के निर्देशों के नाम पर बीमा राशि के कटौती का बहाना बनाकर ग्राहकों से मनमाने तरीके से रकम काटी जा रही है। वहीं बैंक के कई खाते गरीब, किसान, मजदूर और दलित समुदाय के लोगों के हैं, जिनमें से कुछ खाता धारक निरक्षर भी हैं। जानकारी के अभाव में उनसे अनियमित कटौती कर उनसे धोखाधड़ी की जा रही है। क्षेत्रीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि शाखा प्रबंधक का अभद्र व्यवहार, तानाशाही रवैया और मनमानी के कारण हितग्राहियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों और खाताधारकों ने उच्च अधिकारियों से इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषी बैंक कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि यदि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से प्रशासन के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे।

इनका कहना है।

जिला कलेक्टर के निर्देश पर बैंक में खाता धारकों से बीमा राशि काटी जा रही है जिसमें बैंक धारकों की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

*संतोष कुमार, शाखा प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, कोतमा*

भ्रष्टाचार की भट्टी में आदिवासी छात्रावास का विकास, छात्रावास से एसडीएम कार्यालय तक पहुंचा छात्रों का आक्रोश

*10 लाख की सड़क बनी लूट का सबूत, ठेकेदार,उपयंत्री, जनप्रतिनिधि की तिकड़ी हुई बेनकाब*


इंट्रो 

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में आदिवासी छात्रों का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। बालक आदिवासी छात्रावास बसनिहा की बदहाली, अवैध गेट और 10 लाख की घटिया सीसी सड़क ने जनआक्रोश को चिंगारी दे दी है। नारेबाज़ी करते छात्र SDM कार्यालय पहुंचे और साफ चेताया है कि अब सहन नहीं, कार्रवाई या आंदोलन तय है।

अनूपपुर

सयुक्त आदिवासी बालक छात्रावास बसनिहा सांधा आज विकास का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार, लापरवाही और सत्ता–तंत्र की मिलीभगत का प्रतीक बन चुका है। एक ओर अवैध गेट को हटाने के आदेश हवा में उड़ाए गए हैं, तो दूसरी ओर 15वें वित्त मद से करीब 10 लाख रुपये खर्च कर बनाई गई सीसी सड़क भ्रष्टाचार की जीवित मिसाल बन गई है। यह सड़क छात्रावास, शासकीय आयुर्वेद औषधालय पुष्पराजगढ़ और प्राथमिक विद्यालय सांधा टोला को जोड़ती है, जहां छात्र, मरीज और बच्चे रोजाना आना-जाना करते हैं। कच्ची सड़क की समस्या दूर होने की उम्मीद लिए बैठे लोगों को “विकास” के नाम पर घटिया सड़क थमा दी गई, जो बनते ही उखड़ने लगी है। ठेकेदार, उपयंत्री और जनप्रतिनिधियों की तिकड़ी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठन ने SDM को ज्ञापन सौंपकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

*अवैध गेट बना प्रतीक*

बालक आदिवासी छात्रावास की बाउंड्री वॉल में लगाया गया अवैध गेट पूरे मामले की जड़ बन गया है।तहसीलदार द्वारा स्थल निरीक्षण कर गेट हटाने के स्पष्ट आदेश दिए गए थे, लेकिन महीनों बाद भी गेट जस का तस खड़ा है। इससे छात्रावास की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है और असामाजिक तत्वों की आवाजाही की आशंका बनी हुई है। छात्रों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यह मामला अब केवल गेट हटाने का नहीं, बल्कि प्रशासनिक साख और कानून के सम्मान का सवाल बन चुका है।

*भ्रष्टाचार की सीसी सड़क*

जनपद पंचायत के 15वें वित्त मद से स्वीकृत करीब 10 लाख रुपये की सीसी सड़क विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि लूट का सबूत बन चुकी है। निर्माण के कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ने लगी, दरारें पड़ गईं और गिट्टी बाहर झांकने लगी है। न बेस मजबूत है, न मोटाई मानक के अनुसार है। स्थानीय लोगों और छात्रों का आरोप है कि घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर लाखों का खेल कर दिया गया है। अब ऊपर से लेपन कर लीपापोती की जा रही है, ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके।

*लुटी उम्मीदें, टूटी सड़क*

यह सड़क आदिवासी छात्रों, छोटे बच्चों और मरीजों के लिए राहत बन सकती थी, लेकिन वह उनके सपनों पर करारी चोट बन गई है। सड़क की जर्जर हालत बता रही है कि आवंटित राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है। कागजों में मजबूत सड़क, जमीन पर शर्मनाक हकीकत यही इस निर्माण की सच्चाई है। लोगों का कहना है कि यह विकास नहीं, बल्कि आदिवासी क्षेत्र में सुनियोजित लूट है। सवाल यह है कि जब सड़क खुद गवाही दे रही है, तो जिम्मेदार कब बोलेंगे?

*ट्रांसफार्मर बीच सड़क पर*

भ्रष्ट योजना का सबसे चौंकाने वाला उदाहरण शासकीय आयुर्वेद औषधालय की ओर जाने वाली सड़क के बीचों-बीच खड़ा बिजली का ट्रांसफार्मर है। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि तकनीकी अराजकता का नमूना है। सड़क का उद्देश्य सुरक्षित आवागमन होता है, लेकिन यहां खतरा ही बना दिया गया है। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। छात्रों का सवाल है कि क्या यह सड़क जनता के लिए बनी है या भ्रष्ट सिस्टम की मूर्खता दिखाने के लिए?

*7 दिन का अल्टीमेटम*

आदिवासी छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर अवैध गेट नहीं हटाया गया, घटिया सीसी सड़क की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, दोषियों पर कार्रवाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल नहीं की गईं, तो छात्र आंदोलन करेंगे। स्टेट हाईवे पर चक्का जाम तक की चेतावनी दी गई है। छात्रों ने साफ कहा है कि आंदोलन की जिम्मेदारी तहसील और जिला प्रशासन की होगी।

इनका कहना है।

मैंने सड़क देखी है, काम घटिया स्तर का है। पंचायत को नोटिस जारी कर भुगतान पर रोक लगेगी।

*सुशील मिश्रा, उपयंत्री, जनपद पुष्पराजगढ़*

मौके में जा कर मैने देखा है, घटिया निर्माण किया गया है सचिव को भुक्तान न करने के लिए निर्देश दिए है जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

*गणेश पाण्डेय, सीईओ जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़*

छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लिया गया है जल्द ही सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

*वसीम अहमद भट्ट, एसडीएम, पुष्पराजगढ़*

समाचार 01 फ़ोटो 01

भ्रष्टाचार की भट्टी में आदिवासी छात्रावास का विकास, छात्रावास से एसडीएम कार्यालय तक पहुंचा छात्रों का आक्रोश

*10 लाख की सड़क बनी लूट का सबूत, ठेकेदार,उपयंत्री, जनप्रतिनिधि की तिकड़ी हुई बेनकाब*

इंट्रो 

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में आदिवासी छात्रों का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। बालक आदिवासी छात्रावास बसनिहा की बदहाली, अवैध गेट और 10 लाख की घटिया सीसी सड़क ने जनआक्रोश को चिंगारी दे दी है। नारेबाज़ी करते छात्र SDM कार्यालय पहुंचे और साफ चेताया है कि अब सहन नहीं, कार्रवाई या आंदोलन तय है।

अनूपपुर

सयुक्त आदिवासी बालक छात्रावास बसनिहा सांधा आज विकास का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार, लापरवाही और सत्ता–तंत्र की मिलीभगत का प्रतीक बन चुका है। एक ओर अवैध गेट को हटाने के आदेश हवा में उड़ाए गए हैं, तो दूसरी ओर 15वें वित्त मद से करीब 10 लाख रुपये खर्च कर बनाई गई सीसी सड़क भ्रष्टाचार की जीवित मिसाल बन गई है। यह सड़क छात्रावास, शासकीय आयुर्वेद औषधालय पुष्पराजगढ़ और प्राथमिक विद्यालय सांधा टोला को जोड़ती है, जहां छात्र, मरीज और बच्चे रोजाना आना-जाना करते हैं। कच्ची सड़क की समस्या दूर होने की उम्मीद लिए बैठे लोगों को “विकास” के नाम पर घटिया सड़क थमा दी गई, जो बनते ही उखड़ने लगी है। ठेकेदार, उपयंत्री और जनप्रतिनिधियों की तिकड़ी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठन ने SDM को ज्ञापन सौंपकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

*अवैध गेट बना प्रतीक*

बालक आदिवासी छात्रावास की बाउंड्री वॉल में लगाया गया अवैध गेट पूरे मामले की जड़ बन गया है।तहसीलदार द्वारा स्थल निरीक्षण कर गेट हटाने के स्पष्ट आदेश दिए गए थे, लेकिन महीनों बाद भी गेट जस का तस खड़ा है। इससे छात्रावास की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है और असामाजिक तत्वों की आवाजाही की आशंका बनी हुई है। छात्रों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यह मामला अब केवल गेट हटाने का नहीं, बल्कि प्रशासनिक साख और कानून के सम्मान का सवाल बन चुका है।

*भ्रष्टाचार की सीसी सड़क*

जनपद पंचायत के 15वें वित्त मद से स्वीकृत करीब 10 लाख रुपये की सीसी सड़क विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि लूट का सबूत बन चुकी है। निर्माण के कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ने लगी, दरारें पड़ गईं और गिट्टी बाहर झांकने लगी है। न बेस मजबूत है, न मोटाई मानक के अनुसार है। स्थानीय लोगों और छात्रों का आरोप है कि घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर लाखों का खेल कर दिया गया है। अब ऊपर से लेपन कर लीपापोती की जा रही है, ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके।

*लुटी उम्मीदें, टूटी सड़क*

यह सड़क आदिवासी छात्रों, छोटे बच्चों और मरीजों के लिए राहत बन सकती थी, लेकिन वह उनके सपनों पर करारी चोट बन गई है। सड़क की जर्जर हालत बता रही है कि आवंटित राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है। कागजों में मजबूत सड़क, जमीन पर शर्मनाक हकीकत यही इस निर्माण की सच्चाई है। लोगों का कहना है कि यह विकास नहीं, बल्कि आदिवासी क्षेत्र में सुनियोजित लूट है। सवाल यह है कि जब सड़क खुद गवाही दे रही है, तो जिम्मेदार कब बोलेंगे?

*ट्रांसफार्मर बीच सड़क पर*

भ्रष्ट योजना का सबसे चौंकाने वाला उदाहरण शासकीय आयुर्वेद औषधालय की ओर जाने वाली सड़क के बीचों-बीच खड़ा बिजली का ट्रांसफार्मर है। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि तकनीकी अराजकता का नमूना है। सड़क का उद्देश्य सुरक्षित आवागमन होता है, लेकिन यहां खतरा ही बना दिया गया है। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। छात्रों का सवाल है कि क्या यह सड़क जनता के लिए बनी है या भ्रष्ट सिस्टम की मूर्खता दिखाने के लिए?

*7 दिन का अल्टीमेटम*

आदिवासी छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर अवैध गेट नहीं हटाया गया, घटिया सीसी सड़क की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, दोषियों पर कार्रवाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल नहीं की गईं, तो छात्र आंदोलन करेंगे। स्टेट हाईवे पर चक्का जाम तक की चेतावनी दी गई है। छात्रों ने साफ कहा है कि आंदोलन की जिम्मेदारी तहसील और जिला प्रशासन की होगी।

इनका कहना है।

मैंने सड़क देखी है, काम घटिया स्तर का है। पंचायत को नोटिस जारी कर भुगतान पर रोक लगेगी।

*सुशील मिश्रा, उपयंत्री, जनपद पुष्पराजगढ़*

मौके में जा कर मैने देखा है, घटिया निर्माण किया गया है सचिव को भुक्तान न करने के लिए निर्देश दिए है जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

*गणेश पाण्डेय, सीईओ जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़&

छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लिया गया है जल्द ही सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

*वसीम अहमद भट्ट, एसडीएम, पुष्पराजगढ़*

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सेंट्रल बैंक में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी, बिना अनुमति खातों से राशि कटने पर खाता धारक परेशान

अनूपपुर

जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोतमा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाता धारकों के साथ धोखाधड़ी और अनियमित कटौती का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राहकों के खातों से बिना अनुमति एवं बिना जानकारी राशि काटे जाने से क्षेत्र के लोग भारी परेशानी में हैं। मामले के उजागर होने के बाद बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

घटना के संबंध में नगर के वार्ड क्रमांक 3 के निवासी छवि अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नया खाता खुलवाया था, जिसमें पहली बार पैसा जमा करने के बाद उनके खाते से 228 रुपये एवं 20 रुपये की अतिरिक्त राशि बिना उनकी अनुमति के काट ली गई। जब उन्होंने इस संबंध में जानकारी लेने बैंक का रुख किया तो शाखा प्रबंधक द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रबंधक ने कथित रूप से कहा कि “मैं बैंक का प्रबंधक हूं, मुझे किसी ग्राहक से पूछने या बताए बिना राशि काटने का अधिकार है। जहां शिकायत करना है कर सकते हैं।

पीड़ितों का आरोप है कि जिला कलेक्टर के निर्देशों के नाम पर बीमा राशि के कटौती का बहाना बनाकर ग्राहकों से मनमाने तरीके से रकम काटी जा रही है। वहीं बैंक के कई खाते गरीब, किसान, मजदूर और दलित समुदाय के लोगों के हैं, जिनमें से कुछ खाता धारक निरक्षर भी हैं। जानकारी के अभाव में उनसे अनियमित कटौती कर उनसे धोखाधड़ी की जा रही है। क्षेत्रीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि शाखा प्रबंधक का अभद्र व्यवहार, तानाशाही रवैया और मनमानी के कारण हितग्राहियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों और खाताधारकों ने उच्च अधिकारियों से इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषी बैंक कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि यदि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से प्रशासन के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे।

इनका कहना है।

जिला कलेक्टर के निर्देश पर बैंक में खाता धारकों से बीमा राशि काटी जा रही है जिसमें बैंक धारकों की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

*संतोष कुमार, शाखा प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, कोतमा*

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई ने तुलसी महाविद्यालय की तालाबंदी कर किया उग्र आंदोलन

अनूपपुर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा अनूपपुर शहर के सबसे बड़े महाविद्यालय तुलसी कॉलेज की तालाबंदी कर 3 घंटे तक उग्र आंदोलन किया गया, आंदोलन के दौरान विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जल्दी ही समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो छात्र सड़क पर बैठकर भी आंदोलन करेगा जिसका जिम्मेदार महाविद्यालय प्रशासन होगा ।आए दिन देखा जाता है कि महाविद्यालय की छात्र-छात्रा कई समस्याओं को लेकर परेशान रहते हैं जैसे हाल ही में आए प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र में आक्रोश है, नियमित कक्षाओं का संचालन न होना ,महाविद्यालय परिसर के अंदर शिक्षक नशा करके आते हैं, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था हेतु सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था का ना होना जिसके कारण बाहर के असामाजिक तत्व कॉलेज में प्रवेश करते हैं, अंकसूची, टीसी के नाम पर पैसा वसूली का काम किया जाता है, छात्रों के लिए पेयजल शौचालय व्यवस्था व छात्राओं के लिए सेनेटरी वेंडिंग मशीन की व्यवस्था का ना होना ,शिक्षकों द्वारा बच्चों को गुमराह करना, कुछ विषयों के शिक्षक न होना, जन भागीदारी मदद से महाविद्यालय में कराए गए कार्यों  में धाधलेबाजी करना ,लाइब्रेरी को संचालित ना करना, महाविद्यालय के जमीन पर निर्मित खेल मैदान का आधिपत्य नगर पालिका की वजह महाविद्यालय को देना, महाविद्यालय के दोनों मुख्य द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था करना, छात्रों के लिए प्रैक्टिकल व्यवस्था करना बस की व्यवस्था करना, आदि कई प्रमुख मांगों को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एवं तुलसी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मिलकर महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर उग्र आंदोलन किया ।

आंदोलन के दौरान अनुविभागीय एसडीएम अधिकारी व महाविद्यालय के प्राचार्य उपस्थित रहे। जिला प्रशासन एवं महाविद्यालय प्रशासन के माध्यम से यह आश्वासन दिया गया की 15 दिवस के अंदर सारी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। यदि इन प्रमुख मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद पुनः उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा जिसका जिम्मेदार महाविद्यालय प्रशासन होगा।

समाचार 04 फ़ोटो 04

यातायात विभाग द्वारा नाकेबंदी कर की जा रही अवैध वसूली, लगाई जाए रोक, जनता हो रही परेशान

अनूपपुर

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने जिला के यातायात विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यातायात विभाग अपने मूल कर्तव्यों से भटककर जिले की जनता को परेशान करने में लगा हुआ है। यातायात प्रभारी समेत उनके कर्मचारी और अधिकारी शहर की यातायात व्यवस्था संभालने के बजाय बाहरी मार्गों पर वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को भारी कठिनाई हो रही है। जिला यातायात प्रभारी को फुनगा यातायात चौकी का भी प्रभारी बनाकर रखा गया है और खुली लूट करने की परमिशन दी गई है जिनकी मनमानी चरम सीमा पर है।

राजेश सिंह ने बताया कि अधिकारी एवं कर्मचारी अमरकंटक ,जैतहरी और कोतमा मार्ग जैसे विभिन्न प्रमुख रास्तों पर नाकेबंदी कर, हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस प्रमाण पत्र और प्रदूषण नियंत्रण जैसे नियम बताकर वाहन चालकों से अनुचित वसूली करते हैं। यह कार्य न सिर्फ गलत है, बल्क‍ि इससे जनता का काफी नुकसान हो रहा है। 8 दिसंबर 2025 को अमरकंटक टोल नाका के पास तथा फुनगा, अनूपपुर कोतमा मार्ग  भोलगढ़ के पास दिनभर वाहन चेकिंग के नाम पर आवागमन करने वालों को परेशान किया गया और उनसे अवैध वसूली की गई।

उन्होंने कहा कि यातायात विभाग के कर्मचारी सड़क पर यमराज की तरह वसूली करते दिख रहे हैं, जो लोगों के लिए काफी परेशान करने वाला है। इसलिए भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने अनूपपुर पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है कि वे तत्काल कार्रवाई करते हुए ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाएं और अवैध नाकेबंदी व वसूली को तुरंत बंद कराएं ताकि जिले की जनता को राहत मिल सके।

समाचार 05 फ़ोटो 05

पूर्व विधायक सुनील सराफ को राष्ट्रीय समन्वयक बनाए जाने पर स्वागत

अनूपपुर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (पिछड़ा वर्ग) द्वारा पूर्व विधायक सुनील सराफ को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों में हर्ष की लहर देखने को मिली। इस अवसर पर स्थानीय कांग्रेसजनों ने अनूपपुर प्रस्थान कर उनका आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुनील सराफ के नेतृत्व और अनुभव से पिछड़ा वर्ग संगठन को नई ऊर्जा प्राप्त होगी। उनकी नियुक्ति से न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश के कांग्रेसजनों में उत्साह बढ़ा है।

नेता एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुष्पहार पहनाकर एवं शुभकामना संदेश देकर पद की जिम्मेदारियों के लिए शुभकामनाएँ दीं। सभी ने आशा व्यक्त की कि वे संगठन को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। कांग्रेस परिवार ने सुनील सराफ को इस महत्वपूर्ण दायित्व पर नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समाचार 06 फ़ोटो 06

दो दशक बाद भी सांस को नहीं मिली आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही 

उमरिया

राष्टीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार ने गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आशा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2005 में रखते हर गांव में सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट वर्कर गाँव गाँव में रखा जाना था। यह आशा कार्यकर्ता  ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की पहली लाइन के रूप में काम करती है, लेकिन खेद जनक कहा जाये की उमरिया जिले में आज भी ऐसे गाँव है जहाँ पर दो दशक बीत जाने के बाद भी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति नही की जा सकी। 

उमरिया जिले का आदिवासी विकास खंड पाली के कठई ग्राम पंचायत का बैगा गाँव जहाँ पर शत प्रतिशत बैगा निवासरत वहाँ भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की नजर आज तक नहीं पहुंची। आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति को लेकर अनेकों बार ग्राम सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित कर आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति संबंधित प्रस्ताव और मूल आवेदन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में बीपीएम जियाउद्दीन खान को देकर आवेदन किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा। आश्चर्य जनक कहा जाये की आशा कार्यक्रम को दो दशक पूरे होने के बाद आज तक आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति न हो पाना विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली को उजागर कर रही है की आखिर कार आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति में और कितने दशक लगेगे।

समाचार 07 फ़ोटो 07

नकाबपोश हथियारबन्द बदमाशों ने कॉलरी कर्मचारी को बंधक बनाकर चुरा ले गए दो ट्रांसफार्मर

अनूपपुर

जमुना कोतमा क्षेत्र के जमुना 1/2 खान मुडधोवा स्थित पंखा घर में रात में हुई बड़ी चोरी ने खदान सुरक्षा तंत्र की पोल खोल दी है जहां कॉलरी परिसर में सुरक्षा के जवान तैनात रहते हैं, वहीं चोरी वाली जगह पर सुरक्षा जवान की कोई ड्यूटी नहीं थी, केवल कॉलरी के कर्मचारी तैनात थे, इसी सुरक्षा ढांचे की कमी का फायदा उठाकर हथियारबंद नकाबपोशों ने कर्मचारियों को बंधक बनाया और ट्रांसफार्मर चोरी कर फरार हो गए।

सुरक्षा प्रहरी पन्नू लाल और ऑपरेटर रामखेलावन साहू रात में ड्यूटी कर रहे थे, तभी 30–35 नकाबपोश हथियारबंद लोग अचानक वहां पहुंच गए चोरों ने पहले पन्नू लाल को घेरा, फिर अंदर जाकर रामखेलावन साहू को भी पकड़ लिया दोनों को मारपीट, गाली-गलौज कर पंखा घर के भीतर बंद कर दिया गया।

गिरोह ने इसी दौरान घर का पंखा व दो ट्रांसफार्मर खोलकर ले गए और बगल में लगी केबल तारें भी काटकर चोरी कर लीं जिसकी कीमत लाखों में है। जब कर्मचारी किसी तरह सुबह 5 बजे बाहर निकल पाए और अधिकारियों को सूचना दी। सुबह खदान प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की हालांकि मौके से क्या सुराग मिले, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी है।

समाचार 08 समाचार 08

खाद्य सुरक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल, वर्षों से चल रही इकाइयों पर कार्रवाई शून्य, त्योहारों में ही जागता विभाग

उमरिया

जिले के कोयलारी क्षेत्र में आटा निर्माण इकाई पर बड़ी कार्रवाई के बाद अब पाली नगर में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। नगर में वर्षों से संचालित आटा निर्माण कंपनियों पर विभाग की नज़र न पड़ना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं या फिर कार्रवाई सिर्फ चुनिंदा मौकों तक सीमित है।

स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों का कहना है कि त्योहारों के दौरान तो विभाग सक्रिय दिखता है लेकिन बाकी समय कार्रवाई लगभग शून्य रहती है। इसी ढिलाई का नतीजा है कि पाली क्षेत्र में आए दिन थोक में एक्सपायरी डेट का माल दुकानों तक पहुँच जाता है, जिसकी शिकायतों पर भी विभाग केवल खानापूर्ति कर मामले रफादफा कर देता है।

बाजार में यह भी चर्चाएँ गर्म हैं कि कुछ आटा निर्माण इकाइयाँ लंबे समय से बिना किसी प्रभावी निरीक्षण के संचालित हो रही हैं। मानकों के अनुपालन स्वच्छता और लेबलिंग को लेकर इन इकाइयों की स्थिति क्या है इस पर विभाग की चुप्पी नए सवाल खड़े करती है।

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