भ्रष्टाचार की भट्टी में आदिवासी छात्रावास का विकास, छात्रावास से एसडीएम कार्यालय तक पहुंचा छात्रों का आक्रोश
*10 लाख की सड़क बनी लूट का सबूत, ठेकेदार,उपयंत्री, जनप्रतिनिधि की तिकड़ी हुई बेनकाब*
इंट्रो
अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में आदिवासी छात्रों का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। बालक आदिवासी छात्रावास बसनिहा की बदहाली, अवैध गेट और 10 लाख की घटिया सीसी सड़क ने जनआक्रोश को चिंगारी दे दी है। नारेबाज़ी करते छात्र SDM कार्यालय पहुंचे और साफ चेताया है कि अब सहन नहीं, कार्रवाई या आंदोलन तय है।
अनूपपुर
सयुक्त आदिवासी बालक छात्रावास बसनिहा सांधा आज विकास का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार, लापरवाही और सत्ता–तंत्र की मिलीभगत का प्रतीक बन चुका है। एक ओर अवैध गेट को हटाने के आदेश हवा में उड़ाए गए हैं, तो दूसरी ओर 15वें वित्त मद से करीब 10 लाख रुपये खर्च कर बनाई गई सीसी सड़क भ्रष्टाचार की जीवित मिसाल बन गई है। यह सड़क छात्रावास, शासकीय आयुर्वेद औषधालय पुष्पराजगढ़ और प्राथमिक विद्यालय सांधा टोला को जोड़ती है, जहां छात्र, मरीज और बच्चे रोजाना आना-जाना करते हैं। कच्ची सड़क की समस्या दूर होने की उम्मीद लिए बैठे लोगों को “विकास” के नाम पर घटिया सड़क थमा दी गई, जो बनते ही उखड़ने लगी है। ठेकेदार, उपयंत्री और जनप्रतिनिधियों की तिकड़ी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ आदिवासी छात्र संगठन ने SDM को ज्ञापन सौंपकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
*अवैध गेट बना प्रतीक*
बालक आदिवासी छात्रावास की बाउंड्री वॉल में लगाया गया अवैध गेट पूरे मामले की जड़ बन गया है।तहसीलदार द्वारा स्थल निरीक्षण कर गेट हटाने के स्पष्ट आदेश दिए गए थे, लेकिन महीनों बाद भी गेट जस का तस खड़ा है। इससे छात्रावास की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है और असामाजिक तत्वों की आवाजाही की आशंका बनी हुई है। छात्रों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यह मामला अब केवल गेट हटाने का नहीं, बल्कि प्रशासनिक साख और कानून के सम्मान का सवाल बन चुका है।
*भ्रष्टाचार की सीसी सड़क*
जनपद पंचायत के 15वें वित्त मद से स्वीकृत करीब 10 लाख रुपये की सीसी सड़क विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि लूट का सबूत बन चुकी है। निर्माण के कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ने लगी, दरारें पड़ गईं और गिट्टी बाहर झांकने लगी है। न बेस मजबूत है, न मोटाई मानक के अनुसार है। स्थानीय लोगों और छात्रों का आरोप है कि घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर लाखों का खेल कर दिया गया है। अब ऊपर से लेपन कर लीपापोती की जा रही है, ताकि भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके।
*लुटी उम्मीदें, टूटी सड़क*
यह सड़क आदिवासी छात्रों, छोटे बच्चों और मरीजों के लिए राहत बन सकती थी, लेकिन वह उनके सपनों पर करारी चोट बन गई है। सड़क की जर्जर हालत बता रही है कि आवंटित राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है। कागजों में मजबूत सड़क, जमीन पर शर्मनाक हकीकत यही इस निर्माण की सच्चाई है। लोगों का कहना है कि यह विकास नहीं, बल्कि आदिवासी क्षेत्र में सुनियोजित लूट है। सवाल यह है कि जब सड़क खुद गवाही दे रही है, तो जिम्मेदार कब बोलेंगे?
*ट्रांसफार्मर बीच सड़क पर*
भ्रष्ट योजना का सबसे चौंकाने वाला उदाहरण शासकीय आयुर्वेद औषधालय की ओर जाने वाली सड़क के बीचों-बीच खड़ा बिजली का ट्रांसफार्मर है। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि तकनीकी अराजकता का नमूना है। सड़क का उद्देश्य सुरक्षित आवागमन होता है, लेकिन यहां खतरा ही बना दिया गया है। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। छात्रों का सवाल है कि क्या यह सड़क जनता के लिए बनी है या भ्रष्ट सिस्टम की मूर्खता दिखाने के लिए?
*7 दिन का अल्टीमेटम*
आदिवासी छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर अवैध गेट नहीं हटाया गया, घटिया सीसी सड़क की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, दोषियों पर कार्रवाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं बहाल नहीं की गईं, तो छात्र आंदोलन करेंगे। स्टेट हाईवे पर चक्का जाम तक की चेतावनी दी गई है। छात्रों ने साफ कहा है कि आंदोलन की जिम्मेदारी तहसील और जिला प्रशासन की होगी।
इनका कहना है।
मैंने सड़क देखी है, काम घटिया स्तर का है। पंचायत को नोटिस जारी कर भुगतान पर रोक लगेगी।
*सुशील मिश्रा, उपयंत्री, जनपद पुष्पराजगढ़*
मौके में जा कर मैने देखा है, घटिया निर्माण किया गया है सचिव को भुक्तान न करने के लिए निर्देश दिए है जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
*गणेश पाण्डेय, सीईओ जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़*
छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लिया गया है जल्द ही सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
*वसीम अहमद भट्ट, एसडीएम, पुष्पराजगढ़*
