सेंट्रल बैंक में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी, बिना अनुमति खातों से राशि कटने पर खाता धारक परेशान
अनूपपुर
जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोतमा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खाता धारकों के साथ धोखाधड़ी और अनियमित कटौती का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राहकों के खातों से बिना अनुमति एवं बिना जानकारी राशि काटे जाने से क्षेत्र के लोग भारी परेशानी में हैं। मामले के उजागर होने के बाद बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना के संबंध में नगर के वार्ड क्रमांक 3 के निवासी छवि अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नया खाता खुलवाया था, जिसमें पहली बार पैसा जमा करने के बाद उनके खाते से 228 रुपये एवं 20 रुपये की अतिरिक्त राशि बिना उनकी अनुमति के काट ली गई। जब उन्होंने इस संबंध में जानकारी लेने बैंक का रुख किया तो शाखा प्रबंधक द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रबंधक ने कथित रूप से कहा कि “मैं बैंक का प्रबंधक हूं, मुझे किसी ग्राहक से पूछने या बताए बिना राशि काटने का अधिकार है। जहां शिकायत करना है कर सकते हैं।
पीड़ितों का आरोप है कि जिला कलेक्टर के निर्देशों के नाम पर बीमा राशि के कटौती का बहाना बनाकर ग्राहकों से मनमाने तरीके से रकम काटी जा रही है। वहीं बैंक के कई खाते गरीब, किसान, मजदूर और दलित समुदाय के लोगों के हैं, जिनमें से कुछ खाता धारक निरक्षर भी हैं। जानकारी के अभाव में उनसे अनियमित कटौती कर उनसे धोखाधड़ी की जा रही है। क्षेत्रीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि शाखा प्रबंधक का अभद्र व्यवहार, तानाशाही रवैया और मनमानी के कारण हितग्राहियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों और खाताधारकों ने उच्च अधिकारियों से इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषी बैंक कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि यदि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से प्रशासन के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे।
इनका कहना है।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर बैंक में खाता धारकों से बीमा राशि काटी जा रही है जिसमें बैंक धारकों की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
*संतोष कुमार, शाखा प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, कोतमा*
