हत्या के मामले में सजा काट चुके कर्मचारी पर उठे सवाल, तथ्यों को छिपाकर एसीसीएल में कर रहे थे नौकरी


अनूपपुर

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओपनकास्ट माइन्स में असिस्टेंट सुपरवाइजर (ट्रांसपोर्टेशन) के पद पर कार्यरत श्रीकांत मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीकांत मिश्रा (NEIS न. 24358277) ने नियुक्ति के समय अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाकर नौकरी हासिल की थी, जबकि वे पूर्व में हत्या के आरोप में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होकर तीन वर्ष तक कारावास की सजा भुगत चुके हैं। आरोप यह भी है कि श्री मिश्रा ने अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई उल्लेख नियुक्ति प्रपत्रों में नहीं किया, जो न केवल सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।

इस पूरे मामले को उजागर करते हुए ग्राम हरदुआ जिला रीवा निवासी श्रीनिवास पाठक ने जिलाधीश अनूपपुर को ज्ञापन सौंपकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि चूंकि अब श्रीकांत मिश्रा का सेवाकाल समाप्ति की ओर है, अतः जल्द जांच कर उन्हें सेवा से पृथक किया जाए तथा उनकी सेवा अवधि में प्राप्त वेतन एवं पीएफ राशि को जब्त कर राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि इस कृत्य पर श्रीकांत मिश्रा के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर अलग से दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

शिकायत की प्रतिलिपि सतर्कता अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक, सोहागपुर क्षेत्र को भी प्रेषित की गई है मामला गंभीर है और अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन एवं एसईसीएल प्रबंधन इस पर क्या कदम उठाता है।

तबादले के बाद नई कवायद में जिला बना ‘काली छाया’ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

*रिक्तियां गायब, सिस्टम में पारदर्शिता फेल, संकुल प्राचार्य और ऑपरेटरों का ‘राज*


अनूपपुर

मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादले के बाद रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन अनूपपुर जिले में यह कवायद पारदर्शिता से ज्यादा भ्रष्टाचार का पर्याय बनती नजर आ रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 के लिए जीएफएमएस पोर्टल पर रिक्त पदों का विवरण प्रदर्शित कर ऑनलाइन आवेदन बुलाए हैं, लेकिन अनूपपुर में अधिकांश शासकीय विद्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी पोर्टल पर अदृश्य है।

*अपात्रों को मौके, पात्र ठगे हुए* 

विभाग के निर्देश साफ हैं कि आवेदन ऑनलाइन होंगे, चयन भी ऑनलाइन होगा, लेकिन यहां संकुल प्राचार्य और स्कूलों के कंप्यूटर ऑपरेटर ही नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया के ‘किंगमेकर’ बने हुए हैं। पात्र शिक्षक फाइलें और दस्तावेज लिए बीईओ, डीईओ और सहायक आयुक्त कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं से भी कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी जा रही। पोर्टल पर रिक्तियां ही अपलोड नहीं की गईं, तो आवेदन पात्र करें भी तो कैसे?

*तारीखों की बाजीगरी*

पहले चरण के लिए 26 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 1 से 3 जुलाई तक उपस्थिति प्रमाणीकरण का शेड्यूल तय है। 5 जुलाई से 12 जुलाई तक दूसरे चरण की संभावित तारीखें हैं। लेकिन जिन जिलों में रिक्तियां गोपनीय रखी गई हैं, वहां यह प्रक्रिया सिर्फ दिखावे की रस्म बन चुकी है। सिस्टम में अनूपपुर ‘ब्लैकहोल’ बन गया है, विभाग का दावा  हैं कि “रिक्त पदों के विरुद्ध ही नियुक्ति होगी। मगर अनूपपुर की हकीकत यह है  कि रिक्त पदों का ऑनलाइन अता-पता ही नहीं हैं। विभाग का दावा “पूरा चयन ऑनलाइन होगा।” मगर  हकीकत यह है कि फाइलें लेकर अफसरों और प्राचार्यों के दफ्तरों में धक्के खा रहे अभ्यर्थी।

*कौन जिम्मेदार?*

संकुल प्राचार्य, कम्प्यूटर ऑपरेटर और संबंधित अधिकारी  सबकी जिम्मेदारी तय है, लेकिन अफसरशाही की मौन सहमति से पात्र शिक्षक हाशिए पर और ‘सेटिंग’ वाले अपात्र शिक्षक ही ऑनलाइन प्रणाली के नाम पर सीटें हथिया रहे हैं। डीईओ, बीईओ और सहायक आयुक्त आदिवासी परियोजना कार्यालय आंख मूंदे बैठे हैं या कहें जानबूझकर अनजान बने हुए हैं।

*ऑनलाइन, ऑफलाइन का तमाशा*

जहां प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की पारदर्शी नियुक्ति के लिए शासन ऑनलाइन प्रणाली की दुहाई दे रहा है, वहीं अनूपपुर जिले में यह नियम मजाक बन गया है। शिक्षकों के स्कोरकार्ड, अनुभव अंक और मेरिट सब ताक पर रख दिए गए हैं।

यह कैसी डिजिटलीकरण की उपलब्धि? क्या अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी अब ठेकेदारी में तब्दील हो गई है? क्या संकुल प्राचार्य और ऑपरेटर मिलकर पात्रों की मेहनत पर पानी फेरने की खुली छूट पाए बैठे हैं? क्या विभाग का एजुकेशन पोर्टल-3.0 सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, शिक्षा विभाग को इन सबका जवाब देना होगा। अगर शिक्षा विभाग वाकई ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता का दावा करता है तो अनूपपुर जैसे जिलों में अपात्रता और अपारदर्शिता के इस खेल पर तत्काल अंकुश लगाना होगा। अन्यथा ऑनलाइन सिस्टम सिर्फ दिखावा साबित होगा और असली हकदार शिक्षक ताउम्र भटकते रहेंगे।

सर्व शिक्षा अभियान शिक्षा विभाग सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग सभी स्कूलों की रिक्तियों की तत्काल पोर्टल पर सार्वजनिक जानकारी अपलोड की जाए। पात्र-अपात्र की सूची पारदर्शी तरीके से पोर्टल पर जारी हो। संकुल प्राचार्यों और कंप्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका की जांच हो। डीईओ और बीईओ को जिम्मेदारी से निगरानी करने के निर्देश दिए जाएं। यह रिपोर्ट शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा व्यवस्था के भविष्य के हित में है। ऑनलाइन प्रक्रिया में धांधली की यह मिसाल, शासन की साख को बट्टा लगाने वाली है और इसे तत्काल सुधारा जाना जरूरी है।

पीआरटी महाविद्यालय में यातायात जागरूकता एवं लर्निंग लाइसेंस शिविर का हुआ आयोजन


अनूपपुर

पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं छात्रों को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया से परिचित कराने हेतु एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में जिला यातायात निरीक्षक ज्योति दुबे उपस्थित रहीं। उन्होंने छात्रों को सड़क सुरक्षा, यातायात नियमों के महत्व, तथा लाइसेंस प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित किया।

जिला यातायात निरीक्षक ने बताया कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पूर्व में संचालित "गुड समेरिटन योजना" को परिवर्तित कर "राहवीर योजना" के रूप में दिनांक 21 अप्रैल 2025 से सम्पूर्ण देश में लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पश्चात आपातकालीन अवस्था में घायलों को शीघ्र चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना तथा सहायता करने वाले जागरूक नागरिकों को सम्मानित कर प्रोत्साहित करना है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के संचालक डॉ. देवेंद्र कुमार तिवारी ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियम नहीं, एक संस्कार है, जिसे अपनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। शिविर के माध्यम से छात्रों को ऑन-द-स्पॉट लर्निंग लाइसेंस आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सभी प्रतिभागियों ने इसे एक ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक अनुभव बताया।

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