दो मोटरसाइकिल टकराई, 1 की मौत, 2 गंभीर घायल


उमरिया

जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड़ेरी के पास दो बाईकों मे हुई भीषण भिड़ंत मे एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं दो गंभीर रूप से घायल हो गये। मृतक का नाम बच्चा यादव पिता बाबूलाल 25 निवासी ग्राम कोड़ार बताया गया है, जो बाईक पर मोहित यादव पिता मनोज यादव 18 निवासी गढ़पुरी के साथ आ रहा था। तभी सामने से आ रहे कमलेश सिंह पिता कमलभान सिंह 29 निवासी खुसरवाह की मोटर साईकिल से उनकी टक्कर हो गई। यह भिड़ंत इतनी भयानक थी कि तीनो बाईक सवार घिसटते हुए कई फिट दूर जा गिरे, और सभी गंभीर रूप से जख्मी हो गये। दुर्घटना के बाद 108 एंबुलेंस की मदद उन्हे जिला अस्पताल लाया गया, जहां बच्चा यादव की मौत हो गई। मामले की सूचना पर पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया तथा कार्यवाही शुरू की।

लोकल परचेज़ नहीं, लोकल लूट है, ये में चंदेश्वर दयाल के नेतृत्व में बर्बादी का ‘ब्लैकआउट’

*गूंगी चौकीदारी” में लीन उच्च अधिकारी, यह खदान नहीं, भ्रष्टाचार की कब्रगाह*


अनूपा/कोतमा

जमुना-कोतमा की खदानें एक समय परिश्रम और उत्पादन की मिसाल थीं, लेकिन आज यह ज़मीन श्रमिकों की नहीं, बल्कि भ्रष्टाचारियों की प्रयोगशाला बन चुकी है, इस पतन के केंद्र में है SECL का विद्युत यांत्रिकी विभाग, और उसके मुखिया घोषित "भ्रष्टाचाराचार्य" चंदेश्वर दयाल विभाग का उद्देश्य अब मशीनों को जीवन देना नहीं, बल्कि ‘लोकल परचेज़’ के नाम पर लोकल लूट की व्यवस्था चलाना हो गया है, जिस प्रणाली को कभी आपातकालीन समाधान का जरिया माना गया था, वह आज फर्जी बिलिंग, दलाली, और कमीशनखोरी की कानूनी दुकान में तब्दील हो चुकी है

*लोकल परचेज़ बन चुकी है लूट योजना*.

एमको इलेकॉन (गुजरात), किरलोस्कर पंप, महरथन पंप, बालाजी इलेक्ट्रिकल्स प्रा. लि., और ईएमआई इलेक्ट्रिकल (कोलकाता आधारित) ये पांच कंपनियाँ वर्षों से विभाग की ‘फिक्स मंडली’ बन चुकी हैं, इनके बिना न कोई बिल बनता है, न मरम्मत होती है, न पैसा चलता है। बिना टेंडर, बिना प्रतिस्पर्धा, और बिना गुणवत्ता परीक्षण के इन्हीं से हर बार ऊँचे दामों पर सामग्री और सेवा खरीदी जाती है, हर बिल में एक अदृश्य लेकिन ‘पक्का हिस्सा’ सीधे विभाग की प्रमुख  चंदेश्वर दयाल को चढ़ाया जाता है। मशीनें जैसे ही खराब होती हैं, उन्हें SECL वर्कशॉप में भेजने की बजाय जानबूझकर बाजार भेजा जाता है, जहाँ ‘चहेती दुकानें’ तैयार बैठी होती हैं, मोटा बिल थमाने को असल मकसद मशीन ठीक करना नहीं, बिल बढ़ाना होता है ताकि विभाग अपना “कट” निकाल सके और इस पूरे षड्यंत्र का सूत्रधार, निर्देशक और लाभार्थी  एक ही नाम चंदेश्वर दयाल “दफ्तर में दयाल का मतलब ही ‘डील तय’ हो जाना है।

*वर्कशॉप खामोश, दलाली ज़ोरों पर* 

जिन वर्कशॉप्स को मरम्मत का गढ़ होना चाहिए था, वहाँ ताले लगे हैं लेकिन अधिकारियों के घरों पर दलालों की चहल-पहल और दुकानों से डिलीवरी की फाइलें दिन-रात घूम रही हैं, दफ्तर में न ईमान बचा, न जवाबदेही बस बचा है “कट, कमीशन और कंप्लेसेंसी” और दयाल ने विभाग की मशीनों को मरम्मत नहीं, “मोक्ष” दे दिया है  क्योंकि वर्कशॉप में न तो ईनाम है, न कमीशन, जबकि बाजार में हर पुर्जे का हिसाब “हिस्से” के साथ तय है।

*गूंगी चौकीदारी” में लीन उच्च अधिकारी*

अब सवाल है क्या उच्च अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं? क्या उन्हें नहीं दिखती दलालों की आवाजाही,  बिजली की समस्या और विभाग की सड़ांध? या फिर वे भी इस ‘भ्रष्टाचारीय गठजोड़’ के मूक संरक्षक बन चुके हैं?ऐसा नहीं कि शिकायतें नहीं हुईं, पत्रकारों ने कई बार रिपोर्ट की, श्रमिकों ने पत्र लिखे, लेकिन हर बार कार्रवाई ‘ऊपर से रोक दी गई’  तो क्या ‘ऊपर’ कोई ऐसा अधिकारी बैठा है जो चंदेश्वर दयाल को संरक्षण दे रहा है

*खदान नहीं, भ्रष्टाचार की कब्रगाह*

आज जमुना-कोतमा की खदान सिर्फ कोयला नहीं खोद रही वो ईमानदारी, जवाबदेही और श्रमिक सम्मान की कब्र भी खोद रही है “लोकल परचेज़” अब दैनिक ज़रूरत नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का गेटवे बन चुका है, चंदेश्वर दयाल जैसे अधिकारी एस. ई.सी.एल के लिए नासूर हैं, जबकि उनके खिलाफ चुप रहने वाले अफसर इस सड़ांध के संरक्षक बन चुके हैं, अब वक्त आ गया है कि एस .ई.सी.एल तय करे  खदान बचानी है या रिश्वतखोरों की ढाल बनना है? ईमानदारी को पुनर्जीवित करना है या भ्रष्टाचारियों को पालना है? जनता की सेवा करनी है या दलालों की? यह सिर्फ एक खदान की लड़ाई नहीं, यह सिस्टम के भीतर जमे भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल है, जमुना-कोतमा की जनता अब चुप नहीं बैठने वाली इसकी शिकायत सीबीआई से करेगी।

सीएम ने कल्याण सेवा आश्रम के कपिला गौशाला को दिया तृतीय पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र के साथ 2 लाख नगद 


अनूपपुर/अमरकंटक

भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन के गौ पालक, गौ शाला संचालक एवं प्रतिनिधियों द्वारा सहभागिता के  महिती एवं विशाल कार्यक्रम में अनूपपुर जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक के कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे कपिला गौशाला को राज्य स्तर का तृतीय पुरस्कार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 2 लाख रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कार एवं सम्मानित किया।  गौपालक ,गौशाला  संचालक के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ मंत्री लखन पटेल, मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल नगर निगम महापौर मालती राय इस आयोजन में उपस्थित रहे। पवित्र नगरी कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट अमरकंटक की ओर से प्रतिनिधि स्वामी धर्मानंद महाराज ने चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया, उनके साथ पवित्र नगरी अमरकंटक के पत्रकार एवं आश्रम के शिष्य उमाशंकर पांडे मुन्नू उनके साथ रहकर उक्त पुरस्कार एव सम्मान प्राप्त किया । 

कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट अमरकंटक के द्वारा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 8 कपिला संगम  में गौ संरक्षण  गौ संवर्धन  एवं उपचार का बेहतर ढंग से उच्च तकनीक के द्वारा किया जाता है। वर्तमान समय में कपिला गौशाला लगभग सवा दो सौ की संख्या में गौ एवं बछड़े है, गौ माता की सेवा एवं अन्य व्यवस्था के हेतु गौशाला में कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा 20 कर्मचारी निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं । कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा गौ माता की सेवा सुश्रुआ देखभाल एवं भोजन आदि की व्यवस्था व्यवस्थित रूप में की जाती है, बीमार होने पर त्वरित उपचार किया जाता है, गौशाला में संरक्षण संवर्धन का विशेष व्यवस्था है तथा विशेष गौरतलब यह भी है कि  गौशाला के प्रत्येक हाल में शुभ मधुर बांसुरी का संगीत 24 घंटे निरंतर बजता रहता है। गौ माता को भगवान कृष्ण की मधुर बांसुरी धुन बजती रहती है । गोबर गोमूत्र होने पर त्वरित साफ सफाई रखी जाती है । 

तपस्वी बाबा कल्याण दास महाराज के विशेष कार्यों के तहत गौशाला का संचालन कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा किया जा रहा है । कल्याण सेवा आश्रम के प्रबंधक ट्रस्टी हिमाद्री मुनि महाराज द्वारा कपिला गौशाला  का कुशल देख रेख एवं व्यवस्था संचालन किया जाता है

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