गुणवत्ता विहीन कार्यो पर शिवसेना ने खोला मोर्चा, घटिया पुलिया निर्माण पर रुकवाया कार्य
गुणवत्ता विहीन कार्यो पर शिवसेना ने खोला मोर्चा, घटिया पुलिया निर्माण पर रुकवाया कार्य
अनूपपुर
नगर पालिका कोतमा के कदम टोला वार्ड क्रमांक 11 में चल रहे पुलिया निर्माण कार्य को शिवसेना संभाग प्रमुख पवन पटेल द्वारा गंभीर अनियमितताओं के चलते रुकवा दिया गया। यह कार्य चार माह पूर्व किए गए शिवसेना के चक्का जाम आंदोलन के बाद प्रशासन द्वारा स्वीकृत आठ सूत्रीय मांगों के तहत शुरू किया गया था। ज्ञात हो कि विगत चार माह पूर्व, शिवसेना के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने नाली, पुलिया, सामुदायिक भवन, सीसी रोड जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर भालूमाड़ा-कोतमा मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया था। आंदोलन के दबाव के बाद कोतमा के एसडीएम द्वारा आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया गया था कि सभी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाएगा। हाल ही में कदम टोला में पुलिया निर्माण कार्य की शुरुआत हुई, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत पर यह सामने आया कि कार्य निर्धारित प्राक्कलन के विपरीत एवं बेहद घटिया गुणवत्ता से किया जा रहा है। इस पर नागरिकों ने पुनः पवन पटेल से संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर कार्य का निरीक्षण किया और गंभीर अनियमितता पाते हुए तत्काल निर्माण कार्य रुकवाया गया। पवन पटेल ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और पारदर्शिता नहीं बरती गई तो शिवसेना एक बार फिर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। स्थानीय नागरिकों ने शिवसेना की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि यदि इस तरह नेतृत्व का साथ मिले, तो क्षेत्र में विकास के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है।
पारदर्शिता व गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल*
नगर पालिका परिषद कोतमा द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर जनता के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। परिषद द्वारा इन कार्यों को “जन उपयोगी” और “गुणवत्ता युक्त” बताया जा रहा है, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। वार्ड क्रमांक 3 रेलवे स्टेशन चौक पर वर्षों से लंबित बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन पारदर्शिता और कार्य की गति को लेकर लोगों में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कार्य प्रारंभ हुए कई माह बीत जाने के बाद भी आज तक सिटीजन बोर्ड ना लगाना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है । वहीं वार्ड क्रमांक 1 में 7 करोड़ रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम निर्माण खराब गुणवत्ता के कारण जेडी कार्यालय शहडोल के कार्यपालन यंत्री की निष्पक्षता एवं कार्य कुशलता के चलते गुणवत्ता हीन कार्य के चलते बिल में भारी कटौती की गई ।