डॉक्टर मलय को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, प्रलेस की बैठक संपन्न 


अनूपपुर

प्रगतिशील लेखक संघ इकाई अनूपुर की बैठक राउत राय जी के भवन में संपन्न हुई । इस बैठक में मलय जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । मलय जी का जन्म 19 नवम्बर 1929 में हुआ था तथा अवसान 9 जनवरी 2024 को हुआ , इस तरह से उनने अपने जीवन के 95 वें वर्ष में इस नश्वर देह को त्याग दिया । डॉक्टर मलय कवि ही नहीं अपितु प्रखर व्यंग्य आलोचक भी थे । उनकी रचनाओं पर हरिशंकर परसाई और मुक्तिबोध का गहरा असर था पर उन्होंने काफ़ी श्रमपूर्वक अपनी रचनाओं को इनकी छाप से अलहदा रखा था और अपनी भाषा-शैली को भी । मलय जी जबलपुर के रहने वाले थे लिहाज़ा इनका कार्यक्षेत्र प्रमुख रूप से जबलपुर रहा । शायद ये प्रगतिशील लेखक संघ मध्यप्रदेश के वरिष्ठतम साहित्यकार थे,  जिनका जाना एक बहुत बड़े स्थान को रिक्त कर गया है ।इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पवन छिब्बर,रामनारायण पाण्डेय, राउत राय, सुधा शर्मा, संतोष सोनी, डी एस राव, देबब्रत कर आदि सदस्य उपस्थित थे।

पर्यटन बोर्ड द्वारा महिलाओ को स्ट्रीट फुड वेंडर व हाऊस कीपिंग स्किल का दिया गया प्रशिक्षण


अनूपपुर/अमरकंटक

मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के कल्याणिका बी एड कालेज प्रांगण में 27 नवंबर 2023 से 12 जनवरी 2024 तक  मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के प्रयास  से महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत आई जी एस के माध्यम से महेंद्राज स्किल्स ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा स्थानीय महिलाओं को पर्यटन आधारित भूमिकाओं में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया । कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक रोजाना यहाँ पर महिलाएं स्ट्रीट फूड वेंडर स्किल , हाउस कीपिंग स्किल तथा कंप्यूटर स्किल में लगातार प्रशिक्षित किए जा चुकी है । इस प्रशिक्षण में कुल महिलाए 60 प्रशिक्षीत की जा चुकी है । आगे अमरकंटक के इसी स्थल पर उद्यमितता , ई रिक्शा तथा बेकरी दिनांक 18 जनवरी 2024 से 04 मार्च 2024 तक कुल 50 महिलाओ को प्रशिक्षित किया जावेगा। इसी योजना के तहत आगे भी नए जॉब रोल में प्रशिक्षण हेतु टूरिस्ट फैसिल्टेटर गाइड स्किल , बैग मेकिंग स्किल तथा स्थानीय विद्यालयों एवम महाविद्यालयों के छात्राओ को जूडो कराटे , मार्शल आर्ट तथा लाठी संचालन आदि आत्म रक्षा का प्रशिक्षण भी शहडोल कलस्टर के शहडोल , बांधवगढ़ तथा अमरकंटक पर्यटन स्थलों पर यह प्रयास जारी रहेंगे । शहडोल कलस्टर के अंतर्गत शहडोल पर्यटन क्षेत्र में आत्म रक्षा प्रशिक्षण दिए जा रहे है । अमरकंटक पर्यटन स्थल पर वर्तमान में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा महिला पर्यटकों की सुरक्षा तथा सुगमता हेतु किए जा रहे प्रयास में महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत इंडियन ग्रामीण सर्विस के माध्यम से महेंद्रास स्किल्स ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से अजीत सोनी जी के द्वारा महिलाओं को स्ट्रीट फूड वेंडर तथा हाउसकीपिंग कम कुक का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा चुका है । इस योजना के अंतर्गत संचालित जॉब रोल स्ट्रीट फूड वेंडर की ट्रेनिंग कुशल ट्रेनर मैडम ममता पारस तथा हाउसकीपिंग कम कुक की ट्रेनिंग प्रशिक्षक अजीत सोनी के द्वारा बड़े ही सहज व सुगमता से समस्त महिलाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अजीत सोनी ने आगे बताया की इस प्रशिक्षण में अमरकंटक की क्षेत्रीय महिलाओं को स्ट्रीट फूड वेंडर तथा हाउसकीपिंग के क्षेत्र में अपने भविष्य को संवारने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है।

अब तक अमरकंटक पर्यटन स्थल में एमपीटीबी तथा आईजीएस के माध्यम से यहां पर 15 छात्राएं बैग मेकिंग, 15 छात्राएं सेल्स रिटेल, 15 छात्राएं मल्टी टास्क स्टाफ, 15 छात्राएं कुकिंग स्किल, 20 छात्राएं स्ट्रीट फूड वेण्डर, 20 छात्राएं हाउस कीपिंग स्किल में प्रशिक्षित हो चुकी है । मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा यह प्रयास प्रदेश के 50 पर्यटन स्थलों पर ( 20 संकुलो) के माधयम से किया जा रहा है।

दो हाथी का समूह ने तोड़ा ग्रामीण का दरवाजा, वनरक्षक के प्रयास से बचा एक आदिवासी का परिवार


 अनूपपुर

दो हाथियों का समूह जो विगत चार दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में पूरी रात विचरण करता हुआ जैतहरी में स्थित मोजरबेयर प्लांट में पूरे दिन ठहरने बाद देर रात अमगवां,बेलिया गांव के किनारे से जैतहरी नगर के बेलिया फाटक मानसिंह धुर्वे जो अपने चार कमरे के ईट के बने मकान में पत्नी एवं दो बच्चों के साथ रह रहा है, रात 12 के लगभग अचानक आंगन मे दो हाथी घर के पास आकर घर का दोनों दरवाजा तोड़ दिया जिससे डरे एवं सहमे मानसिंह एवं उनकी पत्नी व 2 पुत्री 1 पुत्र घर के अंतिम कमरे में छिप कर अपनी जान बचाई इस बीच हाथी के घर में प्रवेश की सूचना मिलने पर गोवरी बीट के वनरक्षक कुंदन कुमार शर्मा ग्रामीणों के साथ आंगन में खड़े दोनों हाथियों को भगाने के लिए फटाखा फोड़कर हल्ला करने पर हाथी आंगन से निकलने पर मानसिंह के परिवार को सुरक्षित बचाया, वनरक्षक शर्मा के प्रयास के कारण एक परिवार हाथियों के अचानक आ जाने से चपेट में आते-आते बच सका, हाथियों द्वारा मानसिंह के आंगन एवं घर में रखें धान को आहार बनाते हुए पड़ोस मे सीमेंट की बाउंड्री तोड़ते हुये भोला सिंह गोड के खेत में लगे मसूर एवं अरहर की फसल को 3 बजे रात तक खाते रहे, जिसके बाद हाथी अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग एवं रेलवे लाईन, तिपाननदी पार कर नदी के ऊपर गोबरी पंचायत के बेलिया में रहे सुदामा कोल के कच्चे मकान को सात माह के मध्य पांचवीं बार तोड़ते हुए पूरी तरह नष्ट कर दिया, सुबह दोनों हाथियों का समूह अपने अस्थाई स्थल गोवरी बीट के कक्ष क्र,302 में ठेगरहा के जंगल की झुरहीतालाब नामक स्थल पर पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, अब हाथियों के निरंतर आतंक के कारण मानसिक रूप से परेशान हैं।

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