दो हाथी का समूह ने तोड़ा ग्रामीण का दरवाजा, वनरक्षक के प्रयास से बचा एक आदिवासी का परिवार
अनूपपुर
दो हाथियों का समूह जो विगत चार दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में पूरी रात विचरण करता हुआ जैतहरी में स्थित मोजरबेयर प्लांट में पूरे दिन ठहरने बाद देर रात अमगवां,बेलिया गांव के किनारे से जैतहरी नगर के बेलिया फाटक मानसिंह धुर्वे जो अपने चार कमरे के ईट के बने मकान में पत्नी एवं दो बच्चों के साथ रह रहा है, रात 12 के लगभग अचानक आंगन मे दो हाथी घर के पास आकर घर का दोनों दरवाजा तोड़ दिया जिससे डरे एवं सहमे मानसिंह एवं उनकी पत्नी व 2 पुत्री 1 पुत्र घर के अंतिम कमरे में छिप कर अपनी जान बचाई इस बीच हाथी के घर में प्रवेश की सूचना मिलने पर गोवरी बीट के वनरक्षक कुंदन कुमार शर्मा ग्रामीणों के साथ आंगन में खड़े दोनों हाथियों को भगाने के लिए फटाखा फोड़कर हल्ला करने पर हाथी आंगन से निकलने पर मानसिंह के परिवार को सुरक्षित बचाया, वनरक्षक शर्मा के प्रयास के कारण एक परिवार हाथियों के अचानक आ जाने से चपेट में आते-आते बच सका, हाथियों द्वारा मानसिंह के आंगन एवं घर में रखें धान को आहार बनाते हुए पड़ोस मे सीमेंट की बाउंड्री तोड़ते हुये भोला सिंह गोड के खेत में लगे मसूर एवं अरहर की फसल को 3 बजे रात तक खाते रहे, जिसके बाद हाथी अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग एवं रेलवे लाईन, तिपाननदी पार कर नदी के ऊपर गोबरी पंचायत के बेलिया में रहे सुदामा कोल के कच्चे मकान को सात माह के मध्य पांचवीं बार तोड़ते हुए पूरी तरह नष्ट कर दिया, सुबह दोनों हाथियों का समूह अपने अस्थाई स्थल गोवरी बीट के कक्ष क्र,302 में ठेगरहा के जंगल की झुरहीतालाब नामक स्थल पर पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, अब हाथियों के निरंतर आतंक के कारण मानसिक रूप से परेशान हैं।