कृषि महा विद्यालय खोलने हेतु बिसाहूलाल सिंह ने की पहल, केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर विशेष पैकेज की मांग
अनूपपुर
मध्यप्रदेश शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं अनूपपुर विधायक बिसाहू लाल सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र प्रेषित कर उद्यमिता विकास हेतु विशेष पैकेज की मांग की है।
श्री सिंह ने विकासात्मक दूरदर्शिता का एक बार फिर परिचय देते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान को पत्र लिख कर मांग की है कि म.प्र. और छत्तीसगढ़ के सीमा में अत्यंत पिछड़ा सीमावर्ती जिला अनूपपुर बसा हुआ है। जहाँ अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग व गरीब पिछड़े वर्ग के लोगों का निवास है। जिनका जीवन स्तर अभी भी प्राचीन काल से मिलता जुलता है। जिनके निवास के लिये आवास, भूमि, शिक्षा, कृषि संबंधित गतिविधियाँ, बुनियादी ढाँचा (सड़क, बिजली, पानी), स्वास्थ्य, कौशल विकास, रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा और उद्यमिता विकास का आभाव है। यहाँ कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिये कृषकों को सहायता, पशुपालन, मुर्गी पालन, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा, ऋण (क्रेडिट) और विपणन (मार्केटिंग), सिंचाई, स्वच्छता पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों मार्केट शेडो का निर्माण, सामाजिक विकास के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, कमजोर वर्गो (एस.टी./एस.सी./अल्पसंख्यकों) के लिये विशेष योजनाओं, आवास सामाजिक सुरक्षा, मनरेगा (जी राम जी योजना) कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वरोजगार, उद्यमिता विकास, शासन और सहकारिता के विकास हेतु जिला अनूपपुर को भारत सरकार के विकासत्मक पटल पर सम्मिलित कराते हुए विशेष पैकेज दिलाकर विकास कराये जाने की आवश्यकता है। केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि म.प्र. व छ.ग. के सीमावर्ती अति पिछड़ा जनजाति बाहुल्य जिला अनूपपुर को उपरोक्तानुसार विकास और मूलभूत सुविधाओं का लाभ उत्तरोत्तर उन्नति हेतु भारत सरकार से विशेष पैकेज दिलाये जाने का अनुरोध है।
इसके साथ ही उच्च कृषि शिक्षा हेतु बिसाहूलाल सिंह ने श्री चौहान का ध्यानाकर्षण किया है कि म.प्र. शासन में मुख्यमंत्री रहते हुए श्री चौहान द्वारा जिला अनूपपुर में ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में अनेकों ऐतिहासिक रचनात्मक कार्य किये गये है अनेकों गरीबी कल्याण योजनाएँ प्रारंभ की गई है। मध्यप्रदेश को कई बार कृषि के क्षेत्र कृषि कर्मण आवार्ड भी दिलाने का गौरव प्राप्त हैं किन्तु जनजातीय बाहुल्य शहडोल, डिण्डौरी व मण्डला अनूपपुर के मध्य निवास करने वाले गरीब अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के कृषकों के बच्चों को कृषि कार्य पर आधारित अत्याधुनिक शिक्षा आस-पास कृषि महाविद्यालय के नही होने से वंचित होना पड़ता है। गरीबी के कारण गरीब कृषक अपने बच्चों को बाहर भेजकर कृषि की शिक्षा प्रदान नहीं करा पाते है। यह क्षेत्र कृषि प्रधान व छत्तीसगढ़ से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है जिस कारण से जिला अनूपपुर में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की विशेष आवश्यकता है।
