स्पा के आड में अवैध गतिविधियों के संचालन के आरोप, धार्मिक नगरी में काले व्यवसाय से जन मानस में आक्रोश
उमरिया
जिले के धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात बिरसिंहपुर पाली में एनएच-43 सड़क किनारे स्थित रामपुर शुक्ला कॉम्प्लेक्स में संचालित स्पा सेंटर को लेकर एक नया विवाद सामने आया है।बताया जाता है की इस मामले को लेकर स्थानीय निवासी राजेश पाण्डेय ने इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिरसिंहपुर पाली को लिखित शिकायत करते हुए स्पा एवं सैलून की आड़ में अवैध गतिविधियां संचालित होने का आरोप लगाया है।शिकायत में कहा गया है कि बिरसिंहपुर पाली में जगत जननी आराध्य देवी बिरासनी माता एवं हरिहर भगवान का बहु प्रसिद्धि तीर्थ स्थल लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और आम नागरिकों का आना जाना सदैव सदा बना रहता है। ऐसे पवित्र स्थल पर एनएच-43 जैसे व्यस्त मार्ग पर स्थित कॉम्प्लेक्स में स्पा के आड में आपत्तिजनक गतिविधियों को संचालित कर धन कमाने की हवस ने स्पा सेंटर को हवस पूरी करने का अड्डा बना दिया है। इससे न सिर्फ सामाजिक मर्यादाओ का उल्लंघन हो रहा है अपितु धार्मिक नगरी की छवि पर भी घातक दाग लग रहें है। इन गतिविधियों के कारण स्थानीय नागरिकों में व्यापक स्तर पर असंतोष फैल रहा है और लोगों में भय का माहौल बन हुआ है।
शिकायत कर्ता राजेश पाण्डेय ने इन्ही सभी आशंकाओं को देखते हुए प्रशासन से मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो धार्मिक नगरी की छवि धूमिल होगी और असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ेगा। शिकायत की प्रतिलिपि एसडीएम पाली, कलेक्टर उमरिया और पुलिस अधीक्षक उमरिया को भी भेजी गई है।
वहीं इस पूरे मामले पर स्पा एवं सैलून सेंटर के मैनेजर चंदन मिश्रा ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। फोन पर बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके सेंटर में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियां संचालित नहीं होती हैं। उनका कहना है कि यह सेंटर हाल ही में शुरू हुआ है और कुछ लोग बिना कारण अफवाह फैला रहे हैं। चंदन मिश्रा के अनुसार स्पा एवं सैलून पूरी तरह नियमों के तहत संचालित है और यहां किसी भी तरह की आपत्तिजनक गतिविधि नहीं होती।
फिलहाल मामला प्रशासन के संज्ञान में है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन जांच के बाद क्या कदम उठाता है और आरोप सही पाए जाते हैं या इन्हें महज अफवाह मानकर खारिज किया जाता है। क्षेत्रवासियों की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
