तीन हाथियों ने धनगवां के जंगल में जमाया डेरा, रात में घर तोड़ा व फसल को किया नुकसान

तीन हाथियों ने धनगवां के जंगल में जमाया डेरा, रात में घर तोड़ा व फसल को  किया नुकसान


अनूपपुर

तीन हाथियों का समूह निरंतर आठ दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके के धनगवां बीट के जंगल में निरंतर डेरा जमाए हुए हैं जो शाम रात होते ही जंगल से लगे टोला,मोहल्ला में निकल कर ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में लगी फसलों को नुकसान कर रहा है, हाथियों के डर के कारण ग्रामीण जन रात रात भर जागकर रात बिताने को बाध्य है। 

अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील,थाना एवं वन परिक्षेत्र के  धनगवां बीट का जंगल में 8 दिनों से तीन हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से प्रवेश कर निरंतर विचरण कर रहा है जो दिन के समय धनगवां बीट के जंगल में प्रत्येक दिन अलग-अलग स्थान में ठहरकर विश्राम करने बाद देर रात होने पर ग्रामीण एवं वन विभाग की गस्ती दल को चकमा देते हुए आहार की तलाश में ग्रामीणों की संपत्ति का नुकसान करते हुए सुबह होते ही वापस जंगल में विश्राम करने चले जाते हैं, देर रात अचानक हाथी पहुंचकर घर में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे सामान को आहार बनाया, अचानक तीनों हाथी जंगल से निकल कर ग्राम पंचायत पड़रिया के चोई गांव के गोढाटोला में विश्वनाथ भरिया एवं तुला राठौर के मिट्टी एवं पत्थर से बने बाउंड्री बाल को तोड़ते हुए तुला पिता सरमन राठौर के खेत में लगे गेहूं की फसल को देर रात तक खाते रहे जो आसपास विचरण करते हुए मंगलवार की सुबह फिर से धनगवां बीट के जंगल महुआगोंड़ा के पास पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, सोमवार की रात गोंढाटोला में एक बच्ची परीक्षा के कारण घर में देर रात तक अध्ययन कार्य कर रही थी तभी अचानक उसे बाउंड्री वॉल टूटने की आहट मिलने पर बाहर निकल कर देखी थी तीन हाथी बाउंड्री तोड़कर रोड पर तुला राठौर के खेत में लगे गेहूं में पहुंचकर गेहूं को खाकर नुकसान किया, हाथियों के विचरण की सूचना पर वन विभाग का गस्ती दल मौके पर पहुंचकर हाथियों को गेहूं की फसल से एवं एक ग्रामीण के बांडी में घुसने पर बाहर किए जाने हेतु अनेकों बार पटाखा फोड़ कर भगाए जाने का प्रयास किया किंतु तीनों हाथियों पर पटाखा से कोई प्रभाव नहीं पड़ा तीनों हाथी पूरी मस्ती से मन लगाकर गेहूं की फसल को अपना आहार बनाते रहे हैं कुछ घंटे बाद तीनो हाथी गांव में नाला के पास स्थित लिप्टिस एवं बांस प्लांटेशन में घुसकर आराम करते हुए सुबह होते ही फिर से जंगल की ओर चले गए।

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