पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,अधिकारियों की मिलीभगत से विकास कार्यों के नाम पर राशि का बन्दर बांट

पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,अधिकारियों की मिलीभगत से विकास कार्यों के नाम पर राशि का बन्दर बांट

*कार्य के गुणवत्ता के मानकों की उड़ी धज्जियां*


उमरिया 

जिले की आदिवासी जनपद पंचायत पाली में विकास कार्यों के नाम पर शासकीय राशि का व्यापक दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायतें आम हो चुकी है। इस ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर आहरित  शासकीय धन राशि का आकलन करने पर पता चलता है कि पिछले पंचवर्षीय से लेकर अब तक करोड़ों रूपये पानी में बह गये और उनकी जगह पर टूटी - फूटी क्राकींट सडकें, गुणवत्ता हीन जर्जर पुलिया, आधी -अधूरी विद्यलयों की बांऊण्डी बाल, तालाबों के नाम पर व्यापक रूप से अनियमितता कर राशि का घालमेल किया गया है।पंचायत दर्पण एप का ही एक बार अवलोकन करने पर पंचायत स्तर पर विकास कार्यों के नाम पर चल रही कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के खेल का मामला हर एक को हैरान कर देगा।

निर्माण कार्यों की इबारत बता रही हैं की यह एक ऐसी ग्राम पंचायत है जहाँ पर वर्ष 2016 के  कार्य आज भी प्रगति रत बताये जाते हैं, जबकि यह प्रगति मूल रूप से यह दर्शा रही हैं की इन विकास कार्यों के नाम पर शासकीय धन राशि का आहरण किया गया है और निर्माण के नाम पर धुंधले बिलों को लगा कर लाखों का वारा न्यारा किया गया है। एक कार्य पूरा नहीं हुआ और उसी कार्य स्थल के लिए कार्य स्वीकृति कर के शासकीय धन राशि व्यय की जा रही है।

ध्यान देने योग्य है कि कुरकुचा ग्राम में क्रांकीट सडक निर्माण कार्य स्वीकृति दिनांक 15-8-2016 राशि पांच लाख रूपये राज्य वित्त आयोग जो की जिला पंचायत स्तर से प्राप्त हुई थी, जिसे सूरज सिंह के घर से राम कृपाल सिंह की घर की ओर बनायी जानी हैं, वह तो आज भी निर्माणाधीन है ही उस पर हुये भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सी सी सडक सह नाली निर्माण कार्य के नाम पर पांचवा वित्त से स्वीकृति दिनांक 14-4-2025 से राशि  293000.00 आहरित कर कार्य कराया जा रहा है।खेद जनक कहा जाता है कि यह सी सी सडक सह नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसकी गुणवत्ता के मानकों की धज्जियां उड़ा कर रख दी गई।

ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों को गुणवत्ता पुर्ण संपन कराने की जिम्मेदारी सबंधित क्षेत्र में पदस्थ उपयंत्री की होती है, ताकि निर्माण कार्य तय मानकों के अनुरूप हो और शासकीय धन राशि का यथेष्ट रूप से सदुपयोग हो, लेकिन इस कार्य क्षेत्र में पदस्थ उपयंत्री का भगवान ही मालिक है, न कभी जनपद पंचायत में दिखाई देती न फील्ड में। घर बैठकर डियूटी पूरी की जा रही है। हैरत अगेज है कि इन उपयंत्री महोदय की कार्य क्षेत्र के भ्रमण के दौरान तीन ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य चल रहा है पर यह तीनों निर्माण कार्य क्षेत्र में नहीं मिली, जनपद पंचायत में भी नहीं,तो इनकी सेवा कैसे पूरी हो रही है इनके कार्य क्षेत्र की  ग्राम पंचायतों में व्यापक पैमाने पर फैली वित्तीय अनियमिताओ से पता चलता है, पंचायतों में व्याप्त धांधलियो का असली राज क्या है। 

*उपयंत्री से निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी लेने के लिए जनपद पंचायत से प्राप्त दूरभाष नंबर पर लगातार उनसे  संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।*

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