पवित्र नगरी अमरकंटक शीतलहर की चपेट में एक सप्ताह से जम रही बर्फ, रुई के समान कांच की तरह जमी सफेद चादर
अमरकंटक।
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में विगत एक सप्ताह से भीषण ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है। तापमान लगातार शून्य के करीब बना हुआ है और ठंड नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर दिखाई दे रही है। बीते छह दिनों से लगातार बर्फ जमने की स्थिति बनी हुई है, जिससे संपूर्ण नगर शीतलहर की गिरफ्त में आ गया है।
मां नर्मदा नदी के रामघाट उत्तर एवं दक्षिण तट, आसपास के खुले मैदानों तथा इंद्रदमन तालाब क्षेत्र में घास, फूल और पत्तियों पर रुई के समान सफेद बर्फ जमती नजर आ रही है। रामघाट दक्षिण तट के पार्क एवं मैदानों की घास पर बर्फ की सफेद चादर बिछी रहती है, जो सुबह के समय कांच की तरह चमकती दिखाई देती है। दिन में भी ठंड का असर स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है। वर्तमान में दिन का तापमान जहां 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, वहीं रात्रि में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच जा रहा है। दिन और रात के तापमान में लगभग 20 डिग्री सेल्सियस का अंतर होने से ठंड का असर और अधिक बढ़ गया है।
भीषण ठंड के चलते गरीब, मजदूर एवं श्रमिक वर्ग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं नर्मदा परिक्रमा पर निकले साधु-संत एवं परिक्रमावासी भी इस ठंड से प्रभावित हैं। इसके बावजूद पर्यटक, तीर्थ यात्री एवं भक्त श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है और नर्मदा दर्शन व परिक्रमा का क्रम निरंतर जारी है।
ठंड के इस कठिन समय में सेवा और संवेदना का भाव भी देखने को मिल रहा है। दूरस्थ अंचलों से आए संपन्न भक्त श्रद्धालुओं एवं समाजसेवियों द्वारा गरीब, अनाथ एवं असहाय लोगों को ऊनी कंबल, शॉल एवं गर्म वस्त्र वितरित किए जा रहे हैं। वहीं स्थानीय प्रशासन एवं नगर परिषद अमरकंटक द्वारा नगर के विभिन्न स्थानों पर ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है। कुल मिलाकर पवित्र नगरी अमरकंटक इन दिनों भीषण ठंड, बर्फबारी जैसी स्थिति और आस्था की गर्माहट—तीनों का अनूठा संगम प्रस्तुत कर रही है।
