नगर परिषद बरगवा में राज्यपाल के गजट आदेश की खुली अवहेलना, बिना स्वीकृति नाम बदलना गलत

नगर परिषद बरगवा में राज्यपाल के गजट आदेश की खुली अवहेलना, बिना स्वीकृति नाम बदलना गलत

*नप अध्यक्ष सीएमओ की सहमति पर गंभीर सवाल*


अनूपपुर

नगर परिषद बरगवा (अमलाई) में इन दिनों एक बड़ा प्रशासनिक तूफ़ान खड़ा हो गया है। स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और क्षेत्रीय प्रतिनिधि नगर परिषद प्रशासन पर यह गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि उसने राज्यपाल द्वारा जारी अधिकृत गजट अधिसूचना को दरकिनार करते हुए कही कही नगर परिषद का नाम बदलकर “नगर परिषद बरगवा देवहरा अमलाई” के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। जय इस बात की जानकारी नगर परिषद अध्यक्ष, सीएमओ व पार्षदों को नही है क्या, अगर इनकी जानकारी में है तो इन पर सवाल उठना लाजमी है। क्या ये लोग कानून के भी ऊपर है।

यह कदम बिना किसी कानूनी प्रक्रिया, बिना अनुमोदन और बिना राज्यपाल की स्वीकृति के लिए गए “मनमाने निर्णय” के तौर पर देखा जा रहा है, जिसने नगर क्षेत्र में गहरा प्रशासनिक संकट खड़ा कर दिया है। नगर परिषद का नाम बदलना एक सामान्य प्रशासनिक कार्य नहीं है, बल्कि यह एक संवैधानिक रूप से नियंत्रित प्रक्रिया है।

कानून के अनुसार किसी भी नगर निकाय का नाम बदलने के लिए इन चरणों का पालन अनिवार्य है, जिसमे नगर परिषद का आधिकारिक प्रस्ताव,नगरीय प्रशासन विभाग की स्वीकृति,मंत्रिमंडल (कैबिनेट) का अनुमोदन, राज्यपाल की अनुमति और अंत में गजट अधिसूचना, इन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरकर ही नया नाम कानूनी और वैध माना जाता है।।

लेकिन स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बरगवा में इनमें से एक भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, फिर भी नया नाम कुछ गाड़ियों, बोर्डों और चुनिंदा स्थानों पर तेजी से उपयोग में लाया जा रहा है। क्षेत्र के निवासियों ने कहा कि यह मामला केवल नाम बदलने का नहीं है बल्कि राज्यपाल के अधिकारों और गजट आदेश की अवमानना का मामला है।

लोग सवाल उठा रहे हैं “क्या प्रशासन राज्यपाल के आदेशों से ऊपर है। नागरिकों का कहना है कि यदि राज्यपाल की अनुमति के बिना कोई अधिकारी नया नाम लागू करता है, तो यह कानून व्यवस्था को चुनौती देने जैसा है। नागरिकों ने बताया कि नया नाम अभी केवल कुछ जगहों और कुछ सरकारी  वाहनों पर उपयोग किया जा रहा है।

सबसे हैरानी की बात यह है कि इतना गंभीर मामला सामने आने के बावजूद नगर परिषद प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।न कोई आदेश की प्रति,न कोई मंजूरी पत्र,न कोई प्रस्ताव की स्थिति,न कोई सफाई कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

इनका कहना है।

नगर परिषद का नाम बरगवां (अमलाई) है, अगर नगरपरिषद के गाड़ियों में नगरपरिषद बरगवां (अमलाई) देवहरा लिखा गया है तो वह गलत है।

*पवन कुमार चीनी पार्षद वार्ड़ 04 बरगवां (अमलाई)*

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