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पुलिस ने 7 नग भैंसा को किया जप्त, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज
अनूपपुर
कोतवाली अनूपपुर पुलिस द्वारा 07 नग भैंसा को क्रूरता पूर्वक पैदल हांककर ले जाने वाले आरोपियो से 03 नग भैंस एवं 04 नग पड़ा जप्त किया जाकर 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कोतवाली अनूपपुर पुलिस को शिव मारूति युवा संगठन अनूपपुर के कार्यकर्ताओ से सूचना प्राप्त हुई कि न्यू सब्जी मण्डी माडल स्कूल रोड होकर तीन चार व्यक्ति मिलकर 06-07 नग भैंस एवं पड़ा लेकर मारते पीटते तथा खींचते हुए क्रूरतापूर्वक ले जा रहे है। जिस पर थाना प्रभारी कोतवाली टी.आई. अरविन्द जैन के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक कमलेश तिवारी, प्रधान आरक्षक राजकुमार साहू, आरक्षक अमित यादव की टीम द्वारा संगठन के सदस्यों की उपस्थिति में कार्यवाही कर न्यू सब्जी मण्डी माडल स्कूल रोड में आरोपी दुर्गा दास महरा पिता लल्ला महरा उम्र 26 वर्ष, कबीरदास महरा पिता चोखेलाल महरा उम्र 26 वर्ष, सागर महरा पिता पुरूषोत्तम महरा उम्र 24 वर्ष एवं रोहित बैगा पिता समयलाल बैगा उम्र 30 वर्ष सभी निवासी ग्राम हथगला थाना बुढार जिला शहडोल के कब्जे से 07 नग मवेशी जिसमें 03 नग भैंस एवं 04 नग पड़ा कुल कीमती 72000 रूपये के जप्त किया जाकर आरोपीगणो के विरूद्ध धारा 11 (1)घ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही कर आरोपीगणो के विरूद्ध अपराध क्रमांक 517/25 धारा 11 (1)घ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही की जा रही है। पुलिस द्वारा जप्तशुदा पशुओं का पशु चिकित्सक से मेडिकल परीक्षण कराया गया है।
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पीआरटी महाविद्यालय में “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने पर स्मरणोत्सव का हुआ भव्य आयोजन
अनूपपुर
राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” की रचना को 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पीआरटी महाविद्यालय, अनूपपुर में “वंदे मातरम्–150वाँ स्मरणोत्सव” कार्यक्रम का आयोजन उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। यह आयोजन राष्ट्रभक्ति, एकता और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना को पुनः जागृत करने वाला रहा। महाविद्यालय के छात्र–छात्राओं द्वारा राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” का सामूहिक गान किया गया, जिससे पूरा परिसर देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो उठा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शासकीय तुलसी महाविद्यालय, अनूपपुर के प्राध्यापक डॉ. नीरज श्रीवास्तव उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में “वंदे मातरम्” की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके माध्यम से देश की स्वतंत्रता संग्राम में आई चेतना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारतवासियों की आत्मा का स्वर है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के संचालक डॉ. देवेंद्र कुमार तिवारी उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह दिन हमें अपने देश, अपनी संस्कृति और अपने राष्ट्रगौरव की पहचान कराता है। “वंदे मातरम्” जैसी अमर रचनाएँ भारतीयता की आत्मा हैं, जो हर पीढ़ी को देशभक्ति के पथ पर अग्रसर करती हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं — जिनमें देशभक्ति गीत, कविता-पाठ, भाषण और समूह गान प्रमुख रहे। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत “भारत माँ के गौरवगान” पर आधारित समूह नृत्य को सभी ने सराहा। कार्यक्रम में “वंदे मातरम्” के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन और योगदान पर भी विशेष प्रस्तुति दी गई, जिसमें बताया गया कि कैसे 1875 में लिखी गई यह रचना भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा बनी। इस आयोजन में लगभग 150 विद्यार्थी सम्मिलित हुए। सभी ने अत्यंत उत्साह और अनुशासन के साथ भाग लिया। विद्यार्थियों ने यह संकल्प लिया कि वे देश की एकता और अखंडता के लिए सदैव समर्पित रहेंगे।
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श्रद्धालुओं ने नर्मदा मंदिर में पूजन-अर्चन, गाजे-बाजे के साथ प्रारंभ की पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा
अनूपपुर
पवित्र नगरी अमरकंटक में आज गुरुवार, 6 नवंबर 2025 (अगहन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, भरणी नक्षत्र) को पतित पावनी मां नर्मदा की पांच दिवसीय पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली से पहुंचे सैकड़ों भक्त श्रद्धालुओं ने नर्मदा मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद गाजे-बाजे, भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ परिक्रमा यात्रा प्रारंभ की।
यह पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा 10 नवंबर 2025 (सोमवार, अगहन कृष्ण पक्ष पंचमी-षष्ठी, पुनर्वसु नक्षत्र) को नर्मदा उद्गम मंदिर में हवन, पूजन-अर्चन, आरती और भंडारे के साथ सम्पन्न होगी। परिक्रमा में लगभग 1000 से अधिक महिला-पुरुष श्रद्धालु भाग ले रहे हैं, जो भक्ति और उत्साह से ओत-प्रोत होकर मां नर्मदा के जयघोष करते हुए यात्रा पर निकले हैं। इस धार्मिक यात्रा में मध्य प्रदेश के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए हैं।
यह परिक्रमा परंपरा स्वर्गीय जगदीश प्रसाद तिवारी द्वारा आरंभ की गई थी, जिसे उनके सुपुत्र पंडित शिवकुमार तिवारी पिछले लगभग 25 वर्षों से अनवरत रूप से संचालित कर रहे हैं। परिक्रमा का प्रथम पड़ाव नर्मदा माई की बगिया में हुआ, जहां श्रद्धालुओं ने रात्रि विश्राम और मां नर्मदा का ध्यान-पूजन किया। शुक्रवार को द्वितीय दिवस की शुरुआत स्नान-पूजन और भजन-संकीर्तन से होगी, जिसके उपरांत श्रद्धालु अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेंगे।
श्रद्धालु इस पांच दिवसीय यात्रा में पैदल ही वन क्षेत्र के उबड़-खाबड़ मार्ग, नदी-नालों को पार करते हुए मां नर्मदा के नाम का जाप करते चलते हैं। परिक्रमा स्थलों पर सीमित सुविधाओं के बावजूद भक्तगण श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन के साथ मां नर्मदा की आराधना में लीन रहते हैं।
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वंदे मातरम् का 150वां स्मरणोत्सव देश के नायकों, एवं बलिदानियों को नमन करने का दिन
शहडोल
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोंत्सव के अवसर पर जिला मुख्यालय शहडोल के पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय के पुराने कैम्पस के समीप स्थित शहीद स्मारक में देश की आजादी के नायकों एवं बलिदानियों तथा शहडोल नगर के शहीद सैनिक देवेन्द्र सोनी की प्रतिमा पर प्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल, विधायक जयसिंहनगर मनीषा सिंह, पूर्व विधायक प्रमिला सिंह, जिला योजना समिति की सदस्य अमिता चपरा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उपस्थित जन समूह द्वारा डॉ. दशमीत कौर अरोरा के स्वर से स्वर मिलाते हुए राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया गया।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के दमन के कारण देश में जो शून्यता आई थी उसे बंकिमचन्द्र चटर्जी ने आनन्दमठ उपन्यास में वंदे मातरम् गीत की रचना कर एक बार पुनः स्वतंत्रता सेनानियों में देश की स्वतंत्रता के लिए जोश भर दिया। यह महागीत राष्ट्रप्रेम की जागरूकता का गीत बन गया है। आजादी के दीवानों ने देश को स्वतंत्र कराने के लिए लाठियां खाई, गोली खाई, फांसी पर चढ़े और देश को स्वतंत्र कराकर ही दम लिया। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् देश की आजादी के पूर्व एवं स्वतंत्रता के बाद के सपनों का भारत बनाने का माध्यम बन गया है। हम सबको स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग एवं बलिदान को याद करते हुए उनके सपनों का भारत बनाने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत है।
राज्य मंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र हर घर स्वदेशी- घर घर स्वदेशी अभियान को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अमलीजामा पहनाने का कार्य आप सबके सहयोग से ही संभव है। आपने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा जीएसटी में छूट देने तथा देश वासियों द्वारा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। त्यौहारों के दौरान 88 प्रतिशत लोगों द्वारा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाया गया है। देश की स्वतंत्रता में भी स्वदेशी आन्दोलन का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। विधायक मनीषा सिंह ने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के हर शब्द में मां भारती के प्रति श्रृद्धा त्याग और वीरता की भावना निहित है। हम सबको इस गीत की भावना को आत्मसात कर देश की एकता, अखंडता और प्रगति के लिए सदैव समर्पित भाव से कार्य करना चाहिए।
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अभाविप द्वारा पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में व्याप्त समस्याओं को लेकर तालाबंदी कर किया घेराव
शहडोल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शहडोल नगर के कार्यकर्ताओं द्वारा पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में लगातार हो रही अनियमितताओं एवं समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय के गेट पर तालाबंदी कर घेराव किया। नगर मंत्री अमन त्रिपाठी का कहना है कि विश्वविद्यालय में लगातार छात्र अपनी समस्याओं को लेकर परेशान होता रहता है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मूक दर्शक बनकर बैठा हुआ है, समस्याओं को लेकर विद्यार्थी परिषद तीन घंटों तक आंदोलन को जारी रखा। विश्वविद्यालय की प्रमुख समस्याओं जैसे- विश्वविद्यालय द्वारा UG प्रथम वर्ष की परीक्षाए तो अगस्त माह में संपन्न हुई, परंतु आज तक परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया, जिसे तत्काल रूप से जारी किया जाए ,विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद बैठक में खेल विभाग के लिए खेल सामग्री एवं विश्वविद्यालय के शहडोल स्थित कैंपस में खेल मैदान के चारों तरफ बाउंड्री वॉल की ऊंचाई बढ़ाने के लिए ओर पुराने छात्रावास के भवन के जीणोद्धार के लिए राशि का आवंटन होने के बाद भी आज तक किसी भी रूप से कार्यवाही नहीं की गई, जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्यवाही की जाए। विश्वविद्यालय द्वारा कुछ दिन पूर्व पुरुष कबड्डी की टीम इंदौर विश्वविद्यालय से खेलने में गई, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें न तो ट्रैकशूट दिया गया और न ही टीए (यात्रा भत्ता) दिया गया, जिसमें खिलाड़ियों ने स्वयं के व्यय से अपनी यात्रा की जिसे उन्हें वापस किया जाए और उन्हें ट्रैक शूट प्रदान किया जाए।
विश्वविद्यालय के प्रत्येक अंतर विश्वविद्यालय खेलों में विश्वविद्यालय की टीमों का प्रतिनिधित्व पूरी किट और टीम मैनेजर, कोच के साथ हो, यह है कि विश्वविद्यालय का नवीन सत्र प्रारंभ हो चुका है, परंतु आज तक विश्वविद्यालय ने अपना वार्षिक कैलेंडर जारी नहीं किया, जिसे संज्ञान में लेते हुए वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाए, जिससे आगामी होने वाले कार्यक्रम की जानकारी विद्यार्थियों तक प्राप्त होती रहे, विश्वविद्यालय में पर्याप्त प्राध्यापक होने के बाद भी नियमित कक्षायें संचालित नहीं होती, जिसे संज्ञान में लेते हुए नियमित कक्षायें प्रारंभ की जाए, एग्रीकल्चर की नियमित कक्षायें व जो परीक्षा एक सेमेस्टर लेट चल रही उसे समय पर कराने का प्रयास किया जाए, विश्वविद्यालय के शहडोल स्थित कैंपस में नियमित सीनियर प्रोफेसर जो कि अपनी मनमर्जी से क्लास लेते है, ऐसे लोगों चिन्हित कर उन पर कार्यवाही हो,वविश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2025-26 में हुए बीए के प्रवेश में प्रवेश फीस में बिना किसी पूर्व सूचना के 550 रुपए की वृद्धि की गई थी। जिसे बीए के नामांकन में समाहित किया जाए, विश्वविद्यालय में लगभग 15000 छात्र छात्राएं अध्यनरत है, और प्रत्येक विद्यार्थी से बस की फीस ली जाती है, जिसको ध्यान में रखते हुए बसों की संख्या में वृद्धि की जाए एवं बसों में सीटों के अनुसार बैठाया जाए। विश्वविद्यालय में स्किल सब्जेक्ट पढ़ाने हेतु प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए। कैंपस के अंदर आए दिन बाहरी असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट गाली गलौज की जाती है जिसमें परिसर प्रभारी का कोई ध्यान नहीं रहता जिसको देखते हुए परिसर प्रभारी को बदला जाए, इन सभी मांगों को लेकर आज विद्यार्थी परिषद शहडोल नगर के कार्यकर्ता एवं विश्वविद्यालय के छात्राओं द्वारा किया गया।
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खाली मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरी, मेंटिनेंस की कमी के कारण हो रहा है हादसा
शहडोल
जिले के अमलाई स्थित ओरियंट पेपर मिल में माल अनलोड कर वापस जा रही मालगाड़ी के डिब्बे फिर से डिरेल हो गए। सप्ताह भर के भीतर यह उक्त रेल मार्ग में दूसरी घटना है। यह घटना शुक्रवार तड़के साढ़े 5 बजे उस समय हुईं, जब मालगाड़ी ओरियन्ट पेपर मिल से माल अनलोड कर वापस अमलाई रेलवे स्टेशन मेन लाइन की ओर आ रही थी। घटना के बाद लोको पायलट द्वारा इसकी सूचना वारिष्ठ अधिकारियों को दी गई। इस डिरेल में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। पता चला है कि मिल के अंदर तक जाने वाली रेल लाइन का रख रखाव व मेंटेनेन्स की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन की है, लेकिन एक लम्बे अर्से से उक्त रेल ट्रैक का मेंटेनेन्स नहीं कराया गया है। जिस कारण सप्ताह भर के भीतर यह दूसरी घटना घटित हो गईं।
रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार कभी-कभी तकनीकी खामियों के कारण ऐसी घटना होती हैं। घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत सुधार कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त रेल ट्रैक काफी पुराना हो चुका है, जिससे पटरियां काफी घिस चुकी हैं। संभवतः इसी कारण आए दिन यहां ऐसा हादसा हो रहा है। मिल प्रबंधन को चाहिए कि उक्त रेल ट्रैक का शीघ्र मेंटेनेन्स कराएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे कि पुनरावृत्ति न होने पाए।
एक सप्ताह पहले अमलाई स्थित ओरियंट पेपर मिल में माल लेकर जा रही एक मालगाड़ी के डिब्बे के दो पहिए अचानक पटरी से उतर गए थे ।घटना तब घटी जब मालगाड़ी बुढ़ार-अनूपपुर मुख्य मार्ग से गुजर रही थी। घटना के समय फाटक बंद था, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।घटनास्थल के निकट खड़े राहगीरों ने इस अप्रिय घटना का वीडियो बना लिया था।जो सामने आया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि मिल प्रबंधन सही ढंग से पटरी का रखरखाव नहीं करता है और कई साल पुराने ट्रैक पर माल गाड़ियों का आना-जाना आज भी बरकरार है। जिससे आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रबंधन को इस पर जल्द सही कदम उठाना चाहिए। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार यह ट्रैक मिल प्रबंधन का निजी ट्रैक है।
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पटवारियों का वेतन बहाली का आदेश प्रसारित किये जाने के संबंध में कमिश्नर को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर
कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा संदर्भित आदेशानुसार लोक सेवा के समय सीमा बाह्य प्रकरणों के निराकरण न होने एवं वांछित प्रगति नही होने का एकमात्र जिम्मेदार केवल पटवारियों को मानते हुए आगामी आदेश तक के लिए कलेक्टर अनूपपुर द्वारा दिनांक 29/09/2025 को वेतन आहरण पर रोक लगा दिया गया था, जिसमें माह सितंबर व अक्टूबर का वेतन अप्राप्त है, जो आज तक लागू है।
एक कर्मचारी के वेतन से कर्मचारी का परिवार जिसमें वृद्ध माता-पिता, बच्चे होते है, सभी का भरण-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य इत्यादि जिम्मेदारी का निर्वहन होता है। सितंबर माह से वेतन न मिलने के कारण हिन्दू धर्मावलंबियों, का प्रमुख त्यौहार दशहरा, करवा चौथ, दीपावली फीका रहा। लोक सेवा के प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण न होने का एकमात्र दोषी जिले के समस्त पटवारियों को मानना व पूरे जिले के पटवारियों का वेतन रोकना किसी भी दृष्टि से विधि सम्मत नही है व प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के विपरीत है।
यह कि वेतन रोके जाने के उपरांत भी जिला अनूपपुर अंतर्गत पटवारियों द्वारा समस्त विभागीय कार्यों का निर्वहन न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिवेदन प्रेषित करना, जनसुनवाई, जनाकांक्षा, सी.एम. हेल्पलाईन आवेदनों के संबंध में निराकरण करना, निर्वाचन संबंधी कार्य एवं आपदा की स्थिति में सर्वे एवं क्षति प्रकरण तैयार करना आदि कार्य सुचारू रूप से किए जा रहे है। उपरोक्त संबंध में वेतन बहाल किये जाने हेतु जिलाध्यक्ष म.प्र. पटवारी संघ जिला अनूपपुर के द्वारा अनूपपुर कलेक्टर के समक्ष दिनांक 03/11/2025 को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसका निराकरण आज दिनाँक तक नही हो पाया है।
संभाग के समस्त पटवारी ने कमिश्नर से उक्त कार्यवाही को संज्ञान में लेते हए जिला अनूपपुर अंतर्गत 2022 वारियों का माह सितंबर व अक्टूबर 2025 का वेतन बहाली आदेश व भुगतान कराये जाने की मांग की है। उक्त A के संबंध में तीन दिवस में निराकरण न होने की स्थिति में संभाग शहडोल के समस्त पटवारी आंदोलन हेतु बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
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सियार के हमले से मां पुत्र घायल
अनूपपर
जिले के जैतहरी तहसील अंतर्गत सुलखारी गांव में शुक्रवार की दोपहर घर के पीछे बांड़ी में खेती का काम कर रही 70 वर्षीया रूक्मणी पति सोनसाय एवं 55 वर्षीय पुत्र समयलाल पर एक जंगली सियार ने अचानक हमला कर घायल कर दिये जाने पर परिजनों द्वारा दोनों घायलो को जिला चिकित्सालय अनुसार लाकर उपचार कराया है,घटना की जानकारी वेंकटनगर वनविभाग को दी गई है।
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आम जनता का कार्य प्रभावित होने व लापरवाही परिलक्षित होने पर संबंधितों के विरुद्ध होगी कार्यवाही
अनूपपुर
शासकीय अमले की जवाबदेही तथा पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में ई-अटेंडेंस स्वचालित प्रणाली स्थापित की गई है। जिसका विभिन्न विभागों के शासकीय सेवकों द्वारा उपयोग कर सकारात्मक परिणाम भी परिलक्षित किए जा रहे हैं। परंतु जिले के अनेक हल्का पटवारियो द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति सजग न रह इस प्रणाली के लागू होने का विरोध जताया जा रहा है। मैदानी अमले की क्षेत्र में अनुपस्थित से कार्य में वृद्धि नहीं देखी जा रही है।
जबकि ई-अटेंडेंस प्रणाली का कोतमा तहसील के पटवारी बेहतर उपयोग कर कर्तव्य परायणता से जनता की सेवाओं में वृद्धि व गुणवत्ता परीक्षित कर रहे है। राजस्व विभाग के कोतमा तहसील के पटवारियो द्वारा ई-अटेंडेंस प्रणाली को अपनाया गया है परिणाम स्वरूप कोतमा तहसील के 22 पटवारी के द्वारा निरंतर ई-अटेंडेंस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
पटवारी की हल्का में उपस्थित से राज्य शासन की मंशानुरूप कार्यों में बढ़ोतरी के साथ-साथ लक्ष्य पूर्ति के प्रयास परिलक्षित दिखाई पड़ रहे हैं ई-अटेंडेंस लगाने वाले पटवारी के वेतन आहरण किया गया है। कुछ पटवारियो द्वारा ई-अटेंडेंस प्रणाली का विरोध किया जा रहा है। जिसे जिला प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया गया है। राज्य शासन द्वारा लागू की गई ई-अटेंडेंस प्रणाली का निर्देशानुसार पालन न करने पर संबंधित पटवारी के द्वारा आम जन के कार्यों को प्रभावित करने तथा कार्यों में लापरवाही बरतने पर वेतन आहरण न करने के साथ ही पारदर्शी व जवाब देही के इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले शासकीय सेवकों के प्रति कार्यवाही की जाएगी।