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इलाज के बाद मरीज की हुई मौत, डॉक्टर अंसारी की कार्यशैली में उठे सवाल, बिना पुलिस सूचना के शव पहुंचाया घर
*इरशाद मेमोरियल हॉस्पिटल कोतमा का मामला*
अनूपपुर
कोतमा। नगर के वार्ड क्रमांक 3 पुराना भारतीय स्टेट बैंक और गांधी चौक के बीच इरशाद मेमोरियल हॉस्पिटल कोतमा में स्थित अंसारी क्लीनिक एक बार फिर चर्चा में है। जानकारी के अनुसार कटनी निवासी 34 वर्षीय अनंत वर्मन, जो वर्तमान में बदरा जमुना तिराहा में किराए के मकान में रह रहा था, की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई। बताया गया है कि अनंत की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे इलाज के लिए कोतमा नगर में स्थित वार्ड क्रमांक 3 के इरशाद मेमोरियल हॉस्पिटल कोतमा डॉक्टर अंसारी के क्लीनिक लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे कुछ दवाएं दीं और एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद मरीज की क्लीनिक में मौत हो गई।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना पुलिस को सूचना दिए मामले को दबाने का प्रयास किया और शव को जल्दबाज़ी में किराए के मकान बदरा जमुना तिराहा पहुंचा दिया गया। लोगों ने इस घटना पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत की निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार, क्लीनिक संचालक द्वारा पुलिस को बिना जानकारी दिए शव को स्थानांतरित करना कानूनन गलत है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि पुलिस नगर में लगे सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच करे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि घटना कैसे और किन परिस्थितियों में हुई। इस पूरे प्रकरण ने स्वास्थ्य सेवाओं और निजी क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर भी कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यदि जांच में लापरवाही या छिपाने का प्रयास पाया जाता है, तो संबंधित डॉक्टर और क्लीनिक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
स्थानीय नागरिकों की मांग की है की घटना की न्यायिक जांच हो, अंसारी क्लीनिक के कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाए, सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए
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मृत बेबी मंकी को सीने से लगाकर घूमती रही माँ, अज्ञात वाहन ने मारी थी ठोकर
अनूपपुर
जिले के राजेन्द्रग्राम के किरर घाटी क्षेत्र में बंदरों की भारी तादाद रहती है। यहां से गुजरने वाले राहगीर अक्सर इन बंदरों को केले और खाने की चीजें देकर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन यह इलाका उस वक्त भावुकता से भर गया, जब किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से एक नन्हे बंदर की मौत हो गई। उसकी मां उस दर्दनाक हादसे से अनजान अपने मृत बच्चे को सीने से चिपकाए कभी सड़क किनारे बैठ जाती, कभी खाने की तलाश में इधर-उधर घूमती रही। बच्चे के मुंह तक केले का टुकड़ा ले जाकर खिलाने की कोशिश करती रही।
राहगीरों दीपक मांझी लालू भैय्या ने बताया कि वह बंदरिया कभी केले का टुकड़ा खुद खाती, तो कभी अपने बच्चे के मुंह तक ले जाकर खिलाने की कोशिश करती रही। उसका यह मातृत्व भाव देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। जिस बच्चे ने दम तोड़ दिया था, उसे भी उसने अपने से जुदा नहीं किया। वह अपने मृत बच्चे को प्यार से सहलाती, मानो उसकी सांसें फिर लौट आएंगी।
इस हृदय विदारक नजारे को देखकर वहां मौजूद लोगों ने मां शब्द की असली ताकत महसूस की। कई लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। लोगों का कहना है कि यह तस्वीर सिर्फ एक बंदरिया और उसके बच्चे की नहीं, बल्कि मां की ममता की उस अमर कहानी की झलक है जो इंसान हो या जानवर, हर हृदय में समान रूप से बसती है। किरण घाटी का यह मंजर अब लोगों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित हो गया है। एक मां का अटूट प्रेम, जो मृत्यु के बाद भी अपने बच्चे से जुदा नहीं हुआ।
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तीन भैस हुई चोरी, कर्ज के बोझ में दबा परिवार, रोजी रोटी का सहारा हुआ खत्म, न्याय की मांग
अनूपपुर
जिले के नगर परिषद बरगवां के अमलाई अंतर्गत गांधीनगर मोहल्ले में रहने वाले गरीब सोनी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के मुखिया शैलेंद्र सोनी की तीन भैंसें रहस्यमयी तरीके से चोरी हो गईं, जो उसके पूरे परिवार की जीवनरेखा थीं। इन भैंसों के दूध से ही परिवार का गुजर-बसर चलता था, लेकिन अब रोज़ी-रोटी का यह सहारा पूरी तरह खत्म हो गया है।
जानकारी के अनुसार, 2 नवंबर को शैलेंद्र सोनी की एक भैंस मोहल्ले से बाहर चरने के दौरान अचानक गायब हो गई। परिवार ने पहले अपने स्तर पर काफी खोजबीन की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला, चचाई थाना जाकर चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई। शैलेंद्र ने बताया कि उसकी तीनों भैंसें लाखों रुपए की थीं, जिन्हें उसने बैंक और स्थानीय लोगों से कर्ज लेकर खरीदा था। इन भैंसों से मिलने वाले दूध की बिक्री से ही पूरे परिवार का पेट पलता था।
शैलेंद्र का कहना है कि मेरे पास और कोई आमदनी का साधन नहीं है। भैंसों के दूध से ही परिवार चलता था। अब सब कुछ खत्म हो गया है। मैंने पुलिस में शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला। अगर प्रशासन से मदद नहीं मिली, तो परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। गांधीनगर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि शैलेंद्र का परिवार बेहद गरीब है और उसकी पूरी आर्थिक स्थिति इन पशुओं पर ही टिकी थी। चोरी के बाद घर में न खाने का इंतजाम है, न ही बच्चों की पढ़ाई जारी रह पाई है। परिवार अब दूसरों की दया पर जीने को मजबूर है।
इस घटना से पूरे इलाके में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि चोरी की ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई धीमी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द चोरी हुई भैंसों का पता लगाकर परिवार को न्याय दिलाया जाए। यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गरीब परिवारों की सच्चाई उजागर करती है जो पशुपालन के सहारे अपना जीवन यापन करते हैं। अगर समय रहते प्रशासन ने मदद नहीं की, तो यह परिवार भूख और कर्ज के बोझ तले पूरी तरह तबाह हो सकता है।
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दुकान में लगी आग, 18 दुपहिया वाहन जलकर हुए खाक
अनूपपुर
जिले के चचाई बाजार में बीती रात दो दुकानों में भीषण आग लग गई। इस घटना में एक बाइक रिपेयरिंग की दुकान और एक साइकिल की दुकान पूरी तरह जलकर खाक हो गईं। चचाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई इस घटना में बाइक रिपेयरिंग की दुकान में मरम्मत के लिए रखी गई लगभग 18 दोपहिया वाहन और उनके स्पेयर पार्ट्स जलकर नष्ट हो गए। दुकान मालिक के अनुसार, इसमें पुरानी मोटरसाइकिलें भी शामिल थीं।
इसी के साथ, बगल की साइकिल की दुकान में भी आग फैल गई। इस दुकान में रखी सभी साइकिलें और अन्य सामान भी पूरी तरह जलकर खाक हो गए। दोनों दुकानों में हुए नुकसान का अनुमान लाखों में लगाया जा रहा है। सूचना मिलने पर अग्निशामक दल मौके पर पहुंचा और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस ने आगजनी का मामला दर्ज कर लिया है और घटना के कारणों की जांच कर रही है।
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किसान कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के निदान हेतु राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर
जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष रामनारायण सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कृषक एवं कांग्रेस नेताओं ने महामहिम राज्यपाल के नाम से कलेक्ट्रेट परिसर अनूपपुर में पहुंच कर अपर कलेक्टर दिलीप कुमार पाण्डेय को ज्ञापन सौंपा। धान की फ़सल को कंधे पर रखकर रामनारायण सिंह ने प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को वास्तविकता से अवगत करवाया।किसानों की 08 सूत्रीय मांगपत्र का वाचन वरिष्ठ कांग्रेस नेता संतोष यादव द्वारा किया गया।
ज्ञापन सौंपने के दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनूपपुर श्री नागेन्द्रनाथ सिंह, रामखेलावन राठौर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष,जीवेन्द्र सिंह पूर्व उपाध्यक्ष नगरपालिका, राजीव सिंह जनपद अध्यक्ष जैतहरी, धनंजय सिंह उपाध्यक्ष नगर परिषद राजनगर, हरिशंकर दुबे ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष राजनगर,श्रीमन लाल केवट, मोहम्मद रफी, बाबा खान, सत्येन्द्र स्वरूप दुबे,आर.एस.शर्मा,जय प्रकाश पाण्डेय, इमरान खान बंटी,आशु चतुर्वेदी,राय सिंह,राजू केवट, राजकुमार लल्लू, आलोक सिंह, जितेन्द्र चंद्रा, प्रमोद कंवर, अरविंद यादव, रामलाल, मनोज चंदेल, रवि रौतिया,गेंदलाल केवट सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।
गगनभेदी नारे लगाते हुए अतिवर्षा से किसानों की फसलों का भारी नुक़सान हुआ है, जिसका सर्वे तत्काल किया जाकर राहत राशि मुआवजा शीघ्र दिलाने की पुरजोर मांग किया गया।
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सड़कों पर आवारा मवेशियों का कब्जा, राहगीर हो रहे हैं हादसे का शिकार, जिम्मेदार मौन
*खानापूर्ति कर भूले अभियान, पशु मालिक बेपरवाह*
अनूपपुर/कोतमा
जिले के कोतमा नगर की सड़कों पर आवारा मवेशी की समस्या पुरानी है। लेकिन बढते यातायात के बीच में यह मवेशी कई बार दुर्घटना का कारण बनती नजरआ रही है। कई पशुपालक ऐसे है जो सुबह के समय अपनी मवेशी खुले में सड़क पर छोड़ देते है। शाम को दोपहिया पर बैठकर इन मवेशी को खदेड़ते हुए वह घर ले जाते है। कार्रवाई के अभाव में मवेशी सड़क पर छोड़ने का सिलसिला जारी है लेकिन इससे दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है। मेनरोड पर सर्वाधिक भीड़ व वाहन रहते है । ऐसे में यहां पर पहले से यातायात की समस्या है। लेकिन शहर के पशुपालक ऐसे है जो अपने पशुओं को खुले में छोड देते है। दिन भर यह मवेशी शहर में घुम- घुमकर चारे की तलाश करती है। कई बार सड़क पर बैठ जाती है। ऐसे में वाहन टकराकर दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी रहती है। मौके में देखा जाय तो कई मौते भी ऐसे ही होती है, इस पर नगर परिषद प्रशासन द्वारा ध्यान देकर सड़क पर मवेशी छोड़ने वाले पशुपालकों पर कार्रवाई करने की जरूरत हैं।
*रात्रि में खतरा ज्यादा*
रात्रि के समय सड़क पर घुमने वाली मवेशियों से दुर्घटना का खतरा अधिक बढ़ जाता है। रात्रि के समय अंधेरे में कई बार तेज रफ्तार वाहन मवेशी से टकरा जाते है । इससे दुर्घटना में मवेशी घायल हो जाती है। साथ ही वाहन चालक व वाहन दोनों का नुकसान होता है। ऐसे में नगर परिषद प्रशासन द्वारा आवारा घुमने वाली मवेशी की समस्या हल करने की जरूरत है। कोतमा शहर की सड़कों पर घूमते आवारा मवेशी वाहन चालकों व राहगीरों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। यह समस्या बायपास से लेकर ओवर ब्रिज, बस स्टेंड, चौक - चौराहा, सब्जीमंडी, बेरियल रोड, रेलवे स्टेशन रोड से लेकर लगभग शहर की हर एक सड़क एवं हाईवे पर दिखाई देती है। दर असल बरसात शुरू होने के बाद सड़क पर मवेशियों का जमावड़ा बढ़ गया है। सबसे अधिक समस्या काली मंदिर रोड एवं गोंडरा रोड की है। यहां आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। पशुओं के स्वच्छंद विचरण से आवागमन बाधित होने के साथ राहगीरों को आने-जाने में जानवरों का भय बना रहता है। सुबह से लेकररात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। यह आवारा पशु बाजार में घुसकर अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं और इन्हें भगाने की कोशिश में कई लोग घायल हो जाते हैं। शहर के चौक-चौराहों व गलियों में आवारा पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है।
*खानापूर्ति कर भूले अभियान*
यातायात व्यवस्था बनाने के लिए कई बार नगर पालिका के अधिकारी को आवारा मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं। कई बार कलेक्टर के आदेश के बाद नपा ने मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई की, लेकिन इसके बाद आवारा मवेशियों को पकड़ने की मुहिम अक्सर दम तोड़ जाती है। जिसके चलते अक्सर शहर में हर चौक-चौराहों पर आवारा मवेशियों का झुंड देखा जा सकता है। ऐसे में ये कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। मवेशियों के अचानक सामने आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और फिर दुर्घटना होते देर नहीं लगती।
*पशु मालिक बेपरवाह*
कोतमा शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं। मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे मवेशियों से उनका कोई नाता न हो। दुर्घटना में मवेशियों की मौत के बाद वे मुआवजा के लिए जानवरों पर दावा करते हैं।वहीं फसलें पकने के साथ ही शहर में आवारा पशुओं का जमावड़ा बढ़ जाता है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पशुओं को फसलें उजाडऩे के कारण शहरों की ओर खदेड़ दिया जाता है।
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69 वी शालेय जिला स्तरीय कूडो प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न
अनूपपुर
जिले के जैतहरी के न्यू स्टेला मेरिस स्कूल में कूड़ो प्रतियोगिता कराई गई जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में कुरैशी सर डीएसओ महेंद्र सर रिटायर्ड पीटी टीचर विनीत जोसेफ डायरेक्टर न्यू स्टेला मेरिस स्कूल दीप्ति जोसेफ प्रिंसिपल न्यू स्टेला मेरिस स्कूल अमित कुमार गुप्ता समाजसेवी / पत्रकार , कोच श्रेया गुप्ता एवं असिस्टेंट कोच भर्ती मार्को की उपस्थिति में 40 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ के हिस्सा लिया इस टूर्नामेंट में न्यू स्टेला मेरिस स्कूल ओवरऑल चैंपियन बनी इस जिला स्तरीय टूर्नामेंट में न्यू स्टेला मेरिस, बेथल मिशन, पैरामाउंट, बालभारती और नोवेल पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रतिभागी अबीगैल, एलिजा जोसेफ, प्रगति सिंह, वंदना राठौर, अपूर्व शर्मा, चंचल मरावी, अनुष्का सिंह राठौड़, साधना आर्मो, देवयानी सोनी, जमुना पांडे, आशुतोष द्विवेदी, आदर्श सिंह राठौड़, अनुरजा गुप्ता, सारांश मिश्रा, दिलशान सिंह राठौड़, गंगा पांडे, धर्मेश द्विवेदी, कर्तव्य सिंह राठौड़ अर्श राठौर, मन शर्मा, अभिनव सिंह राठौड़, अरमान सिंह राठौड़, रुद्र प्रताप सिंह, आर्य राठौर, अंकित सिंह राठौड़ रहे। कार्यक्रम की संपन्नता के बाद सभी अतिथियों ने प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
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पायोनियर कम्पनी के तरफ से किया गया धान की बालियों का महादंगल
अनूपपुर
जिले के ग्राम पंचायत मौहरी में पायनियर सीड्स कंपनी के क्षेत्रीय प्रतिनिधि कमलेश राठौर द्वारा धान की बालियों का महादंगल किया गया। जिसके लिए एक दिन पहले मुनादी के माध्यम से गांव के सभी किसानों को सूचित किया गया की आप जिस धान की खेती करते है, उसकी 10 - 10 बालियां लेकर दंगल स्थान में आए और पायोनियर की 27P37 से तुलना करवाएं । गांव के रामखुमान राठौर, नत्थू राठौर, धनीराम मरावी (सरपंच) सहित 132 किसानों ने इस कार्यक्रम में चढ़बढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान किसानों के द्वारा लाए गए बालियों का वजन किया गया, जिसमें अधिकतम वजन 94 ग्राम तक आया वही 27P39 को तोला गया, जिसका वजन 118 ग्राम के साथ विजेता रहा, यही नहीं बल्कि 5×5 का क्रॉप कटिंग करके दिखाया गया, जिसमें उपज का अनुमान लगा कर दिखाया गया की यदि पायोनियर 27P39 की खेती करते हैं तो अन्य धान के अपेक्षा 15 से 20 प्रतिशत तक अधिक मुनाफा हो सकता है। पायोनियर की 27P39 की अन्य विशेषताओं के बारे में बताया गया की इसमें बीमारियां जैसे BLB, ब्लास्ट एवं भूरा माहू के प्रति सहनशीलता हैं, अन्य धान के अपेक्षा इसमें कम नुकसान होगा । सभी किसानों ने भलीभाती समझा और इस बात को माना की पायोनियर कंपनी किसानों को हर प्रकार से मददगार हैं, चाहे वह अधिक उत्पादन देने वाले बीज उपलब्ध करवा कर और अपने कर्मचारियों को किसानों के बीच भेज कर खेती में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहते है।
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कलेक्टर ने कन्या शिक्षा परिसर का किया निरीक्षण,छात्रों से की चर्चा
शहडोल
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने कन्या शिक्षा परिसर कंचनपुर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आवासीय परिसर में रह रही छात्राओं से आत्मीय संवाद करते हुए उनकी पढ़ाई, दिनचर्या तथा भविष्य की तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
कलेक्टर ने छात्राओं से उनके अध्ययन विषय, कैरियर विकल्पों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से जुड़े प्रश्न पूछे और उन्हें लक्ष्य निर्धारित कर निरंतर मेहनत करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन में प्रगति का सर्वाेत्तम माध्यम है, इसलिए प्रत्येक छात्रा को आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रावास परिसर की व्यवस्थाओं, भोजन, स्वच्छता एवं सुरक्षा की भी जानकारी ली तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने छात्राओं को यह विश्वास दिलाया कि प्रशासन सदैव उनके सर्वांगीण विकास और सुरक्षित वातावरण के लिए प्रतिबद्ध है।
निरीक्षण के दौरान सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्री आनन्द राय सिन्हा, प्राचार्य एवं शिक्षण स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।
समाचार 10
10 गुम मोबाइल उनके मालिकों को किया सुपुर्द
पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान द्वारा पूरे जिले में गुम हुए मोबाइलों को दस्तयाब कर उनके मालिकों को सुपुर्द करने के निर्देश दिए गए हैं।इसी क्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर व एसडीओपी कोतमा के निर्देशन में थाना प्रभारी कोतमा रत्नाम्बर शुक्ल द्वारा गुम हुए मोबाइल फोनो को दस्तयाब करने हेतु टीम बनाई गई। पुलिस टीम द्वारा साइबर सेल अनूपपुर की मदद से 10 मोबाइलों को तलाश कर संबंधित मोबाइल फोन के मालिकों को सुपर्द किया गया । मोबाइल मिलने पर संबंधित आवेदकों ने पुलिस की प्रशंसा करते हुए खुशी जाहिर की है ।